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तेंदू पत्ता संग्रहण में बैतूल दक्षिण वन मंडल मध्यप्रदेश में नंबर-1, बोनस भी मिलेगा - MP tendu patta collection

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 21, 2024, 5:25 PM IST

तेंदू पत्ता संग्रहण में बैतूल दक्षिण वन मंडल मध्यप्रदेश में पहले स्थान पर आया है. यहां लक्ष्य से अधिक तेंदूपत्ता संग्रहण किया गया है.

MP tendu patta collection
तेंदू पत्ता संग्रहण में बैतूल दक्षिण वन मंडल मध्यप्रदेश में नंबर वन (ET BHARAT)

तेंदू पत्ता संग्रहण में बैतूल दक्षिण वन मंडल पहले स्थान पर (ET BHARAT)

बैतूल।बैतूल जिले के दक्षिण वन मंडल ने तेंदू पत्ता संग्रहण में उल्लेखनीय कार्य किया है. मंडल को 9929 मानक बोरा का लक्ष्य दिया गया था. तेंदू पत्ता के दाम भी 3500 से बढ़ाकर 4 हजार रुपए मानक बोरा संग्राहकों को दिया गया है. पूरे वन मंडल में 5 करोड़ रुपए का तेंदूपत्ता अभी तक संग्रहण किया जा चुका है. बता दें कि तेंदू पत्ता ने बैतूल जिले के ग्रामीण आदिवासियों के जीवन स्तर में बड़ा बदलाव ला दिया है. तेंदू पत्ता संग्रहण के लिए आदिवासी सालभर इंतजार करते हैं और केवल 4 दिन में प्रति व्यक्ति दस हजार रुपए से अधिक का तेंदू पत्ता संग्रहण कर ठेकेदार को बेचा है. इसके बाद उन्होंने बोनस की राशि भी मिलती है.

आदिवासियों को 10 से 12 हजार की कमाई

तेंदू पत्ता संग्रहण से मिलने वाले पैसे से आदिवासी बच्चों की पढ़ाई, शादी और कृषि कार्य में उपयोग करते हैं. तेंदू पत्ता बैतूल जिले के आदिवासियों के लिए वरदान से कम नहीं है. आदिवासियों के लिए तेंदूपत्ता आय का साधन बन गया है. आदिवासी वर्ग एवं ग्रामीण क्षेत्र के लोग 12 महीने तक तेंदूपत्ता तोड़ाई का इंतजार करते हैं. मानकों बाई ने बताया कि 12 महीने तक तेंदूपत्ता तोड़ने का इंतजार करते हैं. तेंदूपत्ता की संग्रहण से 10 से 15 हजार रुपए की आय हो जाती है. ये पैसे बच्चों की पढ़ाई एवं शादी विवाह में बहुत काम आता है.

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तेंदू पत्ता तोड़ने का आदिवासी सालभर करते हैं इंतजार

संतोष कासदेकर ने बताया "तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य करने से जो भी पैसे मिलते हैं, बच्चों की पढ़ाई में बहुत सहायता हो जाती है. तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य अलग-अलग स्थान पर तीन से चार दिन चलता है." वन विभाग के डिप्टी रेंजर कृष्णमूरत आर्य ने बताया "जंगल में अलग-अलग स्थान पर 3 से 4 दिन तक तेंदुपत्ता संग्रहण का कार्य चलता है. तेंदूपत्ता तोड़ने का कार्य करने वाले ग्रामीण कम से कम 10हजार से अधिक की राशि 3 से 4 दिन में काम लेते हैं."

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