भोपाल: गुरुग्राम के रयान पब्लिक स्कूल में बीते 7 साल पहले एक स्कूली छात्र की गला रेतकर हत्या करने के बाद एमपी में पुलिस प्रशासन सक्रिय हुआ था. तब जिला शिक्षा अधिकारी ने भी भोपाल के समस्त स्कूलों में काम करने वाले कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य रुप से कराने के निर्देश जारी किए थे. इसके बावजूद स्कूलों में पदस्थ कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन अब तक नहीं कराया गया. नतीजन भोपाल के स्कूलों में लगतार बच्चों के शोषण की खबरें आ रही हैं. अब एक बार फिर जिला शिक्षा केंद्र ने जिले की सभी निजी और सरकारी स्कूलों के साथ मदरसों में पदस्थ स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन कराने का निर्देश दिया है.
दो दिन में कराना होगा पुलिस वेरिफिकेशन
जिला परियोजना समवन्वयक द्वारा सभी स्कूल प्रमुखों को भेजे गए लेटर में स्पष्ट कहा गया है कि स्कूल में बिना पुलिस वेरिफिकेशन किसी स्टाफ को नहीं रखा जाएगा. सरकारी और निजी स्कूलों के साथ मदरसों में काम करने वाले शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक कर्मचारियों को पुलिस वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य होगा. इस लेटर में डीपीसी की ओर से कहा गया है कि यदि किसी स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन नहीं है, तो दो दिन में इसे पूरा किया जाए. यदि किसी व्यक्ति का चारित्रिक रिकार्ड संदिग्ध या आपराधिक पाया जाता है, तो ऐसे स्टाफ कि नियुक्ति नहीं की जाए.
जिला शिक्षा केंद्र के पास रहेगा कर्मचारियों का डाटा
भोपाल के जिला शिक्षा अधिकारी नरेंद्र अहिरवार ने बताया कि, ''सभी स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं, कि उनके संस्थान में यदि कोई स्टाफ बिना पुलिस वेरिफिकेशन काम कर रहा है, तो ऐसे व्यक्तियों को दो दिन में पुलिस सत्यापन कराया जाए. इसके बाद स्कूलों को सभी कर्मचारियों का डाटा जिला शिक्षा केंद्र में जमा करना होगा.'' जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि, ''इससे स्कूल में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी. स्कूल के शत प्रतिशत कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन होने से पता चल सकेगा, कि अब बच्चों के पास कोई आपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति तो काम नहीं कर रहा है. वेरिफिकेशन के बाद ऐसे लोग पहले ही बाहर हो जाएंगे. यह नियम सरकारी और निजी स्कूलों के साथ मदरसा में काम कर रहे कर्मचारियों पर भी लागू होगा.''