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अंतर्धार्मिक संबंधों पर बीजेपी नेता ने दिया 'ज्ञान', लिव इन रिलेशनशिप को बताया 'घातक' - Harbhajan Singh Cheema Statement

Harbhajan Cheema on inter-religious relations, अंतर्धार्मिक संबंधों को काशीपुर पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा ने समाज के लिए 'घातक' बताया है. हरभजन सिंह चीमा ने कहा इस तरह के लिव इन रिलेशन को सामाजिक एवं कानूनी मान्यता देने वाली पीढ़ियों के लिए स्वीकार्य हो सकता है.

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 26, 2024, 7:04 PM IST

Updated : Jul 26, 2024, 7:19 PM IST

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अंतर्धार्मिक संबंधों पर बीजेपी नेता ने दिया 'ज्ञान' (Etv Bharat)

अंतर्धार्मिक संबंधों पर बीजेपी नेता ने दिया 'ज्ञान' (Etv Bharat)

काशीपुर:बीजेपी नेता, काशीपुर पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा ने लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे अंतर्धार्मिक संबंध मामले में बयान दिया है. हरभजन सिंह चीमा ने अंतर्धार्मिक संबंधों को समाज के लिए 'घातक' बताया है. चीमा का मानना है कि धार्मिक क्षेत्र में इसके प्रयोग को मान्यता दिए जाने से अवश्य ही सभी धर्मों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

उच्च न्यायालय नैनीताल ने उत्तराखण्ड में लागू समान नागरिक संहिता को मद्देनजर रखते हुए ऐसे जोड़ों को सुरक्षा दिए जाने के निर्देश दिए गए हैं. इस पर काशीपुर पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा ने लिव इन रिलेशन में रह रहे अंतरधार्मिक जोड़ों को सुरक्षा मिलने के नियम व कानून से उत्पन्न ही रही समस्याओं पर बयान दिया है. उन्होंने कहा इस प्रकार के रिलेशन को समाज के लिए बेहद घातक हैं.

अंतर्धार्मिक संबंधों पर बीजेपी नेता ने दिया 'ज्ञान' (Etv Bharat)

पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा ने कहा उनका फोकस भविष्य की उन स्थितियों के प्रति पड़ने वाले प्रभावों पर है, जो इस प्रकार के रिश्तों से समाज में पैदा होंगे. पूर्व विधायक चीमा ने कहा वह सभी धर्मों का सम्मान करते हैं. उन्होंने कहा हमारा समाज आपसी सौहार्द का गुलदस्ता है, वह इन बढ़ती हुई सामाजिक कुरीतियों को कभी भी स्वीकार नहीं करेगा. अपने अपने धर्म के भीतर ही इस तरह के लिव इन रिलेशन को सामाजिक एवं कानूनी मान्यता देने वाली पीढ़ियों के लिए स्वीकार्य हो सकता है. उन्होंने कहा ऐसे रिश्तों में धोखा होता है. कुछ समय बाद इनमें बिखराव हो जाता है. ऐसे बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो जाता है. जिसके लिए उन्हें सारी जिन्दगी पछताना पड़ता है. ऐसे रिश्तों को सुरक्षा प्रदान करने व आपस में शादी करने की स्वीकृति देने से निश्चित तौर पर समाज में आपसी भाईचारा व रिश्ते खराब होंगे.

समान नागरिक संहिता का उपयोग लोगों की तरक्की के लिए होना चाहिए न कि धार्मिक रिश्तों के बिखराव के लिए. चीमा का मानना है कि धार्मिक क्षेत्र में इसके प्रयोग को मान्यता दिए जाने से अवश्य ही सभी धर्मों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

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Last Updated : Jul 26, 2024, 7:19 PM IST

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