लखनऊ: समाजवादी पार्टी ने इंडिया गठबंधन के तहत हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सीटें मांगी हैं. इसके एवज में कांग्रेस को यूपी विधानसभा उपचुनाव में दो सीटें मिल सकती हैं. सूत्रों का दावा है कि सपा नेतृत्व ने भविष्य के लिए कांग्रेस को अपनी रणनीति साझा कर दी है. हालांकि हरियाणा में उम्मीद कम ही है, क्योंकि कांग्रेस पार्टी वहां बहुत मजबूत मानी जाती है. ऐसे में कांग्रेस सीट देगी, इसके कम ही संकेत मिल रहे हैं. जबकि महाराष्ट्र में गठबंधन के बैनर तले सपा को सीट मिलकर चुनाव लड़ सकती है.
प्रेशर पॉलिटिक्स शुरू
इससे पहले हुए मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनाव के दौरान दोनों दलों के बीच सहमति नहीं बन पाई थी और अलग-अलग प्रत्याशी उतारे गए थे. लेकिन लोकसभा चुनाव में जब दोनों दलों ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा है और अब उत्तर प्रदेश में उपचुनाव होने वाले हैं. ऐसी स्थिति में समाजवादी पार्टी ने दूसरे राज्यों में सीट मांग कर प्रेशर पॉलिटिक्स शुरू कर दी है. समाजवादी पार्टी चाहती है कि सपा का जनाधार पूरे देश में बढ़े और राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल हो सके. इसके लिए अखिलेश यादव अभी से तैयारी करनी शुरू कर दी है. अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर अब अन्य राज्यों में प्रेशर पॉलिटिक्स करना शुरू कर दिया है. अखिलेश अगर इसमें कामयाब हो जाते हैं तो हरियाणा में समाजवादी पार्टी को एक दो सीट मिल सकती है. वहीं महाराष्ट्र में ज्यादा सीटें सपा चाह रही है.
राष्ट्रीय दर्जा दिलाने की कोशिश में अखिलेश
समाजवादी पार्टी हरियाणा में भी यादव और मुस्लिम बहुल कुछ सीटों पर कैंडिडेट उतारने की तैयारी में है. इसके लिए इंडिया गठबंधन के टॉप लीडरशिप से अखिलेश यादव बात करेंगे. अगर अखिलेश यादव को दोनों राज्यों में जगह सीट मिल जाती है तो पार्टी का वोट प्रतिशत बढ़ेगा. साथ ही अन्य राज्यों में उनके विधायक भी होंगे. इसके आधार पर समाजवादी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल सकता है. मुलायम सिंह यादव ने कई बार कोशिश की लेकिन समाजवादी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा नहीं मिल पाया. हालांकि उन्होंने मेहनत की और कई राज्यों में सफलता भी हासिल हुई. उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान में समाजवादी पार्टी की कुछ सीटों पर जीत हुई थी. जबकि महाराष्ट्र में उसके काफी समय से विधायक हैं.