लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मतदान अधिकारी से मारपीट के वर्ष 1996 के एक मामले में दोषी करार दिए गए कांग्रेस नेता राज बब्बर को बड़ी राहत देते हुए दोषसिद्धि के आदेश को निलंबित कर दिया है. न्यायालय ने इस मामले में राज्य सरकार को जवाबी हलफनामा दाखिल करने का भी आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 1 मई 2024 को होगी.यह आदेश न्यायमूर्ति मोहम्मद फैज आलम खान की एकल पीठ ने राजबब्बर की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र पर पारित किया है.
राज बब्बर की ओर से उनके अधिवक्ता गौरव मेहरोत्रा ने दलील दी कि 7 जुलाई 2022 को मजिस्ट्रेट कोर्ट ने राज बब्बर को दोषसिद्ध करार देते हुए दो साल कारावास की सजा सुनाई थी. मजिस्ट्रेट कोर्ट के उक्त आदेश के विरुद्ध राज बब्बर ने अपील दाखिल की. सत्र अदालत ने अपील को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए राज बब्बर को जमानत तो दे दी परंतु दोषसिद्धि के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. दलील दी गई की विचरण अदालत ने अपने निर्णय में महत्वपूर्ण गवाहों के बयानों पर ठीक से गौर नहीं किया है. प्रार्थना पत्र का राज्य सरकार की ओर से विरोध किया गया. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद पारित अपने आदेश में न्यायालय ने कहा है कि याची पांच बार सांसद रह चुका है. वहीं चुनाव आयोग ने आम चुनावों की घोषणा कर दी है. न्यायालय ने कहा इन परिस्थितियों को देखते हुए इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि याची के लिए वर्तमान प्रार्थना पत्र दाखिल करना अति आवश्यक था.
यह है मामला