पटना:अब जमाना डिजिटल है. लोग धीरे-धीरे टेक्नोलॉजी के सहारे काम को आसान बनाने की कर रहे हैं. ऐसे में सरकार भी अब विधानसभा में पेपर के इस्तेमाल को कम करने में लगी हुई है. बिहार सरकार भी अब बजट सत्र से पहले विधानसभा को पेपरलेस बनाने की तैयारी में जुट गई है. सभी विधायक विधानसभा की कार्यवाही अब टैबलेट के माध्यम से ही संचालित करेंगे. साथ ही, इससे विधानसभा के करोड़ों रुपये हर साल बचेंगे.
बिहार विधानसभा होगा पेपरलेस :इस बार बजट सत्र में उम्मीद की जा रही है कि, बिहार विधानसभा की कार्यवाही पूरी तरह से पेपर लेश होगी. जल्द ही विधानसभा में 243 माननीय के सीट के आगे टैबलेट लगा दिया जाएगा. साथ ही विधायकों को ट्रेनिंग भी दी जाएगी. बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष नरेंद्र नारायण यादव का कहना है कि, हम लोगों की पूरी तैयारी है.
''कई विधायक कंप्यूटर और टैबलेट चलाना नहीं जानते हैं तो उन्हें NeVA के माध्यम से ट्रेनिंग दी जाएगी. पेपरलेस होने से समय की बचत होगी. कई तरह की त्रुटि से भी निजात मिलेगी.''- नरेंद्र नारायण यादव, उपाध्यक्ष, बिहार विधानसभा
'टेक्नोलॉजी के साथ चलना पड़ेगा':इधर, विधानसभा के कर्मचारियों को दिल्ली में ट्रेनिंग दी गई है. जो नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन (NeVA) के माध्यम से पूरे डिजिटल अभियान को आगे बढ़ाएंगे. बिहार में पहले से विधान परिषद पेपरलेस हो चुका है और अब विधान विधानसभा भी होने जा रहा है. हालांकि, इस फैसले से कई विधायक खुश हैं. उनका कहना है कि ''जब जमाना साइंस टेक्नोलॉजी का है तो इस तरह का प्रयोग सही है.'' लेकिन कई विधायक ऐसे भी हैं जिन्हें कंप्यूटर चलाना तक नहीं आता है.
डिजिटल विधानसभा पर कोई खुश तो कोई.. :एआईएमआईएम विधायक अख्तरुल इमान का कहना है कि ''साइंस टेक्नोलॉजी के युग में अच्छी पहल है. हम लोगों को कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन बिहार में कई ऐसे विधायक हैं, जिन्हें कंप्यूटर चलाना नहीं आता है. कई तो पढ़ भी नहीं सकते हैं. उनके लिए मुश्किल जरूर होगी.'' आरजेडी विधायक रामानुज प्रसाद का कहना है कि ''जमाने के साथ तो चलना ही होगा. हम लोग भी प्रशिक्षण ले लेंगे कोई परेशानी नहीं होगी.''
सरकार की अच्छी पहल - बीजेपी :बीजेपी विधायक अरुण कुमार सिन्हा ने कहा कि''यह सरकार की अच्छी पहल है हम लोग इसका स्वागत करते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे देश में डिजिटल अभियान चल रहा है. कई राज्यों ने डिजिटल अभियान में कदम आगे बढ़ाया है. बिहार भी क्यों पीछे रहेगा. यदि किसी विधायक को कोई समस्या आएगी तो उसके लिए ट्रेनिंग भी कराया जा रहा है.''
'विधानसभा में कागज की जरूरत नहीं पड़ेगी' : वहीं, बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री जयंत राज का कहना है की ''विधान परिषद में टैबलेट लगा हुआ है. जिसे चलाने में कहीं कोई परेशानी हम लोगों को नहीं आती है. बल्कि समय की बचत होती है. कहीं भी कागज ले जाने की जरूरत नहीं पड़ती है. विधायकों को इससे काफी फायदा होगा.''