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भारत की खोज चंदन ने की, कोलंबस अमेरिका का कोई नहीं, इंदर सिंह परमार ने बताई नई हिस्ट्री - Inder Singh Parmar On History - INDER SINGH PARMAR ON HISTORY

राजधानी भोपाल में बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी का दीक्षांत समारोह था. जिसमें राज्यपाल मंगुभाई पटेल, सीएम मोहन सहित उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार शामिल हुए. समारोह में सीएम और राज्यपाल ने छात्राओं को डिग्री बांटी. इस दौरान इंदर सिंह परमार ने कहा हमें गलत इतिहास पढ़ाया गया है.

INDER SINGH PARMAR ON HISTORY
दीक्षांत समारोह में इंदर सिंह परमार का बयान (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 10, 2024, 4:58 PM IST

Updated : Sep 11, 2024, 5:53 PM IST

भोपाल: आपने सामान्य ज्ञान समेत अन्य किताबों में पढ़ा होगा कि अमेरिका की खोज कोलंबस ने की है. यही आप मानते भी हैं, लेकिन ये सच नहीं है. ऐसा कहना है मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का. मंगलवार को बीयू विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बोलते हुए इंदर सिंह परमार ने बतायाकि 'अमेरिका की खोज कोलंबस ने नहीं, बल्कि हमारे पूर्वजों ने की है. हमें गलत इतिहास पढ़ाया जा रहा है. वहीं बताया जाता है, कि भारत की खोज डलहौजी ने की है, लेकिन यह भी गलत है. परमार ने बताया कि भारत की खोज चंदन नाम के व्यापारी ने की थी.'

चर्चा में उच्च शिक्षा मंत्री का बयान

इस दीक्षांत समारोह में उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का बयान फिर चर्चा में हैं. उन्होंने एक बार फिर कहा कि हमें गलत इतिहास पढ़ाया गया है. कोलंबस ने अमेरिका की खोज नहीं की है, बल्कि हमारे पूर्वजों ने की है. इसी तरह भारत की खोज डलहौजी ने नहीं बल्कि चंदन नाम के व्यापारी ने की है. बता दें इससे पहले भी इंदर सिंह परमार यह बयान दे चुके हैं. तब उन्होंने कहा था कि कोलंबस से पहले 11वीं शताब्दी में भारत के व्यापारी व्यापार करने जाते थे, वहां सूर्य मंदिर का निर्माण उन्होंने किया. अभ ऐसे में हम भी कह सकते हैं कि भारतीय व्यापारियों ने अमेरिका की खोज की है.'

छात्रा का डिग्री देते सीएम राज्यपाल और उच्च शिक्षा मंत्री (ETV Bharat)

डिजिटल मार्कशीट और डिग्री देने वाला पहला विश्वविद्यालय

राजधानी के कुशाभाउ ठाकरे सभागार में मंगलवार को बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया था. इस दौरान राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने विश्वविद्यालय द्वारा डिजिटल मार्कशीट और डिग्री देने की प्रक्रिया का शुभारंभ किया. रजिस्ट्रार आईके मंसूरी ने बताया कि 'बीयू भोपाल छात्रों को ऑनलाइन डिजिटल मार्केशीट और डिग्री देने वाला देश का पहला विश्वविद्यालय बन गया है. मंगलवार को बीए आर्टस की गोल्ड्र मेडलिस्ट तनु गुलाटी, एमएससी पीजी के गोल्ड्र मेडलिस्ट यश पाठक और पीएचडी की गोल्ड मेडलिस्ट अनुपमा कुजूर को ऑनलाइन मार्कशीट उपलब्ध कराई गई.'

भोपाल बीयू का दीक्षांत समारोह (ETV Bharat)

बीयू के छात्रों को निशुल्क मिलेगी डिग्री

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि 'अब तक छात्रों को डिग्री देने से पहले शुल्क की वसूली हेाती थी, लेकिन इस पर भी रोक लगा दी गई है. सीएम यादव ने कहा कि अब छात्र कहीं से भी अपनी मार्कशाीट और डिग्री मंगा सकेंगे.' इस बार छात्रों को ऑनलाइन डिग्री और प्रवेश के लिए डिजिटल मार्कशीट जारी की गई है. इस कार्यक्रम में बीयू की स्मारिका और योग पुरस्कत का शुभारंभ किया. इस दौरान मुख्यमंत्री यादव ने दीक्षांत समारोह के दौरान डिग्री लेने वालों को शुभकामनाएं दी. साथ ही सीएम ने घोषणा की है, कि बीयू के विद्यार्थियों को निश्शुल्क डिग्री प्रदान की जाएगी. इसका कोई शुल्क नहीं वसूला जाएगा.

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शिक्षक ही विकसित भारत के कर्णधार

दीक्षांत समारोह में राज्यपाल और कुलाधिपति मंगुभाई पटेल ने कहाहै कि 'पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के द्वारा विकसित भारत के निर्माण की महती जिम्मेदारी सौंपी है. शिक्षक इस दिशा में विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करें. वो विकसित भारत के कर्णधार हैं. राष्ट्र निर्माण के लिए निरंतर प्रयास करते रहना छात्रों की जिम्मेदारी है. जिन्हें दीक्षांत मिला है, उसमें 90 प्रतिशत बेटियां थीं. इसे देखकर लगता है कि बेटी बचाओ बेटा पढ़ाओ के लिए काम करना है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए गौरव की बात है कि वे शहीद बरकतउल्ला के नाम पर संचालित विश्वविद्यालय के छात्र हैं. राज्यपाल ने बीयू को पीएम उषा योजना के तहत 100 करोड़ रुपए की राशि मिलने पर बधाई दी है.'

Last Updated : Sep 11, 2024, 5:53 PM IST

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