बड़वानी।जिले के पहाड़ी अंचल में बसे पाटी विकासखंड के ग्राम मोरानी में गांव तक पहुंचने का रास्ता नहीं है. यहां बच्चों के लिए स्कूल पहुंचने की कोई सुविधा नहीं है. लोग आने जाने के लिए कच्चा रास्ता उपयोग करते हैं. बारिश में इस कच्चे मार्ग की हालत ऐसी हो जाती है कि पैदल चलना भी दूभर हो जाता है. किसी मरीज को इलाज के लिए ले जाना हो या कोई आवश्यक कार्य के लिए जाना हो तो लोगों को बहुत कठिनाई से होकर गुजरना पड़ता है. इस समस्या को हल करने के लिए ग्रामीणों ने अफसरों और नेताओं के काफी चक्कर लगाए लेकिन सुनवाई नहीं हुई.
ग्रामीणों ने खुद ही 5 किमी सड़क बनाने का लिया संकल्प
चारों ओर से निराश होकर ग्रामीण अब स्वयं ही सड़क का निर्माण कर रहे हैं. रोजाना खेतों में काम करने के बाद जो समय बचता है, उसमें सभी लोग श्रमदान कर सड़क पर पत्थर व मुरुम डालकर निर्माण कर रहे हैं. ग्रामीण किसन व अर्जुन ने बताया मोरानी गांव में करीब 300 परिवार निवास करते हैं. इसमें 1700 लोग वोट डालते हैं. हर बार सरकार चुनते हैं लेकिन सरकार उनकी पुकार नहीं सुनती. हम रामगढ़ रोड, मोरानी फाटा से नील बावड़ी तक 5 किमी के मार्ग का निर्माण कर रहे हैं, जिससे हमारे वाहन आसानी से रामगढ़ रोड तक पहुंच सकें.
ग्रामीणों को 100 किमी का अतिरिक्त फेरा लगाना पड़ता है
उन्होंने बताया कि गांव में बिजली सुविधा तो पहुंच गई है लेकिन यहां अब तक सड़क नहीं बनी. इससे स्कूल तो बहुत दूर की बात, यहां आज भी बीमार लोगों को एंबुलेंस सेवा का लाभ नहीं मिल पा रहा है. जब गांव में कोई बीमार पड़ता है तो उसे झोली में डालकर या खटिया के सहारे अस्पताल पहुंचाया जाता है. ग्रामीण वेरसिंह व जाड़िया ने बताया मोरानी से करीब 15 किमी का मार्ग का निर्माण कर दिया जाए तो लोगों ग्रामीणों को सीधे पानसेमल पहुंचने में मदद मिलेगी. इससे ग्रामीणों को करीब 100 किमी का फेरा नहीं लगाना पड़ेगा.