ETV Bharat / state

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अतीक गैंग के सदस्य मोहम्मद अख्तर की सशर्त जमानत मंजूर की - ALLAHABAD HIGH COURT

यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक वर्मा ने याची के वरिष्ठ अधिवक्ता डीएस मिश्र व अधिवक्ता अभिषेक मिश्र और सरकारी वकील

Photo Credit- ETV Bharat
इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश (Photo Credit- ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 8, 2025, 10:04 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अतीक अहमद गैंग सदस्य मोहम्मद अख्तर की जबरन धन उगाही के मामले में सशर्त जमानत मंजूर कर ली है. यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक वर्मा ने याची के वरिष्ठ अधिवक्ता डीएस मिश्र व अधिवक्ता अभिषेक मिश्र और सरकारी वकील को सुनकर दिया है.

याची के खिलाफ जबरन धन उगाही के आरोप में करेली थाने में एफआईआर दर्ज है. सीनियर एडवोकेट का कहना था कि याची जूनियर हाईस्कूल सल्लाहपुर में लिपिक है. उस पर 8 मई 2024 को धमकाकर जबरन धन उगाही करने का आरोप लगाया गया है जबकि वह उस दिन स्कूल में मौजूद था. घटना की एफआईआर भी देरी से दर्ज कराई गई. घटना का कोई स्वतंत्र गवाह नहीं है और कोई विश्वसनीय साक्ष्य भी नहीं है.

शिकायतकर्ता खुद हिस्ट्रीशीटर है. 21 सितंबर 2024 से जेल में बंद याची ने अपने खिलाफ मुकदमों का खुलासा किया है. साथ ही इस मामले में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है. ऐसे में साक्ष्य से छेड़छाड़ की संभावना नहीं है इसलिए जमानत पर रिहा किया जाए. कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने में देरी व ठोस साक्ष्य न होने के कारण व्यक्तिगत मुचलके व दो भारी प्रतिभूति प्रस्तुत करने पर जमानत पर सशर्त रिहाई का आदेश दिया है.

ये भी पढ़ें- महाकुंभ 27वां दिन; अब तक 1.22 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी, राजकुमार राव ने पत्नी के साथ महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण का लिया आशीर्वाद

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अतीक अहमद गैंग सदस्य मोहम्मद अख्तर की जबरन धन उगाही के मामले में सशर्त जमानत मंजूर कर ली है. यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक वर्मा ने याची के वरिष्ठ अधिवक्ता डीएस मिश्र व अधिवक्ता अभिषेक मिश्र और सरकारी वकील को सुनकर दिया है.

याची के खिलाफ जबरन धन उगाही के आरोप में करेली थाने में एफआईआर दर्ज है. सीनियर एडवोकेट का कहना था कि याची जूनियर हाईस्कूल सल्लाहपुर में लिपिक है. उस पर 8 मई 2024 को धमकाकर जबरन धन उगाही करने का आरोप लगाया गया है जबकि वह उस दिन स्कूल में मौजूद था. घटना की एफआईआर भी देरी से दर्ज कराई गई. घटना का कोई स्वतंत्र गवाह नहीं है और कोई विश्वसनीय साक्ष्य भी नहीं है.

शिकायतकर्ता खुद हिस्ट्रीशीटर है. 21 सितंबर 2024 से जेल में बंद याची ने अपने खिलाफ मुकदमों का खुलासा किया है. साथ ही इस मामले में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है. ऐसे में साक्ष्य से छेड़छाड़ की संभावना नहीं है इसलिए जमानत पर रिहा किया जाए. कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने में देरी व ठोस साक्ष्य न होने के कारण व्यक्तिगत मुचलके व दो भारी प्रतिभूति प्रस्तुत करने पर जमानत पर सशर्त रिहाई का आदेश दिया है.

ये भी पढ़ें- महाकुंभ 27वां दिन; अब तक 1.22 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी, राजकुमार राव ने पत्नी के साथ महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण का लिया आशीर्वाद

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.