पलामू: जिला मुख्यालय से करीब 85 किलोमीटर दूर हैदरनगर में भूतों का मेला लगता है. एक तरफ झारखंड में अंधविश्वास, ओझा-गुनी और डायन के खिलाफ सख्त कानून है, वहीं दूसरी तरफ इस अंधविश्वास मेले में पुलिस प्रशासन सुरक्षा मुहैया कराता है. ऐसा लगता है कि इस मेले में कभी किसी अधिकारी ने मेडिकल कैंप लगाने की कोशिश नहीं की. अंधविश्वास के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने वाली किसी संस्था ने यहां जागरूकता अभियान नहीं चलाया. यह भी सच नहीं है कि हैदरनगर देवी धाम में आने वाले सभी लोग अंधविश्वासी होते हैं. मां भगवती में आस्था रखने वाले लोग भी बड़ी संख्या में पूजा-अर्चना के लिए आते हैं.
मेला साल में दो बार लगता है, एक बार शारदीय नवरात्र और एक बार चैत्र में. विज्ञान के इस युग में भूत-प्रेत अंधविश्वास हैं, लेकिन इस भूत मेले में पहुंचने वाले लोगों की आस्था देखकर कोई भी हैरान हो सकता है. भूत-प्रेत बाधा से मुक्ति पाने के लिए नवरात्र में हजारों लोग हैदरनगर देवी धाम पहुंचते हैं.
देवी धाम मंदिर से जुड़ी है लोगों की आस्था
पुजारी ने बताया कि हैदरनगर देवी धाम मंदिर परिसर में सौ साल से अधिक समय से मेला लगता है. इस मेले में बिहार, यूपी, हरियाणा, छत्तीसगढ़, एमपी, ओडिशा और पश्चिम बंगाल से बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं. इनकी आस्था हैदरनगर के देवी धाम मंदिर से जुड़ी है. नवरात्रि के दौरान हैदरनगर देवी धाम मंदिर परिसर में पूरे नौ दिनों तक भूत मेला लगता है. एकम से नौमी तक लगने वाले मेले में श्रद्धालुओं के अलावा भूत-प्रेत से पीड़ित लोग भी आते हैं. यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि इनकी संख्या अधिक होती है. भूत मेला ऐसी तस्वीरें सामने लाता है, जिसे देखकर किसी की भी रूह कांप जाए. हैदरनगर देवी धाम परिसर में एक प्राचीन वृक्ष है. इस वृक्ष में हजारों कीलें ठोंकी गई हैं.
मान्यता है कि इन कीलों में भूत-प्रेत कैद हैं. देवी धाम परिसर में पूरे नौ दिनों तक हजारों की संख्या में लोग जुटते हैं. मध्य प्रदेश के सिंगरौली से भूत-प्रेत भगाने के लिए हैदरनगर आए एक व्यक्ति ने दावा किया कि भूत-प्रेत बाधा है, जिसे यहां दूर किया जाता है. भूत-प्रेत बाधा से मुक्ति के लिए अलग-अलग शुल्क लिया जाता है.
हैदरनगर देवी धाम परिसर में हजारों लोग प्रेतबाधा से मुक्ति की कामना लेकर पहुंचते हैं. मेला परिसर में चारों तरफ टेंट और तंबू लगे नजर आते हैं. शारदीय नवरात्रि बरसात के बाद ही आती है. इसलिए इस मेले में आने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. नौ दिनों तक देवी मां की पूजा-अर्चना की जाती है. इस अवसर पर ओझाओं द्वारा भूत-प्रेत का शमन किया जाता है. मेले में 24 घंटे हजारों महिलाओं की भीड़ उमड़ती है.
पूरी होती है लोगों की मनोकामनाएं
बिहार के रोहतास निवासी रवींद्र कुमार बताते हैं कि वे पिछले आठ वर्षों से लगातार यहां आ रहे हैं. वे प्रेतबाधा से मुक्ति के लिए हर वर्ष हैदरनगर आते हैं. देवी की पूजा-अर्चना के बाद उनका परिवार खुशहाल हो गया है. मंदिर के मुख्य पुजारी त्यागी जी महाराज कहते हैं कि हैदरनगर में देवी की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. हैदरनगर देवी धाम परिसर एकता और आपसी सौहार्द की मिसाल है.