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अजमेर में भारत बंद का व्यापक असर: बाजारों में पसरा सन्नाटा, पर्यटक और श्रद्धालु हुए परेशान - Bharat Bandh

अजमेर में भारत बंद का खासा असर नजर आया. बंद के चलते शहर में परिवहन के साधन बंद रहे. इससे पर्यटकों और श्रद्धालुओं को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ा. बाजारों में भी सन्नाटा पसरा नजर आया.

Bharat Bandh has a huge impact in Ajmer
अजमेर में भारत बंद का व्यापक असर (ETV Bharat Ajmer)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 21, 2024, 3:59 PM IST

भारत बंद के दौरान अजमेर में दिखा ये नजारा (ETV Bharat Ajmer)

अजमेर: एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर और उप वर्गीकरण को लेकर भारत बंद के आह्वान का असर अजमेर में भी नजर आया. शहर के सभी प्रमुख बाजार बंद रहे. सड़कों पर परिवहन के साधन नजर नहीं आए. वहीं शैक्षणिक संस्थानों में स्वैच्छिक रूप से बंद रहा. आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी फुटकर और बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद की जद में दिखे. बंद का असर उपखंड क्षेत्र में भी नजर आया. बंद को लेकर जिले में प्रशासन और पुलिस दोनों ही अलर्ट नजर आया.

देशव्यापी बंद के आह्वान से अजमेर भी अछूता नहीं रहा. अजमेर में भी बंद का व्यापक असर नजर आया. धार्मिक पर्यटन नगरी में श्रद्धालुओं को भी बंद की वजह से काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन से श्रद्धालुओं को पैदल चलकर होटल, गेस्ट हाउस तक जाना पड़ा. श्रद्धालुओं को चाय-नाश्ता भी नहीं मिल पाया. दरअसल बंद के कारण छोटी थड़ियां, रेस्टोरेंट भी बंद नजर आए.

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हालांकि दरगाह क्षेत्र के भीतरी इलाकों में दुकानों के माध्यम से खाने-पीने की व्यवस्था हो रही थी. बंद का असर शैक्षणिक संस्थानों में भी मिलाजुला रहा. सरकारी संस्थानों में प्रथम टेस्ट लिए जा रहे हैं. लिहाजा सरकारी स्कूलों में बंद का असर नजर नहीं आया. इसी तरह से कई प्राइवेट शिक्षण संस्था भी खुले रहे. हालांकि प्राइवेट वेन एसोसिएशन के बंद को सहयोग देने के कारण अभिभावकों ने ही बंद के दौरान बच्चों को स्कूल लाने ले जाने की जिम्मेदारी निभाई. बंद के असर से सब्जी मंडियां, फ्रूट मंडी, फुटकर व्यापारी अछूते नहीं रहे.

इसी तरह शहर में परिवहन के साधन भी नजर नहीं आए. ऑटो, टेंपो, सिटी बस एसोसिएशन भी बंद के दायरे में रहीं. इधर बंद के दौरान उपद्रव की स्थिति को देखते हुए रोडवेज बसों का संचालन भी पूरी तरह से बंद रहा. बता दें कि बंद के दौरान कहीं से भी किसी भी तरह के उपद्रव और अशांति की सूचना नहीं है. बंद के दौरान कई पेट्रोल पम्प भी खुले रहे.

बाजारों में पसरा सन्नाटा: अजमेर में बंद का व्यापक असर रहा. बाजारों में कई जगह सन्नाटा पसरा रहा, तो कई जगह बंद बाजारों में युवाओं ने क्रिकेट खेलकर टाइम किया. मदार गेट बाजार, नला बाजार, कवण्ड्सपूरा, पड़ाव, केसरगंज, श्रीनगर रोड, गोल प्याऊ, रामगंज, नया बाजार, दरगाह बाजार, गंज, वैशाली नगर, शास्त्री नगर, फॉयसागर रोड, जयपुर रोड आदि स्थित बाजार बंद रहे. इनके अलावा शहर के भीतरी क्षेत्रों में भी बंद के चलते दुकाने बंद रही. शाम 4 बजे तक बंद का प्रभाव रहा.

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उपखंड क्षेत्र में भी दिखा बंद का असर: बंद का असर उपखंड और पंचायत समिति क्षेत्र में भी नजर आया. तीर्थराज गुरु पुष्कर में 12 बजे तक बंद रहा. इसके बाद बाजार में चहल—पहल नजर आई. किशनगढ़ में भी बंद का असर प्रमुख बाजारों में नजर आया. हालांकि मार्बल मंडी में बंद का असर नहीं दिखा. लेकिन अन्य दिनों की तुलना में यहां व्यापार काफी कम हुआ. इसी तरह नसीराबाद में भी बंद के आह्वान के चलते प्रमुख बाजार बंद रहे. विजयनगर, मसूदा, सरवाड़, केकड़ी, ब्यावर रूपनगढ़, अराई में भी बंद का असर दिखा.

अजमेर में निकली वाहन रैली: एसटी-एससी आरक्षण संघर्ष मंच के बैनर तले अजमेर में बंद समर्थकों ने रैली निकाली. सैकड़ों समर्थक जय भीम के नारे लगाते हुए रैली में शामिल हुए. शहर के विभिन्न प्रमुख मार्गों से होती हुई रैली जिला मुख्यालय पहुंची जहां मंच के प्रतिनिधि मंडल ने जिला कलेक्टर भारती दीक्षित को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.

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यह बोले बंद समर्थक: अजमेर दक्षिण से कांग्रेस प्रत्याशी रहीं द्रौपदी कोली ने कहा कि एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर व्यवस्था लागू करने से समाज को बांटा जा रहा है. यदि लाभ देना है, तो आरक्षण का कोटा बढ़ाकर वंचित लोगों को लाभ दें. कोली ने कहा कि क्रीमीलेयर व्यवस्था को किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. पूर्व विधायक डॉ राजकुमार जयपाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एसटी-एससी वर्ग के खिलाफ फैसला दिया है.

डॉ जयपाल ने कहा कि आरक्षण के साथ छेड़छाड़ करने की बात फैसले में की गई है. इसके विरोध में भारत बंद का आह्वान किया गया था. बंद और रैली के माध्यम से फैसले का विरोध जताया गया है. प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देकर मांग की है कि आरक्षण से किसी भी तरह की कोई छेड़छाड़ नहीं की जाए. यदि छेड़छाड़ की गई तो आंदोलन और भी उग्र होगा.

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