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खाद के लिए परेशान हो रहे किसान, इस दिन करें बुवाई, अधिकारी ने बताई सही तारीख - BHOPAL DAP FERTILIZER SHORTAGE

भोपाल में डीएपी और यूरिया खाद की कालाबजारी करने पर दुकानदार पर एफआईआर दर्ज की गई, अधिकारी ने कहा डीएपी खाद प्रर्याप्त मात्रा में है.

BHOPAL DAP FERTILIZER SHORTAGE
डीएपी के कालाबाजारी की जांच करते अधिकारी (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 16, 2024, 8:02 PM IST

भोपाल: राजधानी में खाद विक्रय केंद्रों पर किसानों की लंबी भीड़ देखी जा रही है. ऐसे में प्राइवेट खाद विक्रेता तय रेट से अधिक दामों पर किसानों को डीएपी बेच रहे हैं. इस मामले में भोपाल जिले की उप संचालक कृषि, सुमन प्रसाद ने कहा, राजधानी में पर्याप्त मात्रा में डीएपी और यूरिया उपलब्ध है. कृषि विभाग के अधिकारी सभी खाद विक्रय केंद्रों का निरीक्षण भी कर रहे हैं. फिर भी यदि किसान से तय रेट से ज्यादा राशि वसूली की जाती है तो, किसान उप संचालक कृषि से शिकायत कर सकते हैं.

30 दुकानों से लिए गए खाद के सैंपल

सुमन प्रसादने बताया कि "मिलावट का पता लगाने के लिए विभाग द्वारा जिले में 30 से अधिक दुकानों से खाद के सैंपल लिए गए हैं. पिछले साल भी 200 केंद्रों से खाद के सैंपल लिए गए थे. लेकिन उसमें मिलावट नहीं थी. भोपाल में इस साल पर्याप्त मात्रा में खाद है. इसके लिए 34 सहकारी समितियों और प्राइवेट खाद विक्रय केंद्र भी खोले गए हैं." सुमन प्रसाद ने किसानों को कहा, "खाद खरीदने में जल्दबाजी न करें, अभी 15 दिसंबर तक बोवनी का समय है. हम बोलते हैं कि जब नारियल का तेल कटोरी में जमने लगे तब बोवनी करनी चाहिए, इससे बीज अच्छे से अंकुरित होते हैं."

पकड़ी गई खाद की कालाबाजारी (ETV Bharat)

डीएपी से 50 फीसदी सस्ता नैनो डीएपी

कृषि विशेषज्ञों ने बताया कि "डीएपी की जगह किसान सिंगल सुपर फॉस्फेट (एसएसपी) और नैनो डीएपी का इस्तेमाल कर सकते हैं. एक हेक्टेयर खेत के लिए 42 किलो डीएपी की जरूरत पड़ती है. जिसका मूल्य 1350 रुपये है. वहीं, एक हेक्टेयर खेत के लिए केवल 650 ग्राम नैनो डीएपी की जरूरत होती है. यानि 625 रुपये में काम हो जाता है. लेकिन किसानों की आदत में नहीं होने से वो इसका इस्तेमाल कम करते हैं. नैनो डीएपी में किसान को बोवनी से पहले बीज पर नैनो डीएपी की एक परत चढ़ानी होती है, फिर इसे सुखाना होता है. इसके बाद ही बोवनी करने पर इसके सकारात्मक परिणाम मिलते हैं. लेकिन किसान जल्दबाजी के कारण दानेदार डीएपी का इस्तेमाल करते हैं."

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पकड़ी गई खाद की कालाबाजारी

एसडीएम आशुतोष शर्मा ने बताया "शिकायत मिली थी कि बैरसिया में गौर कृषि सेवा केंद्र पर शासकीय मूल्य से अधिक मूल्य पर खाद बेची जा रही थी. इसके बाद तहसीलदार और वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी के साथ केंद्र पर पहुंचकर निरीक्षण किया. जहां पर संचालक कमल सिंह गौर के द्वारा डीएपी के तय दाम 1350 रुपये प्रति बोरी की बजाए 1850 रुपये लिए जा रहे थे. जबकि यूरिया खाद की बोरी पर 267 रुपये के बजाए 340 रुपये लिया जा रहा था. खाद की कालाबाजारी करने की खबर सही पाए जाने पर कृषि विकास अधिकारी पीएस गोयल की शिकायत पर बैरसिया थाना पुलिस ने संचालक कमल सिंह गौर के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम की धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया है."

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