भरतपुर. जिले में मंगलवार का दिन 19 साल में सबसे गर्म रहा. मंगलवार को वर्ष 2005 के 49 डिग्री से भी अधिक 49.2 डिग्री तापमान रहा. वहीं प्रदेश में फलोदी और बाड़मेर के बाद भरतपुर तीसरा सबसे गर्म जिला रहा. आसमान से बरसती आग से लोग परेशान दिखे. लोग घरों में एसी-कूलर में गर्मी से बचने का जतन करते रहे. जिले में गर्मी और लू के प्रकोप को देखते हुए संभाग के सबसे बड़े आरबीएम जिला अस्पताल में अलग से हीट वेव वार्ड शुरू कर दिया गया है. साथ ही शहर की सड़कों पर पानी का छिड़काव कराया गया.
सरसों अनुसंधान निदेशालय से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार को भरतपुर का सर्वाधिक तापमान 49.2 डिग्री रहा. इससे पहले वर्ष 2005 में अधिकतम तापमान 49 डिग्री रहा था. तपती गर्मी को देखते हुए जिला प्रशासन ने भरतपुर शहर की सड़कों पर दमकल से पानी का छिड़काव कराया. इससे लोगों को तपती दोपहर में कुछ राहत मिली.
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16 साल में जिले के सबसे गर्म दिन:
- 19 मई 2009 को 46.1 डिग्री
- 21 जून 2010 को 48.2 डिग्री
- 7 जून 2011 को 47.1 डिग्री
- 31 मई 2012 को 48.8 डिग्री
- 19 मई 2013 को 48 डिग्री
- 8 जून 2014 को 48 डिग्री
- 26 मई 2015 को 47 डिग्री
- 4 जून 2016 को 46.3 डिग्री
- 4 जून 2017 को 47 डिग्री
- 29 मई 2018 को 46.6 डिग्री
- 10 जून 2019 को 48.5 डिग्री
- 23 मई 2020 को 46.8 डिग्री
- 9 जून 2021 को 45 डिग्री
- 14 मई 2022 को 47.2 डिग्री
- 21 मई 2023 को 45.5 डिग्री
- 28 मई 2024 को 49.2 डिग्री
अस्पताल में बनाया हीट वेव वार्ड: आरबीएम अस्पताल के पीएमओ डॉ नगेंद्र सिंह ने बताया कि जिले में बढ़ती गर्मी को देखते हुए अस्पताल में अलग से 18 बेड की क्षमता का एक हीट वेव वार्ड तैयार किया गया है. साथ ही आईसीयू में भी लू, तापघात के मरीजों के लिए दो बेड रिजर्व रखे गए हैं. जनाना अस्पताल में भी लू, तापघात के शिशु रोगियों के लिए अलग से 5 बेड की व्यवस्था की गई है.
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ऐसे करें गर्मी से बचाव: पीएमओ डॉ नगेंद्र ने बताया कि बढ़ती गर्मी में लोगों को स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए. तेज गर्मी में घर से निकलने से बचें. आवश्यक हो तो घर से निकलते समय सूती कपड़े से सिर व शरीर ढंक कर निकलें. गर्मी में ज्यादा मसालेदार, तला हुआ और गरिष्ठ भोजन करने से बचें. जूस, दही और छाछ जैसे तरल पदार्थों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें.