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पेपरलेस होगी बिहार विधानसभा, जानिए क्या हैं पेपरलेस असेंबली के मायने - BIHAR ASSEMBLY PAPERLESS

बिहार विधानसभा में अब पेपर का इस्तेमाल नहीं होगा, जानिए कब से. अविनाश कुमार की रिपोर्ट

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बिहार विधानसभा होगा पेपरलेस (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : 17 hours ago

Updated : 17 hours ago

पटना:अब जमाना डिजिटल है. लोग धीरे-धीरे टेक्नोलॉजी के सहारे काम को आसान बनाने की कर रहे हैं. ऐसे में सरकार भी अब विधानसभा में पेपर के इस्तेमाल को कम करने में लगी हुई है. बिहार सरकार भी अब बजट सत्र से पहले विधानसभा को पेपरलेस बनाने की तैयारी में जुट गई है. सभी विधायक विधानसभा की कार्यवाही अब टैबलेट के माध्यम से ही संचालित करेंगे. साथ ही, इससे विधानसभा के करोड़ों रुपये हर साल बचेंगे.

बिहार विधानसभा होगा पेपरलेस :इस बार बजट सत्र में उम्मीद की जा रही है कि, बिहार विधानसभा की कार्यवाही पूरी तरह से पेपर लेश होगी. जल्द ही विधानसभा में 243 माननीय के सीट के आगे टैबलेट लगा दिया जाएगा. साथ ही विधायकों को ट्रेनिंग भी दी जाएगी. बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष नरेंद्र नारायण यादव का कहना है कि, हम लोगों की पूरी तैयारी है.

बिहार विधानसभा होगा पेपरलेस (ETV Bharat)

''कई विधायक कंप्यूटर और टैबलेट चलाना नहीं जानते हैं तो उन्हें NeVA के माध्यम से ट्रेनिंग दी जाएगी. पेपरलेस होने से समय की बचत होगी. कई तरह की त्रुटि से भी निजात मिलेगी.''- नरेंद्र नारायण यादव, उपाध्यक्ष, बिहार विधानसभा

'टेक्नोलॉजी के साथ चलना पड़ेगा':इधर, विधानसभा के कर्मचारियों को दिल्ली में ट्रेनिंग दी गई है. जो नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन (NeVA) के माध्यम से पूरे डिजिटल अभियान को आगे बढ़ाएंगे. बिहार में पहले से विधान परिषद पेपरलेस हो चुका है और अब विधान विधानसभा भी होने जा रहा है. हालांकि, इस फैसले से कई विधायक खुश हैं. उनका कहना है कि ''जब जमाना साइंस टेक्नोलॉजी का है तो इस तरह का प्रयोग सही है.'' लेकिन कई विधायक ऐसे भी हैं जिन्हें कंप्यूटर चलाना तक नहीं आता है.

पेपरलेस होगी बिहार विधानसभा (ETV Bharat)

डिजिटल विधानसभा पर कोई खुश तो कोई.. :एआईएमआईएम विधायक अख्तरुल इमान का कहना है कि ''साइंस टेक्नोलॉजी के युग में अच्छी पहल है. हम लोगों को कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन बिहार में कई ऐसे विधायक हैं, जिन्हें कंप्यूटर चलाना नहीं आता है. कई तो पढ़ भी नहीं सकते हैं. उनके लिए मुश्किल जरूर होगी.'' आरजेडी विधायक रामानुज प्रसाद का कहना है कि ''जमाने के साथ तो चलना ही होगा. हम लोग भी प्रशिक्षण ले लेंगे कोई परेशानी नहीं होगी.''

सरकार की अच्छी पहल - बीजेपी :बीजेपी विधायक अरुण कुमार सिन्हा ने कहा कि''यह सरकार की अच्छी पहल है हम लोग इसका स्वागत करते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे देश में डिजिटल अभियान चल रहा है. कई राज्यों ने डिजिटल अभियान में कदम आगे बढ़ाया है. बिहार भी क्यों पीछे रहेगा. यदि किसी विधायक को कोई समस्या आएगी तो उसके लिए ट्रेनिंग भी कराया जा रहा है.''

