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Rajasthan: मिल्क केक से सावधान! ज्यादा मुनाफे के चक्कर में दुकानदार कर रहे ग्राहकों की सेहत से खिलवाड़

राजस्थान के अलवर में त्योहारी सीजन में बढ़ी मिठाइयों की मांग. स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई में सामने आई चौंकाने वाली हकीकत.

ALWAR ADULTERATION CASE
मिल्क केक से सावधान! (ETV BHARAT ALWAR)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 4 hours ago

अलवर : जिले में त्योहारी सीजन की शुरुआत हो चुकी है और लोग मावा और पनीर से बनी मिठाइयों का आर्डर अभी से ही देने लगे हैं. दीपावली जैसे बड़े त्योहारी सीजन में मावे की मिठाई की मांग में बढ़ोतरी के चलते मिष्ठान भंडारों के संचालक मावे और पनीर में मिलावट कर मोटी रकम कमाने का सपना संजोने लगे हैं. बाजार में मिठाई की बढ़ती बिक्री को देख स्वास्थ्य विभाग ने भी मावे व पनीर में मिलावट के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा बाजार से मावे व अन्य मिठाइयों के सैंपल लेने की कार्रवाई को भी अंजाम दिया गया है. इनमें मिठाइयों के कई सैंपल गुणवत्ता पर खरे नहीं उतरे हैं. बीते 10 दिनों में स्वास्थ्य विभाग की ओर से करीब 80 जगहों पर सैंपल लिए गए हैं, जिनमें कई खामियां मिली हैं. खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की टीम ने मौके से दूषित पनीर, मिठाई व मावे को नष्ट भी कराया.

वहीं, देश-दुनिया में अलवर की पहचान मिल्क केक और मावे से बने मिठाइयों से होती रही है. यहां के मिल्क केक के पूरे देश में दीवाने हैं. इसी के चलते अलवर ही नहीं, बल्कि बाहरी राज्यों से भी अलवर के मिल्क केक के आर्डर दिए जाते हैं. जिले में मिल्क केक और मावे की मिठाई की मांग बढ़ने के साथ ही दूध की भी कमी होने लगती है. दूध की इसी कमी का फायदा उठाकर कई मिष्ठान भंडार संचालक सिंथेटिक दूध और इससे तैयार मावे का उपयोग मिल्क केक व मावे की मिठाइयों में करने से बाज नहीं आते हैं. कम लागत में अच्छा मुनाफा होने के कारण शहर समेत सरिस्का क्षेत्र के गांव, थानागाजी, रामगढ़, गोविंदगढ़, लक्ष्मणगढ़, खैरथल, किशनगढ़बास समेत पूरे जिले में नकली दूध और सिंथेटिक मावा तैयार करने के छोटे-छोटे कारखाने खुल गए हैं.

मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. योगेंद्र कुमार शर्मा (ETV BHARAT ALWAR)

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सेहत के लिए हानिकारक है नकली मावा :नकली या सिंथेटिक दूध व इससे तैयार मावा सेहत के लिए हानिकारक होता है. ये सिंथेटिक दूध व मावा डिटरजेंट पाउडर, सोडा, यूरिया, हल्की गुणवत्ता के वनस्पति घी, वाशिंग पाउडर आदि हानिकारक तत्व मिलाए जाते हैं. इन हानिकारक तत्वों से तैयार नकली दूध और मावा दिखने में अच्छा लगता है, लेकिन यह जहर के समान होता है. लोग मुनाफे के लिए सिंथेटिक मावे का उपयोग त्योहारी सीजन में मिठाई तैयार करने में खूब करते हैं.

181 पर करें मिलावटी वस्तु की शिकायत : मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. योगेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि त्योहारी सीजन में मिठाई व पनीर की खपत बढ़ जाती है. इसके चलते कुछ लोग मिलावटी पनीर व मावे का बेचान करते हैं. यह मिलावटी मिष्ठान अलवर से जयपुर व दिल्ली तक पहुंचता है. त्योहारी सीजन को देखते हुए स्वास्थ विभाग मिलावट करने वालों पर पैनी नजर बनाए हुए हैं. साथ ही जिले में स्वास्थ विभाग की ओर से की जा रही लगातार कार्रवाई में कई सैंपल फेल हो रहे हैं. ऐसे लोगों से करीब 20 लाख रुपए की पेनल्टी वसूल की जानी है. सीएमएचओ ने आमजन से पोर्टल पर मिलावट खोरों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने की अपील की है, जिससे प्रभावी कार्रवाई की जा सके.

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1300 किलो से ज्यादा मिठाई व 800 किलो से ज्यादा पनीर व मावा किया नष्ट :मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. योगेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि त्योहारी सीजन के चलते अलवर में खाद्य सुरक्षा अधिकारी लगातार चेकिंग कर रहे हैं. ताकि दुकानदार लोगों को दूषित व नकली खाद्य पदार्थों से बनी मिठाइयों का बेचान न कर सके. उन्होंने बताया कि बीते 10 दिनों में स्वास्थ्य विभाग की ओर से करीब 80 सैंपल अलग-अलग जगह से लिए गए थे. इसमें करीब मौके से 800 किलो सामान नष्ट कराया. इसमें बड़ी मात्रा में नकली पनीर, दूध व मिल्क केक शामिल है. उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से कल 1300 किलो से ज्यादा डोडा बर्फी भी नष्ट करवाई गई. उन्होंने कहा कि निरंतर यह कार्यवाही स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी रहेगी.

बस स्टैंड व स्टेशन पर भी होती है कार्रवाई :मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. योगेंद्र शर्मा ने बताया कि अलवर का कलाकंद देश-विदेश में प्रसिद्ध है, इसलिए लोग अलवर से आते-जाते समय कलाकंद लेकर जाते हैं. इसी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से समय-समय पर रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड पर भी कार्रवाई की जाती है. खाद्य पदार्थ मानको पर खरा नहीं उतरने पर मौके से ही खाद्य पदार्थों को नष्ट कराया जाता है.

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