दुमका: सारठ के भाजपा विधायक रणधीर कुमार सिंह सहित 14 लोगों को आज 14 साल पुराने 2010 के केस में कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है. उन पर देवघर उपायुक्त कार्यालय में एक प्रदर्शन के दौरान हंगामा, मारपीट और सरकारी काम में बाधा का केस तात्कालीन अंचलाधिकारी सिद्धार्थ शंकर चौधरी ने दर्ज कराया था.
क्या है पूरा मामला
वर्ष 2010 में झारखंड विकास मोर्चा के द्वारा देवघर उपायुक्त कार्यालय के बाहर किसानों को सुखाड़ का राहत दिलाने की मांग को लेकर एक प्रदर्शन किया गया था. उस दौरान प्रदर्शन के बाद देवघर के अंचलाधिकारी सिद्धार्थ शंकर चौधरी ने नगर थाने में यह एफआईआर दर्ज कराया था कि झाविमो के आंदोलन के दौरान उपायुक्त कार्यालय में जमकर हंगामा किया गया. तोड़फोड़ की गई और सरकारी कार्य में बाधा पहुंचा गया.
इसे लेकर बलदेव दास, रणधीर कुमार सिंह, नागेश्वर सिंह, दिनेश मण्डल, सहीम खान, विपिन देव, मणिकांत यादव, गोविंद यादव, बिंदु मण्डल समेत कुल 14 लोग आरोपी बनाये गये थे. यह केस 14 वर्षों तक चला और आज दिन सोमवार को जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय लक्ष्मण प्रसाद की अदालत ने सभी आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. रिहाई के बाद कोर्ट से निकल कर रणधीर कुमार सिंह ने कहा कि मामला बिल्कुल निराधार था. जिसमें कोर्ट ने हमें बरी किया है.
विधायक रणधीर सिंह ने कहा कि जीतेंगे झारखंड की सभी 14 लोकसभा सीट