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यूपी में उपचुनाव से पहले सपा ने कांग्रेस से मांगी हरियाणा और महाराष्ट्र में विधानसभा सीटें, क्या बनेगी बात? - BY ELECTION UP

समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस से अन्य राज्यों में होने वाले चुनाव में विधानसभा सीटें की डिमांड कर रही है. जिसको लेकर दोनों दलों के नेताओं ने बीच बातचीत का दौर जारी है.

अखिलेश और राहुल गांधी.
अखिलेश और राहुल गांधी. (Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 11, 2024, 6:48 PM IST

सपा ने कांग्रेस से हरियाणा और महाराष्ट्र में मांगी सीटें. (Video Credit; Etv bharat)

लखनऊ: समाजवादी पार्टी ने इंडिया गठबंधन के तहत हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सीटें मांगी हैं. इसके एवज में कांग्रेस को यूपी विधानसभा उपचुनाव में दो सीटें मिल सकती हैं. सूत्रों का दावा है कि सपा नेतृत्व ने भविष्य के लिए कांग्रेस को अपनी रणनीति साझा कर दी है. हालांकि हरियाणा में उम्मीद कम ही है, क्योंकि कांग्रेस पार्टी वहां बहुत मजबूत मानी जाती है. ऐसे में कांग्रेस सीट देगी, इसके कम ही संकेत मिल रहे हैं. जबकि महाराष्ट्र में गठबंधन के बैनर तले सपा को सीट मिलकर चुनाव लड़ सकती है.

प्रेशर पॉलिटिक्स शुरू
इससे पहले हुए मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनाव के दौरान दोनों दलों के बीच सहमति नहीं बन पाई थी और अलग-अलग प्रत्याशी उतारे गए थे. लेकिन लोकसभा चुनाव में जब दोनों दलों ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा है और अब उत्तर प्रदेश में उपचुनाव होने वाले हैं. ऐसी स्थिति में समाजवादी पार्टी ने दूसरे राज्यों में सीट मांग कर प्रेशर पॉलिटिक्स शुरू कर दी है. समाजवादी पार्टी चाहती है कि सपा का जनाधार पूरे देश में बढ़े और राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल हो सके. इसके लिए अखिलेश यादव अभी से तैयारी करनी शुरू कर दी है. अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर अब अन्य राज्यों में प्रेशर पॉलिटिक्स करना शुरू कर दिया है. अखिलेश अगर इसमें कामयाब हो जाते हैं तो हरियाणा में समाजवादी पार्टी को एक दो सीट मिल सकती है. वहीं महाराष्ट्र में ज्यादा सीटें सपा चाह रही है.

राष्ट्रीय दर्जा दिलाने की कोशिश में अखिलेश
समाजवादी पार्टी हरियाणा में भी यादव और मुस्लिम बहुल कुछ सीटों पर कैंडिडेट उतारने की तैयारी में है. इसके लिए इंडिया गठबंधन के टॉप लीडरशिप से अखिलेश यादव बात करेंगे. अगर अखिलेश यादव को दोनों राज्यों में जगह सीट मिल जाती है तो पार्टी का वोट प्रतिशत बढ़ेगा. साथ ही अन्य राज्यों में उनके विधायक भी होंगे. इसके आधार पर समाजवादी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल सकता है. मुलायम सिंह यादव ने कई बार कोशिश की लेकिन समाजवादी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा नहीं मिल पाया. हालांकि उन्होंने मेहनत की और कई राज्यों में सफलता भी हासिल हुई. उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान में समाजवादी पार्टी की कुछ सीटों पर जीत हुई थी. जबकि महाराष्ट्र में उसके काफी समय से विधायक हैं.

अखिलेश और राहुल में बढ़ी नजदीकियां
दूसरी तरफ कांग्रेस की कोशिश है कि हरियाणा में अकेले दम पर चुनाव लड़े. क्योंकि हरियाणा में कांग्रेस बेहद मजबूत मानी जा रही है. हरियाणा में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस में 10 सीटों में से 5 सीटों पर सफलता हासिल की है. जिन सीटों पर उसे हार हुई है, वहां बहुत नजदीकी मामला था. हरियाणा में सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ लहर है. जिसका लाभ कांग्रेस अकेले लेना चाहेगी. लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में जीत के बाद राहुल गांधी ने कई ऐसे ट्वीट किया, जिससे लगता है राहुल और अखिलेश की नजदीकी काफी बढ़ गई है. अब इन्हीं संबंधों और रणनीति के आधार पर अखिलेश यादव हरियाणा, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में इंडिया गठबंधन यानी कांग्रेस पार्टी से सेट चाहते हैं. उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर होने वाले विधानसभा के उपचुनाव में समाजवादी पार्टी कांग्रेस को दो सीट देने पर लगभग सहमत हो चुकी है. लेकिन उससे पहले सपा को कांग्रेस से हरियाणा और महाराष्ट्र में सीटों की डिमांड की जा रही है.

उपचुनाव में सीटें देने को लेकर बातचीत जारी
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी कहते हैं कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का गठबंधन है. ऐसे में स्वाभाविक सी बात है कि जहां भी चुनाव हो रहे हैं या होंगे वहां पर दोनों दल गठबंधन के आधार पर सीट शेयरिंग के फार्मूले पर बातचीत करेंगे. अन्य राज्यों में भी समाजवादी पार्टी कांग्रेस पार्टी से सीटों की डिमांड कर रही है. उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में भी कांग्रेस पार्टी को सीट देने पर बातचीत हुई है. मकसद है कि सब लोग मिलकर चुनाव लड़े और जन विरोधी भारतीय जनता पार्टी को चुनाव हारने में सफलता मिले. दूसरे राज्यों में भी समाजवादी पार्टी का संगठन कुछ जगहों पर मजबूत है. वोट बैंक के आधार पर सीटों की डिमांड की गई है.

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