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बाबा साहेब के महापरिनिर्वाण दिवस पर संविधान का अखंड पाठ, कई क्षेत्रों से शमिल हुए लोग - MAHAPARINIRVAN DIWAS 2024

भोपाल में बाबा साहेब के महापरिनिर्वाण दिवस पर संविधान का अखंड पाठ हुआ. ये पाठ सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक चला.

Bhopal mahaparinirvan-diwas-2024
भोपाल में संविधान का अखंड पाठ (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 6, 2024, 10:22 PM IST

Updated : Dec 6, 2024, 10:35 PM IST

भोपाल: देश के संविधान निर्माता डा. भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर भोपाल में पहली बार संविधान का अखंड पाठ किया गया. राजधानी के अंबेडकर मैदान में संविधान का वाचन सुबह 9 बजे से शुरू हुआ, जो रात 9 बजे तक चला. इसमें शामिल होने के लिए शहर के अलग-अलग क्षेत्रों से लोग आए थे. इसमें सभी महिला और पुरुष ने 20 से 25 मिनट तक संविधान का पाठ किया. इसके बाद दूसरे सदस्य की बारी आई. इसीलिए संविधान पढ़ने वालों को भी अलग-अलग समय पर बुलाया गया था.

गांव-मोहल्लों में होगा संविधान का पाठ

संविधान सुरक्षा संघ मध्यप्रदेश के संयोजक मिलिंद बौद्ध ने बताया कि "संविधान को बने हुए 75 साल पूरे हो गए हैं. साल 2024 में हम संविधान की हीरक जयंती मना रहे हैं. लेकिन बड़े दुख की बात है, कि इतने सालों बाद भी लोगों को संविधान की पूरी जानकारी नहीं है. आज लोग संविधान के अखंड पाठ में आकर जब समझ रहे हैं, तो उन्हें अपने अधिकारों का भी ज्ञान हो रहा है." मिलिंद बौद्ध ने बताया कि 26 जनवरी 2025 को संविधान का हीरक वर्ष समाप्त हो रहा है, इस अवसर पर हम एक बार फिर संविधान का अखंड पाठ करेंगे. इसमें धर्म गुरुओं को भी आमंत्रित किया जाएगा.

स्कूल और धार्मिक स्थलों पर भी होगा आयोजन

मिलिंद बौद्ध ने बताया कि संविधान के बारे में लोगों को जानकारी देने के लिए हम लोग स्कूल प्रबंधन और धर्म गुरुओं से भी अपील करेंगे. हमारी कोशिश है कि स्कूल-कालेज, मंदिर, मस्जिद व अन्य शैक्षणिक व धार्मिक संस्थानों में भी संविधान के अखंड पाठ का आयोजन किया जाए. जिससे आने वाली पीढ़ी को संविधान के बारे में पहले से ही जानकारी हो और नागरिक अपने अधिकारों के प्रति जागरुक रहें. इसीलिए 26 जनवरी 2025 तक संविधान सुरक्षा मंत्र द्वारा स्कूल, कालेज, गांव, मोहल्ले और धार्मिक स्थलों पर संविधान का पाठ किया जाएगा.

छुट्टियों के दौरान कोचिंग और घरों में भी कराएं पाठ

मिलिंद बौद्ध ने बताया कि संविधान को घर-घर तक पहुंचाना जरूरी है. मई-जून में जब स्कूलों की छुट्टियां होती हैं, उस समय कोचिंग में भी संविधान का पाठ कराया जाए. हमारी अपील है कि लोग अपने घरों में संविधान का पाठ करें, अपने परिवार और बच्चों को पढ़ाएं. जिससे उनको भी हमारे संविधान की जानकारी मिल सके.

Last Updated : Dec 6, 2024, 10:35 PM IST

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