देश का पहला पेपरलेस बिहार विधानमंडल (ETV Bharat)

'विधानसभा में कागज की जरूरत नहीं पड़ेगी' : वहीं, बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री जयंत राज का कहना है की ''विधान परिषद में टैबलेट लगा हुआ है. जिसे चलाने में कहीं कोई परेशानी हम लोगों को नहीं आती है. बल्कि समय की बचत होती है. कहीं भी कागज ले जाने की जरूरत नहीं पड़ती है. विधायकों को इससे काफी फायदा होगा.''

क्या बोले NeVA एक्सपर्ट? : NeVA एप्लीकेशन पर काम करने वाले अजीत कुमार का कहना है कि विधानसभा की कार्यवाही के दौरान जो भी सवाल और उसके उत्तर होंगे, उन्हें एप्लीकेशन पर डाला जाएगा. कार्यवाही की पूरी सूची NeVA एप्लीकेशन पर उपलब्ध होगी. जिसे आसानी से विधायक एक क्लिक में देख सकेंगे. इससे विधानसभा के कामकाज में पारदर्शिता आएगी.

नरेंद्र नारायण यादव, उपाध्यक्ष, बिहार विधानसभा (ETV Bharat)

''सभी विधायक दूसरे सदस्यों के प्रश्नों का उत्तर भी आसानी से देख सकेंगे. समय की काफी बचत होगी और पहले से उत्तर पता रहने पर सवाल भी पूछ सकते हैं. बिहार में विधान परिषद में NeVA एप्लीकेशन काफी स्मूथली से कम कर रहा है. कहीं कोई परेशानी नहीं आ रही है.''- अजीत कुमार, NeVA एप्लीकेशन विशेषज्ञ

कई राज्यों ने किया है MOU : संसदीय कार्य मंत्रालय ने राष्ट्रीय ई-विधान एप्‍लीकेशन (NeVA) को अपनाने के लिए बिहार के अलावा 18 राज्‍यों ने MoU पर दस्‍तखत किए थे. इसके अंतर्गत नागालैंड समेत अब तक कई विधानसभा का कामकाज पूरी तरह से पेपरलेस कर दिया गया है.

क्या है NeVA, किस तरह से मददगार होगा? : वन नेशन वन एप्लीकेशन के थीम पर NeVA प्रोग्राम भारत सरकार के डिजिटल इंडिया प्रोग्राम का एक हिस्सा है. यह एक यूनिकोड सॉफ्टवेयर है. जिसमें सदन की कार्यवाही से संबधित सारी जानकारी आसान तरीके से रखी जाती है.

क्या हैं पेपरलेस असेंबली के मायने? : जब सारी चीजें डीजिटल हो जाएंगी यानी विधानसभा पेपरलेस हो जाएया तो ऐसे में सदन की कार्यवाही ठीक तरीके से संचालित करने में आसानी होगी. सॉफ्टवेयर के माध्यम से टेबलैट पर सारे सवाल, नोटिस और बिल क्षेत्रियों भाषाओं में विधायक देख और पढ़ सकेंगे.

देश का पहला पेपरलेस बिहार विधानमंडल :बता दें कि 26 नवंबर 2021 को बिहार विधान परिषद देश का पहला उच्च सदन है, जो पेपरलेस हुआ था. विधान परिषद में 75 सदस्य हैं. पिछले 3 साल से भी अधिक समय से बिहार विधान परिषद के सदस्य इस पर काम कर रहे हैं. अब बिहार विधानसभा जब पेपरलेस हो जाएगा, तब विधानसभा के 243 सदस्य भी NeVA एप के माध्यम से टैबलेट पर काम करने लगेंगे.

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