भागलपुर : बिहार की भागलपुर कोर्ट के आगे डीएसपी की हेकड़ी न सिर्फ चली गई बल्कि उसे जेल भी जाना पड़ गया. दुष्कर्म और ब्लैकमेल करने का आरोप खाकी वर्दी वाले ऊंचे ओहदे पर तैनात एक डीएसपी पर था. गया मुख्यालय में उसकी तैनाती थी. लेकिन कोर्ट के आदेश को लगातार दरकिनार कर वह मनमानी कर रहे थे. कोर्ट ने सख्ती बरतते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी किया.
DSP का सरेंडर, भेजे गए जेल : दरअसल, ये पूरा प्रकरण जब डीजीपी के संज्ञान में आया तो मंगलवार की रात 8 बजे गुपचुप तरीके से आरोपी डीएसपी ने भागलपुर पहुंचकर खुद को सरेंडर कर दिया. आरोपी डीएसपी ने कोर्ट में दलील भी रखी लेकिन कोर्ट ने किसी भी दलील को नहीं माना और उसे जेल भेजने का आदेश जारी किया. मामला 5 साल पुराना है. जिसके केस में डीएसपी को कोर्ट ने जेल भेजा.
पीड़िता ने क्या लगाया था आरोप? : आरोपी डीएसपी पर नजदीकी रिश्तेदार के साथ दुष्कर्म और ब्लैकमेल करने के आरोप का है. भागलपुर के तातारपुर क्षेत्र की रहने वाली डीएसपी की एक रिश्तेदार लड़की ने महिला थाने में मार्च 2020 को उसके खिलाफ केस दर्ज कराया था. जिसके बाद उस तत्कालीन सिटी एएसपी पूरण कुमार झा की निगरानी में तत्कालीन महिला थानाध्यक्ष रीता कुमारी ने आरोपित प्रशिक्षु डीएसपी को झारखंड के साहिबगंज रेलवे क्वार्टर से गिरफ्तार कर लिया था. सोमेश मूल रूप से झारखंड के गोड्डा का रहने वाला है. उसके पिता साहेबगंज में रेलवे में जॉब करते हैं. आरोप है कि वह पीड़िता से लगातार यौन शोषण कर रहा था.
कोर्ट ने वारंट जारी किया था :भागलपुर व्यवहार न्यायालय के प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश लवकुश कुमार की अदालत ने दुष्कर्म कांड के आरोपित गया में तैनात मुख्यालय डीएसपी को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है. वह न्यायालय में कई तिथियों से उपस्थित नहीं हो रहे थे. नतीजा उनका बेल बॉन्ड कैंसिल कर उनके विरुद्ध वारंट जारी कर दिया था. उसके बाद भी उपस्थित नहीं हो रहे थे. पुलिस भी उन्हें गिरफ्तार कर उपस्थित नहीं करा पा रही थी.
डीजीपी के संज्ञान में ऐसे आया मामला :मामले में सूचक की तरफ से आपराधिक मामलों के वरीय अधिवक्ता अभयकांत झा ने कोर्ट में उक्त डीएसपी के प्रभाव की जानकारी देकर डीजीपी के संज्ञान में मामला लाया था. पुलिस अमला जब सख्त हुआ तो मंगलवार को दुष्कर्म के आरोपी डीएसपी ने न्यायालय में सरेंडर कर दिया.