बटन दबाते ही बहने लगा हजारों क्यूसेक पानी, दिखा धुआंधार नजारा, बजा खतरे का अलार्म - SATPURA DAM 7 GATES OPEN - SATPURA DAM 7 GATES OPEN
जलस्तर बढ़ने से सतपुड़ा डैम के 7 गेट 5-5 फीट तक खोल दिए गए हैं. 28 हजार क्यूसेक पानी तवा नदी में छोड़ा जा रहा. जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का मंडरा रहा है.
बैतूल। पहाड़ी क्षेत्रों में 3 दिनों से हो रही बारिश से सतपुड़ा डैम का जलस्तर बढ़ गया है. जिसके चलते शनिवार को डैम के 7 गेट खोल दिए गए हैं. डैम के 7 गेट 5-5 फीट की ऊंचाई तक खोलकर तवा नदी में प्रति सेकंड करीब 28 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. जिससे निचली नदियों के आसपास के गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. जानकारी के अनुसार, शनिवार दोपहर 3 बजे के बाद सतपुड़ा डैम के 7 गेट 5-5 फीट की ऊंचाई तक खोलकर तवा नदी में पानी छोड़ा गया है.
जलस्तर बढ़ने से सतपुड़ा डैम के 7 गेट खुले (ETV Bharat)
सतपुड़ा डैम के 7 गेट खुले शनिवार सुबह 10 बजे एक-एक कर डैम के तीन गेट खोल दिए गए. 12 बजे गेटों की संख्या बढ़ाकर 7 कर दी गई. इस दौरान सतपुड़ा डैम से तवा नदी में प्रति सेकंड करीब 8400 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. इससे तवा नदी में बाढ़ जैसे हालात बने रहे. हालाकि नंदियाघाट और सिवनपाठ नदी पर पुल बनने से पुनर्वास कैंप के लगभग सभी गांवों का संपर्क शहरी क्षेत्र से बना है. फिलहाल सतपुड़ा डैम का लेवल 1430 फीट मेंटेन किया जा रहा है, जबकि जलाशय की क्षमता 1433 फीट है.
बुरहानपुर में मानसून रूखा एक तरफ प्रदेश के अधिकांश जिलों में भारी बारिश हो रही है, वहीं दूसरी तरफ बुरहानपुर जिले में लगता है मानसून रूठ सा गया है. जिले में पिछले दो दिन से रूक रूक कर रिमझिम बारिश हो रही है, ऐसे में लोग मानसून की भारी और झमाझम बारिश का इंतजार कर रहे है. लोग बारिश की तैयारी को लेकर छाते व रेन कोट लेकर निकलते हैं, लेकिन बारिश नहीं होने से नागरिक मायूस है. लोगों का कहना है कि मौसम की बेरुखी किसानों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है.
जलस्तर बढ़ने से सतपुड़ा डैम के 7 गेट खुले (ETV Bharat)
पिछले साल के मुकाबले कम बारिश जानकारों के मुताबिक बुरहानपुर जिले में अब तक 333 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है, जबकि पिछले साल जुलाई तक 560 मिलीमीटर बारिश हो चुकी थी. दो दिन में जिले में 19 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है. बुरहानपुर शहर में 6 मिलीमीटर बारिश हो सकी है. अब मंदिर मस्जिदों में बारिश के लिए दुआओं व प्रार्थानाओं का दौर भी शुरू हो गया है. लोग मंदिरों में इंद्र देव से अच्छी बारिश की कामना कर रहे हैं, वही मस्जिदों में अल्लाह से अच्छी बारिश के लिए इबादत की जा रही हैं.