नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल में है. तब से लेकर अभी तक सरकार का काम धीमी गति से चल रहा है. इस दौरान न तो कैबिनेट की मीटिंग हुई है और ना ही विधानसभा का सत्र बुलाया गया है. मंगलवार को विपक्षी दल बीजेपी के विधायक विधानसभा पहुंचे, उन्होंने वहां मीटिंग की और उसके बाद विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल से जल्द से जल्द विशेष सत्र बुलाने की मांग की.
बीजेपी विधायकों ने जिक्र किया कि दिल्ली की जनता से जुड़े कई मुद्दे हैं, जिस पर विधानसभा में चर्चा होनी चाहिए. सभी ने स्पीकर से निवेदन किया कि यह सत्र जल्द से जल्द बुलाई जाए. हालांकि, इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला है. उन्होंने बीजेपी विधायकों का पत्र स्वीकार कर लिया.
बीजेपी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल से विधानसभा का सत्र बुलाकर बिजली एवं पानी की कटौती एवं बिलों में लग रहे भारी भरकम पीपीएसी एवं अन्य चार्जों पर चर्चा की मांग की. विधानसभा अध्यक्ष से मिलने वाले विधायकों में उपनेता मोहन सिंह बिष्ट, मुख्य सचेतक अजय महावर, विजेन्द्र गुप्ता, महामंत्री अनिल बाजपेई, जितेन्द्र महाजन एवं अभय वर्मा शामिल थे.
दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के संबंध में बीजेपी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष से की मुलाकात (ETV BHARAT) स्पीकर से मिलने के बाद बोले विधायकःदिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल से मुलाकात के बाद बीजेपी विधायक विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि बिजली वितरण कंपनियों ने पीपीएसी के नाम पर बिजली की दरों में बेतहाशा वृद्धि कर दी है. दिल्ली पहले ही एक लंबे अरसे से पीने के पानी की कमी के संकट से जूझ रही है. विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार की लापरवाही से बारिश से निपटने के प्रबंध नहीं किए जाने के कारण जलभराव की समस्या ने भी विकराल रूप धारण कर लिया है.
"समय से सूचना मिलने के बाद भी रिसती हुई मुनक नहर का बैराज टूट गया और बवाना के कई ब्लॉक्स में तीन-तीन फीट पानी भर जाने से लाखों लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया. -अजय महावर, BJP विधायक
दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र तुरंत बुलाया जाए ताकि आम जनता की इन समस्याओं पर चर्चा हो सके और दिल्ली सरकार की जवाबदेही तय की जा सके."-अभय वर्मा, BJP विधायक
अनिल वाजपेयी ने कहा कि देशभर में राज्य विधानसभाओं में मॉनसून सत्र का प्रावधान है, लेकिन दिल्ली सरकार जेल में बंद अपने मुख्यमंत्री और मंत्रियों की जमानत और अदालती कार्यवाही में जुटी हुई है. उसे दिल्ली की समस्याओं से जैसे कोई लेना-देना नहीं है.