भोपाल: देश के संविधान निर्माता डा. भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर भोपाल में पहली बार संविधान का अखंड पाठ किया गया. राजधानी के अंबेडकर मैदान में संविधान का वाचन सुबह 9 बजे से शुरू हुआ, जो रात 9 बजे तक चला. इसमें शामिल होने के लिए शहर के अलग-अलग क्षेत्रों से लोग आए थे. इसमें सभी महिला और पुरुष ने 20 से 25 मिनट तक संविधान का पाठ किया. इसके बाद दूसरे सदस्य की बारी आई. इसीलिए संविधान पढ़ने वालों को भी अलग-अलग समय पर बुलाया गया था.
गांव-मोहल्लों में होगा संविधान का पाठ
संविधान सुरक्षा संघ मध्यप्रदेश के संयोजक मिलिंद बौद्ध ने बताया कि "संविधान को बने हुए 75 साल पूरे हो गए हैं. साल 2024 में हम संविधान की हीरक जयंती मना रहे हैं. लेकिन बड़े दुख की बात है, कि इतने सालों बाद भी लोगों को संविधान की पूरी जानकारी नहीं है. आज लोग संविधान के अखंड पाठ में आकर जब समझ रहे हैं, तो उन्हें अपने अधिकारों का भी ज्ञान हो रहा है." मिलिंद बौद्ध ने बताया कि 26 जनवरी 2025 को संविधान का हीरक वर्ष समाप्त हो रहा है, इस अवसर पर हम एक बार फिर संविधान का अखंड पाठ करेंगे. इसमें धर्म गुरुओं को भी आमंत्रित किया जाएगा.