पटनाःकोरोना संकट के बाद पूरा देश डिजिटल की ओर बढ़ रहा है. इस संकट ने देश में बहुत कुछ बदल कर रख दिया है. बदलाव का असर भी दिख रहा है. कभी पिछड़ा राज्य कहलाने वाला बिहार पर भी इसका व्यापक असर पड़ा है. अब बिहार के लोग डिजिटल हो गए हैं. मोबाइल बैंकिंग और इंटरनेट यूजर की तादाद अच्छी खासी बढी है. राष्ट्रीय स्तर पर बिहार टॉप पर दिख रहा है. देखें भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण की रिपोर्ट.
इंटरनेट बैंकिंग 162% का इजाफाःआंकड़ों की अगर बात कर लें तो मार्च 2021 में मोबाइल बैंकिंग यूजर की संख्या 62 लाख थी. वर्ष 2021 की तुलना में बिहार में मोबाइल यूजर की संख्या में 162 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इंटरनेट बैंकिंग उपभोक्ताओं की संख्या में भी 110% की बढ़त दर्ज की गई है.
12.13 % आबादी मोबाइल बैंकिंग पर निर्भरःकोरोना संकट के बाद डिजिटल लेनदेन बिहार में तेजी से बढे हैं. बिहार की अनुमानित आबादी 12.92 करोड़ के आसपास है. राज्य की 12.13% आबादी मोबाइल बैंकिंग और 11.84% आबादी इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग कर रही है. एसएलबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक 2024 में मोबाइल बैंकिंग उपभोक्ताओं की संख्या 1.63 करोड़ और इंटरनेट बैंकिंग यूजर 1.53 करोड़ हैं.
17% से अधिक फोन यूजरःमोबाइल बैंकिंग में यूपीआई की भूमिका अहम है. बिहार और पटना में यूपीआई से लेनदेन में तेजी से वृद्धि हुई है. उपभोक्ताओं ने चार करोड़ से अधिक का लेनदेन किया है. जनवरी से मार्च 2024 में बढ़कर 12 करोड़ 40 लाख रुपया हो गया.