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18 साल की उम्र के पहले ही मतदान करने का मिला मौका, लोकसभा,विधानसभा की तर्ज पर चुनाव - Bhopal Voting Before 18 Years

आमतौर पर लोकतांत्रिक व्यवस्था में 18 साल के बाद ही मतदान करने का अधिकार है लेकिन भोपाल के एक शासकीय स्कूल के स्टूडेंट्स को इसके पहले ही वोटिंग करने का मौका मिला. उन्होंने मतदान के पहले प्रचार भी किया. किस चुनाव के लिए ये हुआ. पढ़िए पूरी खबर

BHOPAL VOTING BEFORE 18 YEARS
स्टूडेंट्स ने किया मतदान (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 2, 2024, 8:45 AM IST

Updated : Aug 2, 2024, 9:54 AM IST

भोपाल:राजधानी भोपाल की यह तस्वीर देखकर आप समझ ही गए होंगे कि वोटिंग हो रही है इसमें स्कूल के बच्चे वोटिंग कर रहे हैं और वो भी 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे. आखिर ये बच्चे किस चुनाव के लिए वोट कर रहे हैं. चलिए हम आपको बताते हैं कि आखिर स्कूली बच्चों को वोट डालने का मौका क्यों मिला.

स्कूल में स्टूडेंट यूनियन के चुनाव से बच्चों को बताई गई चुनावी प्रक्रिया (ETV Bharat)

स्टूडेंट यूनियन के चुनाव

हर स्कूल में हेड बॉय, हेड गर्ल या क्लास मॉनिटर चुनने के लिए चुनाव होते हैं और कुछ ही देर में आसानी से चुन लिया जाता है. लेकिन लोकतांत्रिक व्यवस्था को समझाने के लिए भोपाल के एक शासकीय स्कूल में गुरुवार को मतदान की पूरी प्रक्रिया करवाई गई. इसके तहत सीएम राइज स्कूल में स्टूडेंट यूनियन बनाने के लिए हेड बॉय, हेड गर्ल, वाइस हेड बॉय, वाइस हेड गर्ल के लिए चुनाव कराए गए. मतदान प्रक्रिया को अपनाते हुए छात्र छात्राओं ने मतदान कर अपना पसंद के उम्मीदवार का चुनाव किया.

लोकसभा,विधानसभा की तर्ज पर चुनाव

राजधानी भोपाल के बरखेड़ी स्थित सीएम राइज हायर सेकेंडरी स्कूल में स्टूडेंट यूनियन के चुनाव लोकसभा, विधानसभा की तर्ज पर ही कराए गए. बकायदा स्टूडेंट यूनियन के चुनाव में प्रत्याशी के रुप में हेड बॉय, हेड गर्ल, वाइस हेड बॉय और वाइस हेड गर्ल के पद लिए प्रत्याशियों ने पहले नामांकन दाखिल किया और फिर उन्हें चुनाव चिन्ह भी आवंटित किए गए इसके बाद छात्र यानि प्रत्याशियों ने प्रचार भी किया. चुनाव में खड़े कैंडिडेट्स ने 9वीं से लेकर क्लास 12वीं की कक्षाओं में जाकर प्रचार किया और अपने समर्थन में वोटिंग की अपील की.

ईवीएम की जगह बैलेट पेपर का इस्तेमाल

स्टूडेंट यूनियन चुनाव में फर्क सिर्फ इतना रहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की जगह बैलेट पेपर का इस्तेमाल किया गया. इसके लिए स्कूल में बाकायदा दो मतदान केंद्र बनाए गए थे. गुरुवार सुबह 8 बजे से मतदान की प्रक्रिया शुरु हुई. जहां बच्चों ने बढ़चढ़कर वोटिंग में हिस्सा लिया. स्टूडेंस यूनियन के चुनाव में हेड बॉय, हेड गर्ल, वाइस हेड बॉय और वाइस हेड गर्ल के पद के लिए खड़े प्रत्याशी चुनाव प्रक्रिया को लेकर काफी उत्साहित नजर आए.

उत्साहित नजर आए प्रत्याशी और वोटर्स

छात्रों ने पूरी लोकतांत्रिक व्यवस्था को जाना और समझा कि आखिर चुनाव क्या होते हैं और नेता चुने जाने के बाद वे क्या करते हैं. इलेक्शन प्रक्रिया में हिस्सा लेने वाले स्टूडेंस यानि प्रत्याशी और वोटर्स काफी उत्साहित नजर आए. ऐसे ही स्टूडेंट्स लीडर ने कहा कि अब स्कूल के छात्र छात्राओं की समस्याओं और उनकी बात जो वे सीधे शिक्षकों को नहीं बता पाते थे, उन्हें वो शिक्षकों और स्कूल प्रशासन तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे. उन्होंने कहा कि वैसे तो 18 साल के होने के बाद उन्हें वोट करने का अधिकार मिलता है लेकिन स्कूल में इस इलेक्शन होने से उन्हें चुनाव प्रक्रिया को जानने और समझने का मौका मिला.

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'लोकतंत्र में वोट का महत्व समझने का मिला मौका'

स्कूल टीचर रागिनी सैनी का कहना है कि "बच्चों को लोकतंत्र के महापर्व की जानकारी देने और उन्हें इससे रुबरू कराने के उदेश्य से स्टूडेंट यूनियन के इलेक्शन कराए गए. इससे ना सिर्फ स्कूल के विद्यार्थी अपने पसंदीदा कैंडिडेट को चुनते हैं बल्कि उन्हें इलेक्शन की बारीकियां पता चलती हैं. वैसे तो सभी बच्चों को पता है कि चुनाव क्या होता है पाठ्यक्रम में भी रहता है लेकिन उन्हें प्रक्टिकल कर समझाया गया. इसी बहाने स्कूल के छात्र छात्राओं ने अपने पसंद के स्टूडेंट को हेड गर्ल, हेड बाय समेत अन्य पदों के लिए चुना और चुनाव की प्रक्रिया को समझा. इस अनूठे चुनाव के जरिये बच्चों को लोकतंत्र में वोट का महत्व समझने का मौका मिला."

Last Updated : Aug 2, 2024, 9:54 AM IST

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