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विधायक ने विधानसभा में उठाई भील प्रदेश की मांग, मंत्री बोले- जाति के आधार पर नहीं होना चाहिए अलग राज्य - demand of Bhil Pradesh in assembly

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 18, 2024, 8:17 PM IST

BAP विधायक थावरचंद ने गुरुवार को विधानसभा में अलग से भील प्रदेश बनाने की मांग की. वहीं आदिवासी समाज और थावरचंद की मांग को जनजातीय क्षेत्रीय मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने खारिज करते हुए कहा कि जाति के आधार पर अलग प्रदेश की मांग ठीक नहीं.

Raised the demand for Bhil Pradesh in the Assembly
विधानसभा में उठाई भील प्रदेश की मांग (ETV Bharat Jaipur)

भील प्रदेश की मांग पर क्या बोले जनजातिय क्षेत्रीय मंत्री (Rajasthan Vidhan Sabha/ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: बांसवाड़ा जिले में आदिवासियों के ऐतिहासिक स्थल मानगढ़ धाम पर गुरुवार को आदिवासी समाज की बड़ी सभा हुई. इस सभा में अलग से भील प्रदेश की मांग उठाई गई. एक तरफ भारतीय आदिवासी पार्टी की ओर से बुलाई गई इस महारैली बड़ी संख्या में लोग जुटे, जहां पर 4 राज्यों के 49 जिलों को जोड़कर अलग भील प्रदेश बनाने की मांग की गई. वहीं दूसरी ओर राजस्थान विधानसभा में BAP विधायक थावरचंद ने सदन में अलग प्रदेश की मांग उठाई. जनजातीय क्षेत्रीय मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि जाति के आधार पर अलग से प्रदेश बनाना ठीक नहीं.

भील प्रदेश लिखी टी शर्ट पहनकर पहुंचे:भील प्रदेश की मांग अब जोर पकड़ती जा रही है. मानगढ़ धाम में गुरुवार को भील प्रदेश की मांग को लेकर आदिवासियों की एक बड़ी रैली हुई. वहीं राजस्थान विधानसभा में भील प्रदेश की गूंज सनाई दी. भारत आदिवासी पार्टी के विधायक थावरचंद सदन में भील प्रदेश लिखी हुई टी-शर्ट पहन कर पहुंचे. जनजाति क्षेत्रीय विकास की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान भाजपा विधायक थावरचंद ने कहा कि आज मानगढ़ धाम में ऐतिहासिक सम्मेलन होने जा रहा है.

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उन्होंने कहा कि भीलों की भाषा और संस्कृति एक है, लेकिन हमको मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र के अलग-अलग भागों में बांटा गया है. गुजराती भाषा के आधार पर गुजरात प्रदेश बनाया गया. मराठी भाषा के आधार पर महाराष्ट्र तो भील बोली के आधार पर भील प्रदेश क्यों नहीं बनाया जा सकता. थावरचंद ने कहा कि हमारी भील प्रदेश बनाने की मांग को पूरी की जाए बिल प्रदेश हमारा अधिकार है और हम इसे लेकर रहेंगे.

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जाती के आधार पर अलग प्रदेश की मांग ठीक नहीं: उधर, अलग से भील प्रदेश की मांग पर जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने कहा कि विकास के लिए छोटा राज्य कारगर होते हैं. लेकिन जाति आधार पर अलग राज्यों की मांग करना सही नहीं है. ऐसा हुआ तो अलग-अलग जाति-समाज के लोग राज्यों की मांग करने लगेंगे, जिससे सामाजिक ताना-बाना बिगड़ने लगेगा. हमारी सरकार ने आदिवासी क्षेत्र में पानी, बिजली, सड़क, शिक्षा जैसी प्राथमिक सुविधाओं पर हमेशा फोकस किया है.

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विकास को लेकर उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि आदिवासी इलाखों में डेवलपमेंट नहीं हुआ हो. प्रत्येक गांव को डांबर की सड़क से जोड़ने का काम हुआ है. कुछ वन विभाग की जमीन है उसे पर जरूर कुछ काम नहीं हुआ क्योंकि वह कानूनी पेचीदगियों में फंसे हुए हैं. नौकरियों में अलग आरक्षण की व्यवस्था की गई, इसलिए यह कहना गलत है कि सरकार ने आदिवासियों के लिए कुछ नहीं किया. खराड़ी ने कहा जो मांग कुछ नेता कर रहे हैं, लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी सब को है, लेकिन इस तरह की मांग ठीक नहीं.

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