भोपाल: तिरुपति के तिरुमाला मंदिर में लड्डू के प्रसाद में पशुओं की चर्बी और मछली का तेल मिला होने की रिपोर्ट आने के बाद मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार भी अलर्ट हो गई है. उज्जैन के बाबा महाकाल मंदिर में वितरित होने वाले लड्डुओं की जांच कराई जाएगी. प्रदेश सरकार ने खाद्य एवं औषधीय विभाग को जांच के निर्देश दिए हैं.
महाकाल मंदिर के लड्डुओं की जांच के आदेश
मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य विभाग के मंत्री डॉ. राजेन्द्र शुक्ला ने कहा कि ''खाद्य एवं सुरक्षा विभाग स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत ही आता है. विभाग को पहले से ही इस तरह की जांच करने का दायित्व है. हम उनको निर्देशित करेंगे कि उज्जैन मंदिर में मिलने वाले प्रसाद की भी वे नियमित रूप से जांच करते रहें.'' उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए लाखों की संख्या में भक्त मंदिर पहुंचते हैं. भक्तों को प्रसाद के रूप में लड्डू दिया जाता है. यह लड्डू महाकाल प्रबंध समिति द्वारा तैयार किया जाता है. हालांकि, मंदिर प्रबंधन द्वारा लड्डुओं के गुणवत्ता की लेबोरेटरी में जांच के बाद ही इन्हें तैयार किया जाता है.
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सांची घी से बनाया जाता है महाकाल का प्रसाद
मंदिर में तैयार होने वाले लड्डू में सांची के घी का उपयोग किया जाता है. इसके साथ ही इसकी गुणवत्ता की भी जांच की जाती है. लड्डू में उपयोग होने वाले ड्राई फ्रूट्स की भी लगातार जांच की जाती है. लड्डू तैयार होने के बाद इसकी पैकेजिंग की जाती है. मंदिर में लड्डुओं का यह प्रसाद 100 ग्राम, 200 ग्राम, 500 ग्राम और 1 किलो के पैकेट में उपलब्ध होता है. विश्व प्रसिद्ध तिरूपति मंदिर के प्रसादम में मिलावट का मामला सामने आने के बाद कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के बड़े मंदिरों के प्रसाद की जांच की मांग की है. पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने उज्जैन के महाकाल मंदिर के लड्डू प्रसाद की भी जांच कराने की मांग की थी.