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बच्चियों ने सुनाया अपना दु:ख, कलेक्टर की गाड़ी दनदनाते पहुंची स्कूल, मैनेजमेंट ने टेके घुटने - Betul Collector Helped Students

बैतूल में दो छात्राओं को निजी स्कूल मैनेजमेंट टीसी नहीं दे रहा था. बच्चियों ने जनसुनवाई में कलेक्टर से मामले की शिकायत की. शिकायक के बाद कलेक्टर ने तुरंत एक्शन लेते हुए बच्चियों को टीसी, मार्कशीट दिलवाई.

BETUL COLLECTOR HELPED STUDENT
कलेक्टर की गाड़ी छात्राओं को लेकर पहुंची स्कूल (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 24, 2024, 9:40 PM IST

बैतूल: मध्य प्रदेश के बैतूल में कलेक्टर की जनसुनवाई के दौरान स्कूल संचालक के अड़ियल रवैये का मामला सामने आया. जनसुनवाई में दो छात्राएं कलेक्टर के सामने अपनी शिकायत लेकर पहुंची. शिकायत सुनने के बाद कलेक्टर ने ड्राइवर को अपनी गाड़ी लेकर बच्चियों के साथ स्कूल भेज दिया. इसके अलावा कलेक्टर ने सहायक आयुक्त को भी तुरंत स्कूल जाकर छात्राओं की समस्या सुलझाने के लिए भेजा. फिर क्या था, कलेक्टर की गाड़ी स्कूल पहुंचते ही स्कूल में हडकंप मच गया और सकते में आए स्कूल मैनेजमेंट ने तुरंत छात्राओं की समस्या को सुलझाया.

कलेक्टर के निर्देश के बाद स्कूल ने दिया टीसी, मार्कशीट (ETV Bharat)

स्कूल फीस बकाया होने के कारण रोकी थी टीसी

मामला बैतूल जिला मुख्यालय से लगभग 42 किलोमीटर दूर गुड शेफर्ड हायर सेकेंडरी इंग्लिश मीडियम नामक प्राइवेट स्कूल का है. मंगलवार को कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी जनसुनवाई कर रहे थे. इसी जनसुनवाई में शाहपुर तहसील की दो छात्राएं परी ठाकुर और पलक ठाकुर अपनी शिकायत लेकर आईं थीं. उन्होंने अपनी शिकायत में कलेक्टर को बताया कि, वह 7वीं और 8वीं क्लास की छात्राएं हैं. उनका सलेक्शन मॉडल स्कूल में हो गया है. उन्होंने मॉडल स्कूल में एडमिशन ले लिया है. मॉडल स्कूल में टीसी मांगी जा रही है लेकिन पहले जिस स्कूल में पढ़ती थीं वह स्कूल फीस नहीं जमा होने के कारण टीसी नहीं दे रहा है.

कलेक्टर ने स्कूल तक दौड़ा दी अपनी गाड़ी

बच्‍चियों की शिकायत सुनने के बाद कलेक्‍टर ने अपनी गाड़ी से दोनों छात्राओं को उनके स्कूल भेजा. इसके अलावा उन्होंने सहायक आयुक्‍त शिल्पा जैन को भी मदद के लिए साथ भेजा. शिल्पा जैन बच्चों को लेकर स्कूल पहुंचीं और तुरंत टीसी और मार्कशीट भी दिलवाई. टीसी मिलने के छात्राओं ने कलेक्टर को धन्यवाद दिया. स्कूल प्रबंधन ने टीसी नहीं देने के पीछे का कारण 70 हजार की फीस का बकाया होना बताया. कलेक्टर ने फीस माफ करवाते हुए बच्चों को टीसी, मार्कशीट दिलवा दी. कलेक्टर की इस संवेदनशीलता से बच्चियों को अपना भविष्य संवारने में आई रूकावट दूर हो गई.

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टीसी पाकर बच्चियां खुश

सहायक आयुक्त शिल्पा जैन ने बताया कि, 'जनसुनवाई में पलक ठाकुर और परी ठाकुर से शिकायत मिली थी कि उनके स्कूल वाले टीसी और मार्कशीट नहीं दे रहे हैं. वर्तमान में उनका चयन मॉडल स्कूल में हो गया है. कलेक्टर ने अपनी गाड़ी से उन्हें स्कूल भेजा और स्कूल को तुरंत टीसी, मार्कशीट देने का निर्देश दिया. स्कूल बच्चों की 70 हजार फीस बकाया होने के कारण स्कूल मैनेजमेंट टीसी नहीं दे रहा था.'

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