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बिना प्लानिंग प्रेगनेंसी से मत होइए परेशान, भोपाल के इस अस्पताल में करवा सकते हैं अबॉर्शन - Bhopal Kailash Nath Katju Hospital - BHOPAL KAILASH NATH KATJU HOSPITAL

भोपाल का कैलाश नाथ काटजू अस्पताल में अनचाही प्रेगनेंसी के परेशान दंपत्ति के लिए वरदान साबित होगा. यहां पर कम्प्लीट अबॉर्शन केयर यूनिट की शुरुआत की गई है. महिलाएं अनचाही प्रेग्नेंसी का उपचार करा सकती हैं.

BHOPAL KAILASH NATH KATJU HOSPITAL
कैलाश नाथ काटजू अस्पताल में शुरू हुई अबॉर्शन केयर यूनिट (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 21, 2024, 10:51 PM IST

भोपाल: राजधानी के अस्पतालों में रोज ऐसी कई महिलाएं पहुंचती हैं. जिनका कहना होता है कि बिना प्लानिंग के प्रेगनेंसी हो गई है और वह अबॉर्शन करवाना चाहती हैं, लेकिन वहां इसको लेकर पर्याप्त सुविधाएं नहीं होती हैं. ऐसी महिलाओं के लिए भोपाल का कैलाश नाथ काटजू अस्पताल वरदान बनने जा रहा है. यहां कम्प्लीट अबॉर्शन केयर यूनिट की शुरुआत की गई है. जहां महिलाएं अनचाही प्रेग्नेंसी का उपचार करा सकती हैं.

पति की सहमति के बाद ही हो सकेगा अबॉर्शन

बता दें कि सीएसी की लंबी कानूनी प्रक्रिया है. यदि 20 सप्ताह तक की प्रेगनेंसी है, तो एक डॉक्टर ही अबॉर्शन करवा सकता है. जबकि 24 सप्ताह से अधिक समय के गर्भ के लिए दो डॉक्टर अबॉर्शन करवाएंगे. इससे पहले मरीज की पूरी जांच कराई जाएगी. अबॉर्शन के दौरान मेडिकल टर्बिनेशन आफ प्रेगनेंसी की प्रक्रिया का पालन करना होगा. इससे पहले फार्म में पूरी जानकारी भरनी होगी. अबॉर्शन के लिए पति की सहमति भी जरुरी होगी. यदि महिला बिना पति के सहमति अबॉर्शन कराने आती है, तो उसका उपचार नहीं किया जाएगा.

सीएसी यूनिट के लिए स्टाफ को दिया जा रहा प्रशिक्षण

कैलाश नाथ काटजू अस्पताल में कम्प्लीट अबॉर्शन केयर यूनिट शुरू करने से पहले यहां डॉक्टर और नर्सों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. अस्पताल के अधीक्षक कर्नल पीके सिंह ने बताया कि "स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर यह सेंटर खोला जा रहा है. तीन डाक्टरों का पैनल स्टाफ को प्रशिक्षण दे रहा है. पहले चरण में दो डॉक्टर और दो नर्सों का प्रशिक्षित किया जा रहा है. इसके बाद अन्य स्टाफ को भी ट्रेनिंग कराई जाएगी."

इसलिए खोला गया कम्प्लीट अबॉर्शन केयर सेंटर

अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सिंह ने बताया कि "कई बार ऐसी महिलाएं अस्पताल में आती हैं. जिनका कहना होता है कि बिना प्लानिंग के प्रेगनेंसी हो गई है, लेकिन अभी इसकी जरूरत नहीं है. वहीं कई बार शारीरिक समस्या या बीमारी की वजह से महिलाएं बच्चे को जन्म नहीं देना चाहती हैं. इसलिए लंबे समय से कम्प्लीट अबॉर्शन केयर सेंटर खोलने की जरूरत महसूस की जा रही थी."

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गर्भधारण करने के लिए महिलाओं को देंगे प्रशिक्षण

डॉक्टरों ने बताया कि "अस्पताल में खुले सीएसी के माध्यम से महिलाओं को जागरूक भी किया जाएगा. उन्हें बताया जाएगा कि कब गर्भधारण करना ठीक है या नहीं. गर्भावस्था के दौरान किन सावधानियों का ध्यान रखना है. जिससे मां और बच्चा मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहे. इन सभी मुद्दों को लेकर महिलाओं को जागरूक करने के साथ उनको प्रशिक्षित भी किया जाएगा."

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