वाराणसी:बेटियां किसी से कम नहीं होती. इस बात को हकीकत की धरातल पर सार्थक करने का काम बनारस के परमानंदपुर गांव में रहने वाली बेटियां कर रहीं हैं. यह बेटियां उत्तर प्रदेश में हैंडबॉल टीम के सबसे मजबूत खिलाड़ी मानी जाती हैं. यह गांव की रूढ़िवादी सोच को पीछे छोड़ ओलंपिक में देश को मेडल दिलाने का सपना आंखों में संजोकर मैदान पर प्रैक्टिस कर रहीं हैं. बड़ी बात यह है कि यह किसी बड़े घर से नहीं आती बल्कि ग्रामीण अंचल के छोटे परिवार से आती हैं, जो हर दिन देश के लिए खेलने का सपना आंखों में लेकर आगे बढ़ कर रही है.
छोरों से कम नहीं बनारस की ये छोरियां, हैंडबॉल में रोशन कर रहीं नाम, फ्री मिल रही ट्रेनिंग - banaras girls playing handball
बनारस की बेटियों ने देश का नाम रोशन करने का संकल्प लिया है. रूढ़िवादी सोच को पीछे छोड़ ओलंपिक में देश को मेडल दिलाने का सपना आंखों में संजोकर मैदान पर प्रैक्टिस कर रहीं हैं. गांव की बेटियां हैंडबॉल में बनारस को नई पहचान दिला रहीं हैं.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Sep 8, 2024, 11:12 AM IST
विद्यालय से निःशुल्क मिलती है ट्रेनिंग की सुविधा :बेटियों ने बताया, कि वह एक निम्न वर्ग के परिवार से आती हैं. अकेले उनके लिए हैंडबॉल के कोच और किट की सुविधा उपलब्ध कराना बेहद मुश्किल था, लेकिन विद्यालय के जरिए उन्हें निःशुल्क किट, आने-जाने की सुविधा मिलती है, जिसके बाद वह अपनी प्रतिभा को और भी ज्यादा निखार पा रही है. उन्होंने बताया, कि उनके खेल को आगे बढ़ाने में उनके घर वालों के साथ उनके विद्यालय का भी अहम योगदान है. इस बारे में विद्यालय की सचिव डॉक्टर आशा सिंह बताती है कि, हमारा शुरू से सपना था कि हम बेटियों के लिए कुछ नया कर सके इसी सोच के साथ 2019 में हमने अपने विद्यालय में बेटियों के लिए निःशुल्क खेल की सुविधा शुरू की. हमारे यहां बेटियां अलग-अलग खेल खेलती हैं जिनमें से एक हैंडबॉल भी है हैंडबॉल में 60 बच्चियों की टोली है जो 40 से ज्यादा टूर्नामेंट खेल चुकी है इनमें कई बच्चियों को राज्य सरकार की ओर से स्कॉलरशिप भी दी जाती है.
बेटियों को खेल में पारंगत करने का है उद्देश्य:उन्होंने बताया कि, हमारा उद्देश्य है कि हमारे बनारस की बेटियां खेल के मामले में आगे बढ़े और यह बच्चियों खूब मेहनत करती हैं. इसके लिए इन्हें निशुल्क ट्रेनिंग दी जाती है. इसके साथ उनके लिए निशुल्क किट की व्यवस्था की जाती है. ताकि उन्हें किसी सुविधा का अभाव न हो और वह सिर्फ अपने खेल पर फोकस कर प्रदेश और देश का नाम रोशन करें. गौरतलब हो कि, यह बनारस का पहला ऐसा स्कूल है.जहां पर बच्चियों को फ्री में अलग-अलग खेलों की ट्रेनिंग दी जाती है और इस पूरे विद्यालय में लगभग ढाई सौ बेटियां खेलों में आगे बढ़ रही हैं.
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