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भोपाल शिक्षा विभाग का एक आदेश और हिल गए स्कूल मदरसे, 2 दिन की मोहलत फिर तगड़ा एक्शन - School Staff Police Verification

स्कूलों में छात्रों की सिक्योरिटी को लेकर भोपाल के शिक्षा विभाग ने बड़ा कदम उठाया है. जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी निजी और सरकारी स्कूलों और मदरसों को निर्देशित किया है कि बिना पुलिस वेरिफिकेशन के किसी भी कर्मचारी को काम पर नहीं रखा जाएगा. अगर किसी कर्मचारी का आपराधिक रिकॉर्ड पाया गया तो उसकी नियुक्ति नहीं की जाएगी.

SCHOOL STAFF POLICE VERIFICATION
स्कूलों और मदरसों में स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन कंपलसरी (ETV Bharat Graphics)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 23, 2024, 6:41 PM IST

भोपाल: गुरुग्राम के रयान पब्लिक स्कूल में बीते 7 साल पहले एक स्कूली छात्र की गला रेतकर हत्या करने के बाद एमपी में पुलिस प्रशासन सक्रिय हुआ था. तब जिला शिक्षा अधिकारी ने भी भोपाल के समस्त स्कूलों में काम करने वाले कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य रुप से कराने के निर्देश जारी किए थे. इसके बावजूद स्कूलों में पदस्थ कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन अब तक नहीं कराया गया. नतीजन भोपाल के स्कूलों में लगतार बच्चों के शोषण की खबरें आ रही हैं. अब एक बार फिर जिला शिक्षा केंद्र ने जिले की सभी निजी और सरकारी स्कूलों के साथ मदरसों में पदस्थ स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन कराने का निर्देश दिया है.

दो दिन में कराना होगा पुलिस वेरिफिकेशन
जिला परियोजना समवन्वयक द्वारा सभी स्कूल प्रमुखों को भेजे गए लेटर में स्पष्ट कहा गया है कि स्कूल में बिना पुलिस वेरिफिकेशन किसी स्टाफ को नहीं रखा जाएगा. सरकारी और निजी स्कूलों के साथ मदरसों में काम करने वाले शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक कर्मचारियों को पुलिस वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य होगा. इस लेटर में डीपीसी की ओर से कहा गया है कि यदि किसी स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन नहीं है, तो दो दिन में इसे पूरा किया जाए. यदि किसी व्यक्ति का चारित्रिक रिकार्ड संदिग्ध या आपराधिक पाया जाता है, तो ऐसे स्टाफ कि नियुक्ति नहीं की जाए.

भोपाल शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश (ETV Bharat)

जिला शिक्षा केंद्र के पास रहेगा कर्मचारियों का डाटा
भोपाल के जिला शिक्षा अधिकारी नरेंद्र अहिरवार ने बताया कि, ''सभी स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं, कि उनके संस्थान में यदि कोई स्टाफ बिना पुलिस वेरिफिकेशन काम कर रहा है, तो ऐसे व्यक्तियों को दो दिन में पुलिस सत्यापन कराया जाए. इसके बाद स्कूलों को सभी कर्मचारियों का डाटा जिला शिक्षा केंद्र में जमा करना होगा.'' जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि, ''इससे स्कूल में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी. स्कूल के शत प्रतिशत कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन होने से पता चल सकेगा, कि अब बच्चों के पास कोई आपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति तो काम नहीं कर रहा है. वेरिफिकेशन के बाद ऐसे लोग पहले ही बाहर हो जाएंगे. यह नियम सरकारी और निजी स्कूलों के साथ मदरसा में काम कर रहे कर्मचारियों पर भी लागू होगा.''

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एक सप्ताह में भोपाल के स्कूलों में शोषण की 3 घटनाएं
राजधानी भोपाल में बीते 5 दिनों में स्कूल में हुए यौन शोषण के तीन मामले ने सबको हैरान कर दिया है. यहां सबसे पहले एक प्राइवेट स्कूल के टीचर ने 3 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया. उसके बाद बच्ची को डराया और टॉफी का लालच दिया. इसके बाद 16 साल के छात्र को फेल करने के नाम पर उसके टीचर ने यौन शोषण किया गया. अब 5 साल की नाबालिग छात्रा के साथ वैन चालक द्वारा छेड़छाड़ का मामला सामने आया है. इन घटनाओं के बाद जिला शिक्षा केंद्र द्वारा स्कूल और मदरसों में पदस्थ स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य करने का निर्देश जारी किया है.

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