'तो पंजाब भी बांग्लादेश बन जाता'...कंगना रनौत के बयान से भड़के मध्य प्रदेश के किसान, सांसद के खिलाफ उठाया यह कदम - Kangana Ranaut Defamation notice
बॉलीवुड अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. किसान आंदोलन को लेकर दिए गए बयान पर कंगना रनौत को किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष ने मानहानि का नोटिस भेजा है.
पूर्व विधायक ने किसानों के मामले पर कंगना रनौत को भेजा मानहानि का नोटिस (ETV Bharat)
बैतूल: किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष व बैतूल के मुलताई विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम ने भाजपा सांसद कंगना रनौत को मानहानि का नोटिस भेजा है. नोटिस में कंगना रनौत से 2 करोड़ की आर्थिक क्षति की मांग भी की गई है. किसानों के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने के मामले में कंगना को मानहानि का नोटिस भेजा गया है. नोटिस के जरिए कहा गया है कि अगर कंगना ने 7 दिन के अंदर माफी नहीं मांगी तो उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी.
पूर्व विधायक ने किसानों के मामले पर कंगना रनौत को भेजा मानहानि का नोटिस (ETV Bharat)
कंगना ने किसान आंदोलन को लेकर दिया था ये बयान दरअसल, बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने एक अखबार को दिए गए बयान में कहा था कि ''अगर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व कमजोर होता तो भारत में भी बांग्लादेश जैसे हालात हो सकते थे. सभी ने देखा है कि किसान आंदोलन में क्या-क्या हुआ. प्रदर्शन के नाम पर हिंसा हुई, दुष्कर्म हुए, लोगों को मारकर लटकाया जा रहा था. इसलिए किसानों से जुड़े 3 कानून वापस ले लिए गए. नहीं तो इन उपद्रवियों की काफी लंबी योजना थी. अगर बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं रहता तो आंदोलन के दौरान पंजाब को भी बांग्लादेश बना दिया जाता.''
कंगना के बयान पर किसान संघर्ष समिति ने भेजा नोटिस वहीं कंगना के इस बयान पर विपक्ष ने उन्हें घेरना शुरू कर दिया. इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने कंगना के इस बयान से असहमति जताई और बयान को व्यक्तिगत बयान बताया. इसके बाद किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉ. सुनीलम ने एक वीडियो जारी कर कहा कि ''मण्डी लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद कंगना रानौत द्वारा किसानों व महिलाओं को अपमानित करने वाला और अभद्रता भरा जो बयान दिया गया है, उसको लेकर एक मानहानि नोटिस मैंने उन्हें भेजा है. उन्होंने किसानों पर कई आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि प्रोटेस्ट के नाम पर हिंसा फैलाई जा रही थी. कंगना के द्वारा लगाए गए आरोप घोर आपत्तिजनक हैं. इसके अलावा आपने आंदोलन करने वाले किसानों को विदेशी ताकतों का नुमाइंदा भी बताया. आपके इन बयानों से आपका वास्तव में किसान विरोधी होना साबित होता है. अगर 7 दिनों के अंदर मुझे इस नोटिस का जवाब नहीं मिलता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी.''