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योर अटेंशन प्लीज! 250 kmph की वंदे भारत बुलेट ट्रेन सपना नहीं हकीकत बनी, रेलवे की बड़ी खुशखबरी - Vande Bharat bullet Train

देश में आने वाले दिनों में 250 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली बुलेट ट्रेन के चलने का सपना साकार होने वाला है. दरअसल, भारतीय रेलवे ने इंट्रीगल कोच फैक्ट्री को स्टैंडर्ड गैज की बुलेट ट्रेन बनाने की जिम्मेदारी दी है. भारत में इससे पहले 250 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली ट्रेनों का निर्माण नहीं किया गया है. इसके लिए भोपाल BHEL से भी इक्विपमेंट्स भेजे जाएंगे.

VANDE BHARAT BULLET TRAIN
वंदे भारत ट्रेन (Etv Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 8, 2024, 2:34 PM IST

Updated : Jun 8, 2024, 3:21 PM IST

भोपाल। साल 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद पूरे देश में लोग बुलेट ट्रेन और वंदे भारत ट्रेन के चालू होने का इंतजार कर रहे हैं. क्योंकि पहली बार इसी साल इन ट्रेनों के भारत में चलाने की बात कही गई थी. कुछ सालों बाद वंदे भारत ट्रेन में सफर करने का कई लोगों का सपना साकार हो चुका है. लेकिन अभी तक बुलेट ट्रेन का सपना पूरा नहीं हुआ है. अब इसी सपने के पूरे होने का टाइम आ चुका है. क्योंकि देश में एक स्वदेशी बुलेट ट्रेन लॉन्च करने की तैयारी हो रही है. आपको जानकर हैरानी होगी की भारत में निर्मित होने वाली इस बुलेट ट्रेन की रफ्तार 250 किलोमीटर प्रति घंटे तक होगी.

भारत में बनाई जाएगी वंदे भारत बुलेट ट्रेन

एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय रेलवे ने इंट्रीगल कोच फैक्ट्री को मौजूदा फाइनेंशियल ईयर के भीतर 2 स्टैंडर्ड गैज की बुलेट ट्रेन बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. भारत में ऐसा पहली बार होगा जब 250 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वाली ट्रेनों का निर्माण किया जाएगा. इन दोनों बुलेट ट्रेनों को मुंबई-अहमदाबाज हाई स्पीड रेल कॉरिडोर पर चलाया जाएगा. ऐसी संभावना है कि इन बुलेट ट्रेनों को वंदे भारत प्लेटफॉर्म पर तैयार किया जाएगा. इस मामले में एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि ICF, चेन्नई को 2 स्टैंडर्ड गैज ट्रेन सेट बनाने को कहा गया है, जिनकी स्पीड 220 किलोमीटर से 250 किलोमीटर प्रति घंटे तक होगी.

बुलेट ट्रेन की सप्लाई के लिए तैयार है जापनीज कंपनी

रेलवे ने ICF चेन्नई को इस ऑर्डर की जिम्मेदारी कुछ हफ्ते पहले ही दी है. साथ ही अब वंदे भारत बुलेट ट्रेन के निर्माण के लिए जापानीज रोलिंग स्टॉक सप्लायर्स, हिताची और क्वासाकी से बातचीत हो रही है. साल 2018 में 10 कोच वाली बुलेट ट्रेन को बनाने का खर्च करीब 389 करोड़ रुपए था. लेकिन, अब यह बढ़कर 460 करोड़ रुपए के करीब हो गई है. जानकारी के मुताबिक जापनीज कंपनी बुलेट ट्रेन की सप्लाई के लिए तैयार है लेकिन रेलवे इतने रुपए पर ट्रेन को खरीदने के लिए तैयार नहीं है.

इस वजह से हो रही है देरी

बता दें कि देश में बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट को पूरा होने में महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण के कारण इसके निर्माण में देरी हो रही है. पहले इस प्रोजेक्ट को साल 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य था. उधर, जानकारों का मानना है कि ICF तय डेडलाइन तक बुलेट ट्रेनों को बना लेगा. बता दें कि वंदे भारत ट्रेनें, जिनका निर्माण चेन्नई में भारतीय रेलवे की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) द्वारा किया जा रहा है. अब इसी प्लेटफॉर्म पर बुलेट ट्रेन को बनाने की तैयारी है.

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भोपाल BHEL को मिला पार्ट्स बनाने का ऑर्डर

वहीं, बात करें वंदे भारत ट्रेनों की तो इसके निर्माण के साथ ही मेंटेनेंस का जिम्मा रेलवे प्रशासन ने कुछ दिनों पहले ही भेल और पश्चिम बंगाल के टीटागढ़ वैगन्स लिमिटेड कंसोर्टियम को दिया है. दोनों कंपनियां मिलकर 80 वंदे भारत ट्रेन के सेट तैयार करेंगी. इसके साथ ही इनके रखरखाव की जिम्मेदारी भी निर्माण करने वाली संस्था की होगी. इसके पहले भी भेल में वंदे भारत के पार्ट्स बनाए जा रहे थे, लेकिन इस बार काफी बड़ा ऑर्डर मिला है. भेल के अधिकारियों ने बताया कि भोपाल यूनिट को करीब 2560 ट्रैक्शन मोटर बनाने का ऑर्डर मिला है. ये मोटर हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेनों के लिए उपयुक्त हैं. वंदे भारत के 16 कोच में से 8 कोच में ये मोटर लगाए जाएंगे.

Last Updated : Jun 8, 2024, 3:21 PM IST

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