हरिद्वार:भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश महामंत्री व न्यूनतम मजदूरी सलाहकार बोर्ड के सदस्य सुमित सिंघल ने सभी औद्योगिक इकाईयों से प्रदेश सरकार द्वारा जारी किए गए शासनादेश के अनुसार कर्मचारियों के वेतन में 25 प्रतिशत बढ़ोतरी करने की मांग की है. सुमित सिंघल ने 15 दिन के अंदर वेतन बढ़ोतरी नहीं किए जाने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी है. प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए सुमित सिंघल ने बताया कि सरकार द्वारा प्रत्येक पांच साल के बाद कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी की जाती है. इसी के तहत सरकार ने न्यूनतम मजदूरी सलाहकार बोर्ड से परामर्श के बाद मार्च में अकुशल, अर्द्धकुशल एवं कुशल श्रमिकों के वेतन में 25 प्रतिशत बढ़ोतरी का शासनादेश जारी किया है.
उन्होंने कहा कि दो महीने बाद भी अधिकांश उद्योगों में शासनादेश के मुताबिक श्रमिकों के वेतन में बढ़ोतरी नहीं की गयी है. लगातार बढ़ रही महंगाई और कठिन परिस्थितियों के चलते श्रमिकों के लिए परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो रहा है. सुमित सिंघल ने आरोप लगाया कि श्रम विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से श्रमिकों को शासनादेश का लाभ नहीं मिल पा रहा है. श्रमिक अपने अधिकारों के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं. उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. श्रमिकों से 12 से 15 घंटे काम लिया जा रहा है. लेकिन श्रम कानूनों के अनुसार उन्हें वेतन नहीं दिया जा रहा है. बिना सेफ्टी इक्विपमेंट के ट्रेनिंग और कॉन्ट्रेक्ट पर नियुक्त श्रमिकों से मशीनों पर कार्य लिया जा रहा है.