22 जनवरी तक अयोध्या पर भाजपा का कब्जा- खाचरियावास जयपुर. अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. इसे लेकर सियासी बयानबाजी जारी है. कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने राम मंदिर में हो रहे आयोजन को भाजपा का इवेंट बताते हुए कहा कि वे भी 22 को अयोध्या जाना चाहते थे, लेकिन 22 जनवरी तक अयोध्या और राम मंदिर पर भाजपा का कब्जा है. वे ही तय कर रहे हैं कि कौन आए और कौन नहीं. उनका कहना है कि वे 25 जनवरी को गुरु पुष्य संयोग में भगवान राम के दर्शन करने अयोध्या जाएंगे. जयपुर में अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि भगवान राम के बिना सृष्टि की कल्पना संभव नहीं. राम के नाम पर राजनीतिक पार्टियों को प्रतिस्पर्धा करने का अधिकार नहीं है. भगवान राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरे राजस्थान में कांग्रेस परिवार में खुशी है. हमें भी इस बात की खुशी है.
प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर हम भी मनाएंगे दिवाली :खाचरियावास बोले, भाजपा कहती है कि कांग्रेस के लोग अयोध्या जाना नहीं चाहते. कांग्रेस के लोग भी अयोध्या जाना चाहते हैं. मैं खुद भी वहां जाना चाहता था, लेकिन केंद्र और उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने 22 जनवरी तक अयोध्या पर कब्जा कर लिया है. हम सब 22 जनवरी के बाद अयोध्या जाएंगे. हम सब राजस्थान में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पर दिवाली मनाएंगे.
इसे भी पढ़ें-जैसलमेर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर मुस्लिम समुदाय में खुशी की लहर, गाए जा रहे मंगल गीत
नेहरू ने रखवाई प्रतिमा, राजीव ने खुलवाए ताले :प्रताप सिंह बोले, भगवान राम को लेकर जिस तरह से कांग्रेस को टारगेट किया जा रहा है, यह गलत है. अयोध्या में रामलला की प्रतिमा पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने स्थापित करवाई. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने अपने कार्यकाल में मंदिर के ताले खुलवाए और पूजा शुरू करवाई थी, लेकिन अब जो हो रहा है, वह भाजपा का इवेंट है, लेकिन जिस ढंग से कांग्रेस को टारगेट किया गया, वह गलत है.
अब मंदिर पर नहीं हो कोई वाद-विवाद :उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के सबसे बड़े धर्मगुरु शंकराचार्य हैं. वे कह रहे हैं कि जब तक मंदिर निर्माण पूरा नहीं होता, प्राण प्रतिष्ठा करवाना गलत है. यह भी सही है कि धर्माचार्यों और शंकराचार्यों को भी इस कार्यक्रम में आगे लाया जाता तो अच्छा होता, लेकिन अब यह विवाद का मुद्दा नहीं है. अब इस पर आगे कोई विवाद नहीं होना चाहिए, लेकिन भाजपा चाहती है कि इस पर वाद-विवाद हो और फिर उनकी तारीफ शुरू हो.
प्रतिमा को लेकर कही यह बात :खाचरियावास बोले, मूर्ति कौनसी लगेगी, वह भी भाजपा वाले ही पसंद कर रहे हैं. पहले रामलला की जिस प्रतिमा की पूजा की जा रही थी, उसे लोगों के विरोध के बाद अब मंदिर में ही स्थापित करवाया जा रहा है. धार्मिक ग्रंथों में लिखा है कि भगवान राम का आकर्षक व्यक्तित्व था और वे गौर वर्ण थे. बताया जा रहा है कि राजस्थान से सफेद संगमरमर की प्रतिमाएं भी अयोध्या गई थी, लेकिन पसंद श्याम वर्ण की प्रतिमा को किया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि काले पत्थर की प्रतिमा हो या सफेद पत्थर की. भगवान सबका कल्याण करने वाले होते हैं.
इसे भी पढ़ें-जयपुर का विशेष मंदिर, भगवान राम को दामाद और माता सीता को बहन मानकर की जाती है पूजा
भाजपा का इन दिनों दक्षिण पर जोर ज्यादा :प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि इस बार भाजपा का जोर इन दिनों दक्षिण पर ज्यादा है. भाजपा दक्षिणी राज्यों में कमजोर है. इसलिए भाजपा नेताओं का वहां घूमना और वहां का राजनीतिकरण करना अभी ज्यादा हो रहा है. इसके जरिए एक तरह से मैसेज देने का प्रयास किया जा रहा है.
दो बातों पर भाजपा मांगे माफी :खाचरियावास ने कहा कि भाजपा को दो बातों पर माफी मांगनी चाहिए. पहला जो नारा दिया गया है, जो राम को लाया है. हम उनको लाएंगे, यह गलत है, राम कहीं गए थोड़ी थे, वे तो यहीं हैं और उनकी वजह से ही हम हैं. राम सबको लाए हैं. भाजपा राम को नहीं लाई. दूसरा जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राम से बड़ा पोस्टरों में दिखाया जा रहा है. वह भी गलत है.