जयपुर: राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को विपक्ष की गैर मौजूदगी में सदन की कार्यवाही चली. प्रश्नकाल में किसी भी विपक्ष के सदस्य का कोई सवाल जवाब नहीं हुआ, सदन में सिर्फ सत्ता पक्ष और निर्धारित विधायकों ने ही सवाल किए. प्रश्नकाल के दौरान प्रदेश में स्मार्ट पीडीएस योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में सृजित पदों, संविदा पदों का मानदेय निर्धारित करने, डीडवाना विधानसभा क्षेत्र में अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिए संचालित योजना सहित कई प्रश्नों के सवाल जवाब हुए. हालांकि प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक मनीष यादव के प्रदेश में मातृ वन की स्थापना के सवाल को विधानसभा अध्यक्ष ने महत्वपूर्ण बताते हुए स्वयं पूछा. सवाल का जवाब आता उससे पहले ही प्रश्नकाल का निर्धारित समय समाप्त हो गया.
पहला सवाल विपक्ष का, लेकिन नही मिला जवाब: विधानसभा में प्रश्नकाल के साथ सदन कार्यवाही शुरू हुई. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का पहला ही सवाल था, जिसमें उन्होंने भर्ती परीक्षा में अनियमितताओं की जांच को लेकर सवाल लगाया था, लेकिन डोटासरा को विधानसभा सदन की कार्यवाही निलंबन के चलते उनके नाम को नहीं पुकारा गया. उसके बाद अगला सवाल भी कांग्रेस विधायक डॉ. दयाराम परमार का लगा हुआ था, विधानसभा अध्यक्ष ने परमार का नाम पुकारा, लेकिन विपक्ष की सदन की कार्यवाही से बहिष्कार के चलते सवाल- जवाब नहीं हुए. इसके बाद बीजेपी विधायक डॉ. जसवंत यादव राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में सृजित पदों को लेकर सवाल किया कि संविदा पर कार्यरत कार्मिकों को सरकारी कर्मचारियों के रूप में मान्यता कब दी जाएगी? कब स्थाई किए जाएंगे? मानदेय बढ़ाने जाएगा? इन सवालों के जवाब में मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने नए नियमों की जानकारी दी और कहा कि समस्त संविदा पदों का मानदेय निर्धारित है. एनएचएम में रिलोकेशन की पालिसी भी जारी की गई है. डेढ़ साल पहले नया नियम आया है, जिसमें 9 साल बाद नियमित किया जाता है. हर तीन साल में पॉइंट्स दिए गए हैं. 9 साल वाले को अलग और 15 वालों को अलग है.
सदन में उठा स्मार्ट पीडीएस योजना का मुद्दा: प्रदेश में राशन की दुकानों पर केंद्र सरकार की स्मार्ट पीडीएस योजना की स्थिति को लेकर बीजेपी विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी ने सवाल किया कि उचित मूल्य की दुकानों पर खाद्य सामग्री के गुणवत्ता सुनिश्चित करने खाद्य मानकों का उल्लंघन करने वालों की जांच के लिए कमेटी बनाई है क्या? इस पर खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि प्रदेश में स्मार्ट पीडीएस योजना चल रही है. प्रदेश में 25 हजार 527 उचित मूल्य दुकान को पोष मशीन, आईडीपीएस मशीन, इलेक्ट्रिक इलेक्ट्रॉनिक तोलन यंत्र दिया जा चुका है. इस योजना के माध्यम से एक करोड़ 63 लाख 45 हजार 18 राशन कार्डधारी लाभ ले रहे हैं. इसके अलावा 4 करोड़ 39 लाख 8 हजार 363 बायोमेट्रिक के जरिए राशन ले रहे हैं. हर महीने राशन वितरण किया जा रहा है. संबंधित लाभार्थी का बायोमेट्रिक विवरण होने से अनियमितता की संभावना कम है.
मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि अनियमिताएं रोकने के लिए हमारे अधिकारी समय-समय पर कार्रवाई करते हैं. शिकायत की जांच में सही पाए जाने पर राशन की दुकान निलंबित होगी और ज्यादा गंभीर मामला होने पर उसे निरस्त भी किया जाएगा. इसके बाद विधायक दीप्ति ने कहा कि चावल-दाल के अलावा अन्य सामग्री भी दिए जाने की योजना है क्या? मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि इस बजट में मुख्यमंत्री ने 5000 राशन दुकानों को अन्नपूर्णा स्टोर के रूप में विकसित करने की घोषणा की है. अनेक प्रकार की सामग्री उचित मूल्य पर मिलेगी. राशन विक्रेता को भी लाभ मिलेगा.
अपनों ने ही घेरा: प्रश्नकाल में सरकार को अपने ही विधायकों ने घेरा. विधायक कालीचरण सराफ ने उचित मूल्य की दुकान पर चीनी आपूर्ति से जुड़े सवाल पर सरकार से जवाब मांगा. इस दौरान सराफ और खाद्य आपूर्ति मंत्री के बीच बहस भी हुई. मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि उचित मूल्य की दुकानों पर चीनी की आपूर्ति बंद की गई थी. वर्ष 2021 में चीनी का आवंटन का आदेश जारी किया गया था. उसके बाद कोई आदेश जारी नहीं किया गया. वर्तमान में राशन की दुकान पर चीनी की दुकानों पर पुन: शुरू करने का विचार नहीं है.
सवाईमाधोपुर में ट्रोमा सेंटर: सवाईमाधोपुर के बहरावंडा खुर्द में प्राइमरी ट्रॉमा सेंटर स्थापित किया जाएगा. खंडार विधायक जितेंद्र कुमार गोठवाल ने सवाल किया, इसके जवाब में चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि नियमों के अनुसार 50 किलोमीटर दूरी पर एक ट्रॉमा सेंटर होना चाहिए. बहरावंडा खुर्द, जिला मुख्यालय सवाई माधोपुर से 26 किलोमीटर दूर है. सवाई माधोपुर में जिला अस्पताल है जिससे नियमों में ट्रॉमा सेंटर खुल नहीं सकता, लेकिन वहां प्राइमरी ट्रॉमा सेंटर खुलवा दूंगा. उसमें 45 उपकरण होंगे, लाइफ सपोर्ट सिस्टम होगा.