पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी. (ETV Bharat Jaipur) जयपुर. पश्चिम बंगाल में कोलकाता हाईकोर्ट ने वर्ष 2010 के बाद जारी सभी ओबीसी सर्टिफिकेट को रद्द करने के आदेश दिए और कहा कि ये सर्टिफिकेट किसी भी सरकारी भर्ती में काम नहीं लिए जा सकेंगे. हाईकोर्ट के आदेश के बाद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने इस फैसले को मानने से इनकार कर दिया. भाजपा के नेताओं ने इस बयान की कड़े शब्दों में निंदा की है. जयपुर में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष प्रभुलाल सैनी ने कहा कि न्यायालय के फैसले को खुले मंच से मानने से इनकार करना न्यायतंत्र की घोर अवहेलना है. इस मामले में कांग्रेस, ममता बनर्जी और इंडी एलायंस पर तुष्टीकरण करके पूरे देश और लोकतंत्र को छिन्न भिन्न करने का काम कर रही है.
न्यायालय की अवमानना :पार्टी उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी ने ममता बनर्जी के कोर्ट के फैसले को नहीं मानने पर कड़ी भर्त्सना की. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले के बाद उनकी प्रतिक्रिया इंगित करती है कि इंडी अलायंस और सीएम ममता बनर्जी की न्यायिक निर्णयों के प्रति आस्था नहीं है. ममता बनर्जी का सार्वजनिक रूप से कहना कि 'मैं कोर्ट के निर्णय को नहीं मानती हूं', सीधे सीधे न्यायालय की अवमानना का मामला बनता है. सैनी ने कहा कि कोर्ट ने माना है कि अब तक पांच लाख से ज्यादा ओबीसी सर्टिफिकेट जारी करने का फैसला पूर्ण रूप से राजनीतिक भावना से तत्कालीन सरकार की ओर से लिया गया है. यह निर्णय सरकार का जाति समुदाय विशेष के लोगों को वोटों के लिए प्रलोभन के लिए लिया गया.
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तुष्टीकरण की राजनीति नहीं होने देंगे : कोर्ट ने लिखा है ओबीसी आयोग बना है. आदेश जारी कर दिए गए हैं, राजनीतिक षड्यंत्र हुए हैं. छुपाकर तथ्य सामने नहीं रखे गए. यदि सही मंशा थी तो 42 वर्षों का सर्वे हुआ तो 41 वर्ग एक ही समुदाय विशेष के थे और मात्र एक वर्ग हिंदू को शामिल किया गया. सैनी ने ममता सरकार और कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इससे कल्पना की जा सकती है कि कितनी पारदर्शी सरकार है. यह लोकतंत्र में विश्वास करने लायक है. वहीं, दूसरी ओर भाजपा सरकार सबको विश्वास में लेकर कई प्रकार के निर्णय लेती है. पीएम मोदी ने पहले ही कहा था कि तुष्टीकरण की राजनीति नहीं होने देंगे. इस पर अब न्यायालय की मुहर लगी है. कोर्ट ने भी माना है ओबीसी के आरक्षण के बारे में भारत सरकार प्रयासरत रही है.
समस्याओं के निराकरण का प्रयास :पानी-बिजली की समस्या को लेकर एक सवाल के जवाब में पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी ने कहा कि राजस्थान की भजनलाल सरकार लोगों की पानी बिजली और अन्य समस्याओं के निराकरण के प्रयास में लगी हुई है. भजनलाल सरकार ने एडवाइजरी जारी कर बिजली पानी के कर्मचारियों की छुट्टी रद्द कर उन्हें पाबंद किया है. साथ ही कहा गया है कि रात में बिजली कटौती नहीं होगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश की भजनलाल सरकार पानी, बिजली और शिक्षा को लेकर गंभीर है. सरकार हर वर्ग को लेकर काम कर रही है. प्रदेश के हर नागरिक को मूलभूत सुविधा मिले इसको लेकर भजनलाल सरकार संकल्पित है.
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ओबीसी आबादी के हितों पर कुठाराघात न हो :भाजपा प्रदेश महामंत्री और विधायक जितेंद्र गोठवाल ने कांग्रेस और टीएमसी पर न्यायालय की गरिमा और आस्था पर प्रहार करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि तुष्टिकरण के नाम पर ये लोग किसी भी हद तक गिर सकते हैं. खुद की सरकार को पारदर्शी सरकार बताकर ममता बनर्जी ने बंगाल में आज हिंदुओं को विस्थापित होने को मजबूर कर दिया है. आज बंगाल में समुदाय विशेष के लोगों को विशेष तवज्जो दी जाती है. उन्होंने आरोप लगाया कि हिुंदुओ की उपेक्षा कर उनके खिलाफ निरंतर अत्याचार बढ़ रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कई अवसरों पर कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति और हिंदू विरोधी मानसिकता पर प्रहार किया है. पीएम मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ओबीसी वर्ग के आरक्षण को लेकर गंभीर है, इसलिए 2017 में न्यायाधीश रोहिणी के नेतृत्व में कमीशन बनाकर ओबीसी आरक्षण की समीक्षा करने का काम शुरू किया. देश की 51 फीसदी ओबीसी आबादी के हितों पर कोई कुठाराघात न हो इसके लिए पीएम मोदी निरंतर प्रयासरत हैं. दूसरी ओर इंडी गठबंधन तुष्टिकरण के आधार पर देश को बांटने का काम कर रहा है.