इंदौर: देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में अब प्रदूषण कंट्रोल करने को लेकर नई पहल की है. गाड़ियों से शहर में होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए रविवार को शहर में 'नो कार डे' मनाया गया. इसे हर साल 22 सितंबर को मनाने का निर्णय लिया गया है. इस बार लगातार दूसरे साल नो कार डे मनाया गया है. वहीं, इस अभियान को आगे बढ़ाते हुए महीने में एक दिन नो कार डे मनाने पर विचार किया जा रहा है.
शहर के प्रदूषण में आई कमी
नो कार डे पर शहर में लोग कार के बजाय साइकिल, इलेक्ट्रिक वाहन और अन्य साधनों की सवारी करते नजर आए. जिससे शहर के विभिन्न इलाकों में प्रदूषण के स्तर में आश्चर्यजनक कमी देखी गई. इंदौर नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने इस अवसर पर प्रदूषण का स्तर मापने के लिए करीब एक दर्जन स्थानों पर वाहनों की संख्या की गणना की. जिसमें 25 से 60 प्रतिशत तक कारों की कमी देखी गई. बताया गया कि लैंटर्न चौराहे पर सबसे कम कार नजर आए, जिससे वहां का प्रदूषण तेजी से कम हुआ.
महीने में 1 दिन 'नो कार डे' होगा
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने इस संबंध में कहा कि "शहर भर के लोग जिस तरह इस अभियान से जुड़े उसके कारण यह अभियान पूरे देश में मिसाल बनेगा. जल्द ही इसे महीने के 1 दिन के रूप में फिक्स कर दिया जाएगा, जिससे शहर में प्रदूषण नियंत्रण किया जा सके." वहीं इस अभियान को बढ़ावा देने के लिए शिवाजी वाटिका पर आयोजित ओपन एयर कैनवास कार्यक्रम में महापौर समेत निगम परिषद के अन्य सदस्य साइकिल से पहुंचे. इस अवसर पर आयुक्त शिवम वर्मा ने जागरूकता और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अपने निवास रेडियो कॉलोनी से जीपीओ चौराहा तक साइकिल से पहुंचे. वहीं, कलेक्टर आशीष सिंह भी ई-बाइक से कलेक्ट्रेट पहुंचे.
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साइकिल और ई-रिक्शा का उपयोग करते नजर आए लोग
नो कार डे को लेकर शहर में अधिकतर लोग साइकिल और ई रिक्शा का उपयोग करते नजर आए . शहर के विभिन्न इलाकों में बहुत कम कार चलती नजर आई. वहीं, नागरिकों की सुविधा के लिए नगर निगम और एआईसीटीसीएल ने बीआरटीएस मार्ग के चौक-चौराहों पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट के साथ ही माय बाइक और ई-रिक्शा सेवा उपलब्ध कराया था.