वाराणसी :काशी हिंदू विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों के लिए अच्छी खबर है. छात्र अब आईआईटी बीएचयू के लैब व लाइब्रेरी का लाभ उठा सकेंगे. यही नहीं दोनों संस्थान एक साथ रिसर्च परियोजनाओं को भी एक साथ लेकर के चलेंगे. इसको लेकर के बाकायदा आईआईटी BHU और BHU के बीच एमओयू हुआ है. दोनों संस्थान शोध की गुणवत्ता को बढ़ाने के साथ विद्यार्थियों को अत्याधुनिक संसाधनों का लाभ देंगे.
कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा कि दोनों संस्थानों के बीच पांच वर्षों के लिए एमओयू साइन हुआ है. इस बीच बीएचयू और आईआईटी बीएचयू के शैक्षणिक और अनुसंधान सहयोग के नए क्षेत्रों का पता लगाने के लिए बातचीत जारी रखेंगे. यह समझौता दोनों संस्थानों के छात्रों और संकाय सदस्यों के लिए शिक्षण, सीखने और अनुसंधान के अवसरों को बढ़ाने, उनके शैक्षणिक और पेशेवर विकास के लिए नए रास्ते खोलने, और इस उद्देश्य के लिए नई साझेदारियां बनाने की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं.
इन बिंदुओं पर हुआ है समझौता :प्रयोगशाला सुविधाओं और प्रमुख अनुसंधान उपकरणों के लिए समझौता ज्ञापन विश्वविद्यालय और संस्थान के संकाय सदस्यों, शोधकर्ताओं, और छात्रों को अत्याधुनिक सुविधाओं तक पहुंच देगा जो उनके मूल संस्थानों में उपलब्ध नहीं हैं. बीएचयू में विज्ञान, चिकित्सा विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान, और कृषि विज्ञान में उन्नत प्रयोगशालाएँ हैं, जबकि आईआईटी (बीएचयू) में प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, और विज्ञान के क्षेत्र में अत्याधुनिक सुविधाएं हैं.
इसके अलावा, दोनों संस्थानों ने अपने पुस्तकालय संसाधनों को साझा करने पर भी सहमति जताई है. इस समझौते से बीएचयू के संकाय और शोधकर्ताओं को आईआईटी के श्रीनिवास देशपांडे पुस्तकालय की प्रिंट और डिजिटल संसाधनों तक पहुंच मिलेगी. इसी तरह आईआईटी के सदस्य बीएचयू के सयाजीराव गायकवाड़ पुस्तकालय की व्यापक संसाधनों का लाभ उठा सकेंगे. यह सहयोग शिक्षण, सीखने और शोध को आगे बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और इसमें नए पुस्तकालय प्रौद्योगिकी में कर्मचारियों के प्रशिक्षण के प्रावधान भी शामिल हैं.
एमओयू के तहत दोनों संस्थानों ने आपसी हित के क्षेत्रों में सहयोगात्मक अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धता जताई है. एमओयू का उद्देश्य विभिन्न एजेंसियों से धन प्राप्त करने के लिए संयुक्त परियोजना प्रस्तावों को बढ़ावा देना है. यह संकाय सदस्यों को भागीदार संस्थान में पीएचडी छात्रों के सह-मार्गदर्शक के रूप में कार्य करने की भी सुविधा देता है. इसके अलावा एमओयू पीएचडी छात्रों के लिए नई शोध संभावनाएं खोलता है. जिससे उन्हें भागीदार संस्थान में अल्पकालिक शोध करने का अवसर मिलता है. सहयोग के क्षेत्र विज्ञान, इंजीनियरिंग, कला, चिकित्सा, कृषि, मानविकी और अंतःविषय क्षेत्रों सहित सभी शाखाओं को शामिल करते हैं.
यह भी पढ़ें : BHU हॉस्टल नहीं होटल कहिए जनाब, जिम, कैफे-बाजार सबकुछ, जानिए कितनी फीस चुकानी पड़ती? - bhu news
यह भी पढ़ें : गंगा की मछलियों टेंगरा, कॉमन क्रॉप, भोला और रोहू में मिला प्लास्टिक, आप भी खाते हैं तो हो जाएं सावधान - VARANASI NEWS