नई दिल्ली:अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी होंगी. वहीं, इस बीच विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने अरविंद केजरीवाल पर जोरदार निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली में अब वामपंथी सोच का शासन शुरू होगा. साथ ही विजेंद्र गुप्ता ने मुख्यमंत्री पद के लिए आतिशी का नाम प्रस्तावित करने पर कहा कि आतिशी रबर स्टैंप मुख्यमंत्री की तरह काम करेंगी. उनका रिमोट केजरीवाल के हाथ में ही रहेगा. वह जैसा चाहेंगे, आतिशी वैसा ही करेंगी.
नेता विपक्ष ने कहा कि वामपंथी विचारधारा वाली आतिशी को गद्दी पर बिठाकर केजरीवाल पिछले दरवाजे से वामपंथी एजेंडा दिल्ली में लागू करने का मंसूबा पाल रहे हैं. मजबूरी में अपना इस्तीफा देकर उन्होंने साफ कर दिया कि वह 10 साल के आप पार्टी की सरकार के कुशासन और भ्रष्टाचार पर जनता के सामने अपनी जवाबदेही से बचने की कोशिश कर रहे हैं. अपने रिपोर्ट कार्ड को जनता के सामने दिखाने से बच रहे हैं.
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि आतिशी सिर्फ डमी मुख्यमंत्री बन कर रह जाएंगी. यह दिल्ली के 2 करोड़ लोगों के साथ अन्याय होगा. उन्होंने कहा कि वामपंथी विचारधारा की पोषक आतिशी को मुख्यमंत्री बनाकर केजरीवाल ने अपना वामपंथी चेहरा जनता के सामने प्रकट कर दिया है. गुप्ता ने कहा कि यह अत्यंत दुखद है कि दिल्ली की बागडोर एक ऐसी महिला के हाथ में दी जा रही है जिसके परिवार के लोग पार्लियामेंट हमले के मुख्य अभियुक्त अफजल गुरु को बचाने के प्रयासों में सक्रिय रहे हैं. अब दिल्ली वालों को समझ लेना चाहिए, उनकी नई मुख्यमंत्री किस सोच के साथ गद्दी पर बैठने जा रही हैं.
नेता विपक्ष ने आशंका जताई कि दिल्ली की स्थिति बद से बदतर होती चली जाएगी, क्योंकि आतिशी का मंत्री के रूप में कार्यकाल पूरी तरह विफल रहा है. जल मंत्री के रूप में उन्होंने मानसून के कारण हुए जल भराव की सैकड़ों घटनाओं पर कोई कार्रवाई नहीं की. उनके पीडब्ल्यूडी मंत्री होते हुए दिल्ली की सड़कों की आज क्या स्थिति है यह किसी से छिपा नहीं है. शिक्षा मंत्री के रूप में दिल्ली सरकार के शैक्षणिक संस्थानों में भारी वित्तीय अनियमिताएं के चलते कितना भ्रष्टाचार हुआ है इसका खुलासा भाजपा पहले ही कर चुकी है.
विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली की जनता को आगाह करते हुए कहा कि वह आतिशी को लेकर कोई मुगालता न पालें. क्योंकि उनके मुख्यमंत्री बनने से दिल्ली वालों की दशा और दिशा बदलने वाली नहीं है. उन्हें अगले विधानसभा चुनाव में फैसला करना होगा कि वह दिल्ली में कैसी सरकार चाहते हैं. प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 'विकसित भारत के संकल्प' वाली सरकार या भ्रष्टाचार में पूरी तरह से डूबी हुई आम आदमी पार्टी की सरकार.