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भीख दी तो हो सकती है जेल!, इंदौर के बाद अब ये शहर होगा भिखारी फ्री, लिस्ट तैयार - BEGGING CRIME IN BHOPAL

भोपाल में भीख देना और लेना अपराध है. अगर कोई भीख देता या लेता मिल जायेगा, तो उसके खिलाफ दर्ज होगी एफआईआर.

BEGGING CRIME IN BHOPAL
भीख दी तो हो सकती है जेल (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 3, 2025, 10:34 PM IST

भोपाल:इंदौर के बाद मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल को भिखारी फ्री बनाने के लिए अब प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा. ग्लोबल इंवेस्टर्स मीट को देखते हुए तय किया गया है कि शहर के किसी भी चौराहा पर भिखारी नहीं दिखाई देने चाहिए. इस पर सख्ती करने के लिए भीख देने और लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उधर भोपाल को भिखारी फ्री बनाने के लिए भोपाल में भिखारियों का सर्वे कराकर चौराहों पर घूमने वालों को चिन्हित किया जा चुका है.

अब कराई जाएगी एफआईआर

ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के दौरान चौराहों पर भीख मांगने वाले या छोटा-मोटा सामान बेचने वालों से शहर की छवि खराब न हो इसलिए जिला प्रशासन अब ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएगा. इसके लिए भोपाल कलेक्टर द्वारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 136 के तहत आदेश जारी किए जा रहे हैं. भोपाल कलेक्टर कौशलेन्द्र सिंह के मुताबिक इसको लेकर आदेश जारी किए जा रहे हैं. साथ ही संबंधित क्षेत्रों के एसडीएम को कार्रवाई के लिए कहा गया है. उधर ऐसे लोगों के पुर्नवास के लिए भी व्यवस्था की जा रही है. इसके लिए भिक्षु गृह बनाए जाने की भी योजना है.

भोपाल में की जा चुकी है एफआईआर

इंदौर में एफआईआर के बाद पिछले दिनों भोपाल में भी भीख मांगने वालों के खिलाफ पुलिस द्वारा कार्रवाई की जा चुकी है. 25 जनवरी को एक व्यक्ति की शिकायत पर पुलिस ने एक भिखारी को हिरासत में लिया था. शिकायतकर्ता योगन्द्र भलावी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि भीख मांगने पर जब उससे कुछ काम करने के लिए कहा गया तो उसने बदसलूकी शुरू कर दी.

भोपाल में किया जा चुका है सर्वे

भोपाल में सामाजिक न्याय विभाग द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से भिखारियों का सर्वे किया जा चुका है. इसमें से वे कई समूह में चौराहों पर भीख मांगने का काम करते हैं. भोपाल के अलग-अलग क्षेत्रों के हिसाब से भिखारियों को चिन्हित किया गया है. भोपाल में करीबन 230 भिखारियों को चिन्हित किया गया है. इसके अलावा इनकी प्रोफाइल भी तैयार की गई है. पता चला है कि इनमें से कई दूसरे शहरों के हैं, जो मुख्य चौराहों के आसपास ही डेरा जमाए हुए हैं. वहीं कुछ आसपास की झुग्गी-झोपड़ियों के बुजुर्ग भी भीख मांगने का काम कर रहे हैं. सामाजिक न्याय विभाग और जिला प्रशासन मिलकर इनका पुनर्वास की दिशा में प्रयास कर रहा है.

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