डूंगरपुर. पौष पूर्णिमा के मौके पर साबला हरि मंदिर से बेणेश्वर धाम तक 5 किलोमीटर की पदयात्रा महंत अच्युतानंद महाराज के सान्निध्य में निकाली गई. जहां बेणेश्वर धाम पर महंत अच्युतानंद महाराज ने धर्मसभा को संबोधित किया. पदयात्रा और धर्मसभा में राजस्थान, एमपी व गुजरात सहित अन्य राज्यों के माव भक्त शामिल हुए.
पौष पूर्णिमा पर आज सुबह होते ही महापदयात्रा का आयोजन हुआ. पदयात्रा साबला से रवाना होकर विभिन्न मार्गों से गुजरते हुए 5 किलोमीटर सफर तय करके बेणेश्वर धाम पहुंची. धर्म ध्वजाएं और जयकारों के बीच माव भक्तों ने मंदिर में दर्शन किए. महंत ने राधा कृष्ण मंदिर में पूजा अर्चना की. महाआरती उतारी गई और भक्तों को आशीर्वाद दिया. वहीं कई भक्तो ने त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाकर मंदिर में दर्शन किए. अगले महीने तक बेणेश्वर धाम पर भक्तों की भीड़ रहेगी. इधर इस मौके पर बेणेश्वर धाम पर धर्मसभा का आयोजन हुआ. सभा को महंत अच्युतानंद महाराज ने संबोधित किया और माव भक्तों को धर्म की राह पर चलने का संदेश दिया.
उमड़ा आस्था का सैलाब (वीडियो ईटीवी भारत डूंगरपुर) 12 फरवरी को होगा बेणेश्वर मुख्य मेला (फोटो ईटीवी भारत डूंगरपुर) पढ़ें: झालरापाटन में भगवान द्वारकाधीश की 61वीं परिक्रमा यात्रा, उमड़ा आस्था का सैलाब
8 फरवरी से बेणेश्वर मेला :सोम, माही और जाखम नदियों के त्रिवेणी संगम बेणेश्वर धाम पर 8 फरवरी से मेले की शुरुआत होगी. राधा कृष्ण मंदिर पर महंत के साथ माव भक्तों की ओर से सप्तरंगी ध्वजा फहराकर मेले की शुरुआत होगी. जिसमें राजस्थान समेत गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से हजारों की संख्या में माव भक्त मेले में पहुंचेंगे. 10 दिनों तक चलने वाले मेले में 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा के दिन मुख्य मेला भरेगा. इस दिन महंत अच्युतानंद महाराज की पालकी यात्रा और शाही स्नान मुख्य आकर्षण का केंद्र रहेगा. महंत अच्युतानंद महाराज हजारों भाव भक्तों के साथ भजन कीर्तन करते हुए पालकी में सवार होकर साबला हरि मंदिर से बेणेश्वर धाम के लिए रवाना होंगे. वहीं सोम, माही और जाखम नदियों के त्रिवेणी संगम आबूदर्रा घाट पर शाही स्नान होगा. इस दिन हजारों की संख्या में लोग अपने पितरों का तर्पण और अर्पण करेंगे.
साबला हरिमंदिर से बेणेश्वर धाम तक निकली पदयात्रा (फोटो ईटीवी भारत डूंगरपुर)