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भोपाल में DJ की तेज आवाज से मासूम की मौत! पुलिस ने 91 संचालकों का बजाया 'बाजा' - BHOPAL DJ LOUD SOUND CHILD DEATH

भोपाल में एक पिता का दावा है कि उसके बच्चे की जान डीजे की तेज आवाज से चली गई. वह दुर्गा विसर्जन में गया था.

BHOPAL DJ LOUD SOUND CHILD DEATH
भोपाल में डीजे की तेज आवाज से मासूम की मौत (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 15, 2024, 10:17 PM IST

भोपाल:राजधानी के साईंबाबा नगर में डीजे की तेज आवाज ने एक बच्चे की जान ले ली. घटना के समय 5 वीं कक्षा में पढ़ने वाला 12 साल का मासूम घर के पास की झांकी में गया हुआ था. जहां दुर्गा विसर्जन के लिए डीजे आया था. इसकी तेज आवाज से बच्चे की मौत हो गई. इधर पुलिस प्रशासन ने नवरात्रि के दौरान पांडाल और चल समारोह में तय मानक से अधिक आवाज में डीजे बजाने वाले 91 डीजे संचालकों पर भी कानूनी कार्रवाई की है.

पिता का दावा डीजे ने ली जान

डीजे की तेज आवाज की वजह से भोपाल में एक बच्चे की जान चली गई. मृतक के पिता कैलाश बिल्लौरे ने ये दावा किया है. उन्होंने बताया कि "पेशे से वो ड्राइवर हैं. उनके दो बेटों में बड़ा बेटा 15 साल का है और छोटा बेटा 12 साल का था. सोमवार को दुर्गा विसर्जन के लिए पड़ोस की झांकी में डीजे आया था. इसकी आवाज बहुत तेज थी. जिसकी वजह से मासूम डीजे के पास ही बेहोश होकर गिर पड़ा. अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया."

'डीजे के साउंड से जान जाने का खतरा'

राजधानी भोपाल के जयप्रकाश चिकित्सालय के पूर्व अधीक्षक डॉ. आईके चुघने बताया कि "तेज आवाज या डीजे के साउंड से कार्डियो वैस्कुलर डिजीज और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. असल में बहुत अधिक शोर से ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर तेजी से घटता या बढ़ता है. अगर किसी को हार्ट संबंधी बीमारी है तो उसे डीजे व लाउड स्पीकर से बचकर रहना चाहिए. डीजे की तेज आवाज से बीपी तेजी से अप-डाउन होता है. इससे हाई ब्लड प्रेशर व हार्ट के मरीजों को काफी दिक्कत हो सकती है."

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91 डीजे संचालकों पर कार्रवाई

नवरात्रि के दौरान सुप्रीम कोर्ट के नियमों का पालन करने के लिए डीजे संचालकों की पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी के साथ बैठक आयोजित की गई थी. जिसमें ध्वनि संबंधी माननीय सर्वाेच्च न्यायालय एवं शासन के दिशा-निर्देशों से अवगत कराया गया था कि त्यौहारों के दौरान सभी संचालक नियत समय एवं निर्धारित डेसीबल में ही डीजे का संचालन करेंगे. इसके साथ ही सभी थानों द्वारा अपने-अपने थाना क्षेत्रों के डीजे संचालकों के खिलाफ बाउंड ओव्हर की कार्रवाई की गई थी. त्योहार के दौरान पुलिस द्वारा उनकी सख्त निगरानी गई एवं डीजे की फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी कराई गई. इसके बावजूद बार-बार समझाइश देने के बाद भी डीजे संचालकों ने नियमों का उल्लंघन किया. ऐसे 91 डीजे संचालकों को चिंहित कर उनके खिलाफ बीएनएस की धारा 223, कोलाहल अधिनियम की धारा 7/15 एवं वाहन के मूल स्वरूप को बदलकर डीजे वाहन बनाने के कारण मोटर व्हीकल एक्ट’ की धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई की गई है.

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