नई दिल्ली/नोएडा:नोएडा के सेक्टर-100 के लोटस बुलेवर्ड सोसाइटी स्थित आईआरएस अधिकारी के फ्लैट में भेल कंपनी में कार्यरत महिला डिप्टी मैनेजर का शव फंदे से लटकता मिलने के मामले में आरोपी सौरभ मीणा को कुछ राहत मिल सकती है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डिप्टी मैनेजर की दम घुटने से मौत होने की पुष्टि होने के बाद पुलिस अब इस मामले में हत्या की धारा को आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा में तरमीम करने की तैयारी कर रही है. शनिवार को मृतक महिला के पिता ने आईआरएस सौरभ के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराया था. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
चिकित्सकों और गार्ड का बयान होगा अहम:मामला संवेदनशील और हाईप्रोफाइल होने के कारण पुलिस ने मृतक महिला का पोस्टमार्टम चिकित्सकों के पैनल से कराया था. इसकी बाकायदा वीडियोग्राफी भी कराई गई थी. अब जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हो गई है कि डिप्टी मैनेजर शिल्पा गौतम ने फंदा लगाकर आत्महत्या की है तो धाराओं को तब्दील करने की बात कही जा रही है. इसके लिए पुलिस पोस्टमार्टम करने वाले पैनल के सभी चिकित्सकों का बयान लेगी. बयान के आधार पर धाराओं में परिवर्तन किया जाएगा. यानी धारा-302 के स्थान पर अब धारा-306 की जाएगी. घटनास्थल पर मौजूद रहे सोसाइटी के सुपरवाइजर, गार्ड का बयान, फॉरेसिंक जांच भी इसके लिए अहम होगा.
शिल्पा की डायरी बनी केस की महत्वपूर्ण कड़ी:शिल्पा द्वारा एक डायरी में तीन पन्ने पर लिखी गई दास्तान भी केस के लिहाज से अब काफी महत्वपूर्ण हो गई है. सोसाइटी के सिक्योरिटी गार्ड व सुपरवाइजर ने ही आईआरएस अधिकारी की सूचना पर फ्लैट पर पहुंचकर उस कमरे के दरवाजे को खोलने का प्रयास किया था और फिर दरवाज की सिटकनी तोड़ कर अंदर प्रवेश किया था. जहां पंखे से शिल्पा का शव लटका हुआ था. इस कमरे के अंदर जाने का वह दरवाजा ही एक मात्र रास्ता था. जो अंदर से बंद मिला था. ऐसे में आईआरएस अधिकारी द्वारा हत्या करना और शिल्पा के शव को लटकाने से संबंधित साक्ष्य नहीं है. पुलिस का दावा है कि दरवाजा तोड़कर सिक्योरिटी गार्ड के अंदर जाने का वीडियो भी बनाया गया था.