पटना: देशभर में रंगों का त्योहार होली सोमवार को पूरे उत्साह के साथ मनाया गया. बिहार में आज भी होली का त्योहार पूरे उमंग से मनाया जा रहा है. लेकिन सोमवार को बिहार के शिक्षकों की ड्यूटी होली के दिन रद्द कर दी गई, ऐसा शिक्षकों का कहना है, जिसके बाद कई शिक्षकों ने सरकार के फैसले का विरोध किया. कई शिक्षक होली के दिन कीचड़ में सने हुए स्कूल पहुंचे, जिससे बाद उन्होंने अपना गुस्साकेके पाठक और नीतीश सरकार पर उतारा.
होली पर शिक्षकों को नहीं मिली छुट्टी : बिहार में 25 मार्च को होली के दिन बच्चों की उपस्थिति नगण्य रही, लेकिन सरकारी शिक्षक केके पाठक का आदेशानुसार स्कूल जरूर पहुंचे. लेकिन इस दौरान कई शिक्षकों को हुड़दंगियों का सामना करना पड़ा. किसी का सिर फूट गया तो कोई कीचड़ और गोबर में सनकर स्कूल पहुंचा. कई टीचर के शरीर पर तो कपड़ा तक नहीं था, मानो हुड़दंगियों ने उनके साथ जमकर कपड़ा फाड़ होली खेली हो. तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. शिक्षकों ने केके पाठक के आदेश का विरोध भी किया.
इस हालत में स्कूल पहुंचे शिक्षक : उच्च माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक अश्विनी कुमार पर विद्यालय आने के कारण रास्ते में उनपर गोबर फेंका गया. वहीं, सन्हौला के शिक्षक रणदेव सुमन ने बताया कि सरकार ने आज स्कूल खोलकर अन्याय किया. मेरा मोबाइल टूट गया. पर्व त्यौहार में स्कूल नहीं खोलना चाहिए. ऐसे में किसी की जान भी जा सकती है. शिक्षको ने सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के जुर्म में दोषियों पर कारवाई सुनिश्चित करने की मांग की.
'कपड़े मत फाड़ना भाई, ड्यूटी पर जा रहा हूं' :होली के दिन अजब गजब तस्वीरें भी देखने को मिली. बिहार में होली के दिन सोमवार को स्कूल के लिए निकले शिक्षक ने अपने बाइक पर लिखा, 'कपड़े मत फाड़ना भाई, शिक्षक की ड्यूटी पर जा रहा हूं'.
जबरन रंग लगाने में मास्टर साहब का सिर फटा :वहीं पटना जिला से एक तस्वीर सामने आई, जहां हुड़दंगियों ने स्कूल जाने के दौरान एक शिक्ष को जबरन रंग लगाया. इस दौरान उनका सिर फट गया. शिक्षक की पहचान फतुहा प्रखंड के चकसुल्तानपुर के नियोजित शिक्षक अजय कुमार के रुप में हुई है. विद्यालय जाने के दौरान राहगीरों द्वारा जबरन धूरखेली में उनका सिर फट गया, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. इसके बाद सोशल मीडिया पर शिक्षको ने पूछा- 'अगर जान चली जाती तो'.
''होली के दिन केके पाठक साहब की वजह से आप देखिए आज हमारी क्या हालत है. मेरी तबीयत खराब है, इसके बावजूद हम स्कूल आएं है, देखिए मेरी हालत. किस स्थिति में विद्यालय आए है, और कैसे काम करेंगे, बताइये?. इस बात को समझना चाहिए.'' -आदित्य कुमार, शिक्षक