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गणेश पूजा पर चांद देखना है वर्जित लेकिन यहां आसमान में चंदामामा के साथ बाल गणेश के कीजिए दर्शन - Ganesh Pandal - GANESH PANDAL

Janjgir Champa Ganesh Chaturthi कहा जाता है कि गणेश पूजा पर चंद्र दर्शन नहीं करना चाहिए. लेकिन यदि आपको चांद चारों के बीच आसमान में भगवान गणेश के दर्शन करने मिले तो कैसा लगेगा. जांजगीर चांपा में एक ऐसा ही खूबसूरत और भव्य पंडाल बनाया गया है जो चंदामामा की थीम पर तैयार हुआ है. जिसे देखने दूर दूर से लोग पहुंच रहे हैं. Chanda mama Ganesh Pandal Ganesh Chaturthi, Happy Ganesh Pooja

Janjgir Champa Ganesh Chaturthi
चंदामामा पंडाल में बाल गणेश (ETV Bharat Chhattisgarh)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 7, 2024, 2:20 PM IST

Updated : Sep 7, 2024, 3:33 PM IST

जांजगीर चांपा: जांजगीर चांपा में इस बार गणेश उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. कई अलग अलग थीम के पंडाल सजाए गए हैं. इनमें से कचहरी चौक पर स्थित चंदामामा पंडाल लोगों को काफी आकर्षित कर रहा है. चंदामामा थीम पर बने इस पंडाल को पूरी तरह इकोफ्रेंडली बनाया गया है.

चंदामामा पंडाल में बाल गणेश (ETV Bharat Chhattisgarh)

16 साल से लग रहा कचहरी चौक के राजा का दरबार: जाज्वलय देव गणेश उत्सव सेवा समिति के सदस्य प्रिंस शर्मा ने बताया कि पिछले 16 साल से कचहरी चौक में गणेश उत्सव मनाया जा रहा है. कचहरी चौक के राजा के नाम से भगवान गणेश का उत्सव मनाया जा रहा है. वे बताते हैं कि हर बार अलग अलग थीम पर गणेश पूजा मनाया जाता है. इस बार समिति ने चंदा मामा थीम पर गणेश पंडाल बनाने का फैसला लिया. जिसके बाद कोलकाता से कारीगरों को बुलाया गया. दिनरात मेहनत कर कारीगरों ने पूरा गणेश पंडाल तैयार किया.

चंदामामा पंडाल (ETV Bharat Chhattisgarh)

पहली बार कुएं के ऊपर बैठाए गणपति बप्पा: समिति के सदस्य बताते हैं कि 16 साल पहले कचहरी चौक के पास स्थित कुएं पर गणेश को बैठाकर गणेश उत्सव मनाया गया था. लेकिन अब जांजगीर और आसपास के क्षेत्र के सभी लोगों के सहयोग से भव्य गणेश उत्सव मनाया जा रहा है.

चंदामामा पंडाल में गणेश जी की मिट्टी की मूर्ति: जाज्वलय देव गणेश उत्सव सेवा समिति के अध्यक्ष विक्की सिंह ने बताया कि भंटगाव के कारीगरों ने मिट्टी की प्रतिमा बनाई है. चंदामामा की थीम पर पंडाल बनाया गया. चांद को जमीन पर उतारकर पंडाल में दिखाने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने क्षेत्र के सभी लोगों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में पंडाल आकर गणेश भगवान का दर्शन करने की अपील की है.

पंडाल में इक्रो फ्रेंडली पेंट का इस्तेमाल: आयोजन समिति के सदस्य भैरव मिश्रा बताते हैं बच्चों को ज्यादा से ज्यादा आकर्षित करने के लिए इस बार की चंदामामा थीम बनाई गई. पंडाल में इको फ्रेंडली पेंट लगाया गया है. पंडाल की सजावट से पर्यावरण को किसी तरह का नुकसान नहीं होगा.

चंदामामा पंडाल में बाल गणेश की 17 फीट की मूर्ति:मूर्ति कलाकार गिरधर आदित्य बताते है गणेश भगवान की 17 फीट ऊंची मूर्ति है. इस बार गणेश जी की मूर्ति बालरूप में बनाया गया है. हर साल कचहरी चौक के राजा को हम ही बनाते हैं. मिट्टी से मूर्ति बनाई है. पीओपी का यूज नहीं किया जाता है. गणेश की प्रतिमा पर लगाने वाले रंग भी पूरी तरह इको फ्रेंडली है.

चंदामामा पंडाल में क्या है खास:पूरा चंदामामा पंडाल नीली रौशनी से सजाया गया है. इस पंडाल में पहुंचने के बाद आपको ऐसा लगेगा जैसे आप आसमान की सैर कर रहे हो. रंग बिरंगे पक्षी, चमकते चांद और कई आकर्षक नजारों से पंडाल को सजाया गया है. जहां बाल गणेश की मूर्ति काफी सुंदर बनाई गई है.

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Last Updated : Sep 7, 2024, 3:33 PM IST

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