नई दिल्ली:छठ पूजा का समय निकट है, लेकिन क्या दिल्ली में रहने वाले पूर्वांचल के लोग इस बार भी अपनी परंपरा को यमुना नदी के किनारे मना पाएंगे? यह एक बड़ा प्रश्न बन चुका है. साल 2020 में कोरोना महामारी के बाद से यमुना नदी में छठ पूजा को लेकर लगाए गए प्रतिबंध अब तक जारी हैं.
पिछले महीने होने वाली विधानसभा के विशेष सत्र में आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों ने उपराज्यपाल से यमुना में छठ पूजा की अनुमति देने की मांग उठाई. उनका कहना था कि अब हालात सहज हो गए हैं, इसलिए इस त्यौहार को मनाने में कोई बाधा नहीं होनी चाहिए. लेकिन, इस पर कोई ठोस फैसला नहीं आया है, जिससे श्रद्धालुओं में बेचैनी उत्पन्न हो रही है.
दूसरी तरफ, यमुना में प्रदूषण का स्तर भी बड़ी चिंता का विषय बन चुका है. रासायनिक अपशिष्टों के कारण नदी के पानी की गुणवत्ता गंभीर रूप से खराब हो गई है. इसमें झाग और गंदगी की परतें तैर रही हैं. यह मुद्दा विपक्ष के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण बन गया है. भाजपा विधायक अभय वर्मा का आरोप है कि दिल्ली सरकार ने पिछले 10 वर्षों में यमुना नदी को साफ करने में पूरी तरह से विफलता दिखाई है. उन्होंने कहा, “छठ पूजा तो किसी भी हाल में मनाई जाएगी, लेकिन यह सरकार की बड़ी असफलता है कि उन्होंने यमुना के पानी को साफ नहीं किया.”
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ताने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का 2015 का वादा आज तक अधूरा है. केजरीवाल ने बार-बार दावा किया कि यमुना के पानी को इतना साफ किया जाएगा कि लोग उसमें स्नान कर सकें. लेकिन, वक्त बीतने के बावजूद स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. उन्होंने मुख्यमंत्री आतिशी से अनुरोध किया है कि कुछ वैकल्पिक व्यवस्था की जाए ताकि श्रद्धालु छठ पूजा का आयोजन श्रद्धा के साथ कर सकें.
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यमुना नदी को स्वच्छ बनाने को लेकर अरविंद केजरीवाल ने कब-कब और क्या- क्या कहा
13 नवम्बर 2015: केजरीवाल ने यमुना नदी के प्रति अपने दृष्टिकोण को स्पष्ट करते हुए कहा, “5 साल के अंदर अपने को ऐसे करना है कि दिल्ली के एक-एक व्यक्ति को यमुना के तट पर लाना है और एक-एक व्यक्ति को यमुना के लिए गौरवान्वित महसूस करवाना है.” यह टिप्पणी उनकी उत्साह भरी सोच को दर्शाती है, जिसमें उन्होंने यमुना के प्रति लोगों की भावना को जोड़ने का प्रयास किया.
2 नवम्बर 2016: केजरीवाल ने यमुना की सफाई के लिए एक ठोस खाका तैयार करने की बात की, जिसमें यह बताया गया था कि किस तरह से यमुना की सफाई करनी है. उन्होंने विस्तार से अपने ठोस प्रयासों की रूपरेखा साझा करने की बात की.