सारणःरसगुल्ला का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है. चीनी की चाशनी में डूबा छेना की मिठाई का जोड़ नहीं है. बंगाल का फेमस रसगुल्ला तो खूब खाएं होंगे लेकिन एक बार बिहार का मशहूर रसगुल्ला जरूर खाएं. बिहार के शीतलपुर वाला रसगुल्ला के दिवाने हो जाएंगे.
75 साल से बन रहा रसगुल्लाः ऐसे तो शीतलपुर में कई रसगुल्ले की दुकान है लेकिन सबसे खास महावीर शाह और बैसाखी शाह के रसगुल्ले फेमस है. बैसाखी शाह दुकान के संचालक नंद कुमार बताते हैं कि लगभग 75 साल से वे रसगुल्ला बना रहे हैं. इनकी दुकान में इतनी भीड़ लगती है कि कभी-कभी रसगुल्ले कम पड़ जाते हैं. बताते हैं कि चौथी पीढ़ी रसगुल्ला की दुकान चला रही है. रसगुल्ला के कई किस्म हैं लेकिन स्पंजी रसगुल्ला की डिमांड हाई है.
शुद्धता और स्वाद कायमः दुकानदार नंद कुमार बताते हैं कि इस रसगुल्ले को बनाने में शुद्धता और स्वाद का ख्याल रखा जाता है. यही कारण है कि इस रसगुल्ले की पहचान बन गयी है. सारण जिले के साथ साथ पूरे बिहार के लोग यहां से रसगुल्ला खरीदकर ले जाते हैं. पटना केंद्रीय विद्यालय के शिक्षक ने बताया कि वह दिघवारा के रहने वाले हैं. जब भी पटना से छपरा अपने घर जाते हैं तो यहां पर रुककर स्पंज रसगुल्ला जरूर खाते हैं.
"मेरे दादा बैसाखी शाह ने 70 से 80 वर्ष पहले रसगुल्ला बनाने की शुरुआत की थी. उसके बाद मेरे पिता और हम दुकान संभाल रहे हैं. मेरा बेटा भी दुकान संभालता है. आज भी क्वालिटी को लेकर कोई समझौता नहीं करते हैं. शुद्धता और स्वाद में कोई कसर नहीं छोड़ते. लोगों का प्यार और आशीर्वाद है कि सबसे ज्यादा रसगुल्ले की बिक्री होती है."-नंद कुमार, दुकानदार
पटना से 50 किमी दूरः अब बात करते हैं बैसाखी शाह के स्पंजी रसगुल्ला कैसे खाया जाए? दरअसल रसगुल्ला खाने के लिए आपको पटना से छपरा मार्ग में 50 किमी की दूरी तय करना पड़ेगा. इतनी दूरी तय करने पर शीतलपुर नामक स्टेशन आएगा. इसी जगह बैसाखी शाह की दुकान है. दुकान के बाहर भीड़ देखकर ही पहचान जाएंगे कि यही रसगुल्ला की दुकान है. जो इस दुकान को जानते हैं वे यहां से रसगुल्ला खाए बिना नहीं जाते.