सुलतानपुर:बाहुबली पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह उर्फ सोनू हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद सोमवार को जेल से रिहा हो गए. लोकसभा चुनाव में मेनका गांधी को हराने में अहम भूमिका निभाने वाले सोनू सिंह ने जेल से रिहा होने पर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि 'मैं पहले भी गलत नहीं था आज भी गलत नहीं हूं. जिस मामले में सजा हुई थी, उसको मौके पर जाकर खुद देख लीजिए मैं कितना सही था और कितना गलत था. ये संघर्ष है और संघर्ष हमेशा जारी रहेगा. जब मेरे पापा (पूर्व विधायक स्व. इंद्रभद्र सिंह) नहीं थे, तब मेरी उम्र 22 साल थी. तब से हम संघर्ष ही कर रहे हैं. जेल जाना पड़े इसके लिए कोई डर की बात नहीं है.' बता दें कि लोकसभा चुनाव के कुछ दिन पहले चन्द्रभद्र सिंह ने समाजवादी पार्टी का दामन थामा था और गठबंधन प्रत्याशी रामभुवाल निषाद के पक्ष में बड़ी सभा कर मेनका गाँधी को बड़ी चुनौती दी थी. जिसकी वजह से चुनाव में मेनका को हार का सामना करना पड़ा था.
कभी वरुण गांधी के थे सारथी, 2019 में मेनका को दी थी कड़ी टक्कर
बता दें कि इसौली के पूर्व बाहुबली विधायक जब पहली बार वरुण गांधी सुल्तानपुर से सांसद बने थे तो उनके सारथी के तौर पर नज़र आये थे. बाद में कुछ तल्खियां बढ़ी तो दूरियां बन गईं. जब 2019 में मेनका गांधी अपने बेटे वरुण गांधी के स्थान पर चुनाव लड़ने सुलतानपुर आईं तो सपा-बसपा और कांग्रेस के गठबंधन से चन्द्रभद्र सिंह उर्फ सोनू ने कड़ी टक्कर दी थी. महज 14 हज़ार वोटो से मेनका गांधी सांसद बनी थी. पांच साल के कार्यकाल के दौरान मेनका सार्वजनिक मंच से सोनू सिंह और उनके भाई मोनू सिंह पर निशाना साधती थीं.
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हाईकोर्ट का आदेश सोमवार को MP/MLA मजिस्ट्रेट के न्यायालय में दाखिल हुआ तो पूर्व विधायक चंद्रभद्र सोनू सिंह व दो सह आरोपियों को रिहा करने का परवाना जेल भेजा गया. सोनू सिंह के साथ रुखसार व अंशु उर्फ सूर्य प्रकाश को 10 हजार की जमानत व मुचलके पर रिहा करने का आदेश है. विशेष लोक अभियोजक वैभव पांडे ने बताया कि इस घटना की एफआईआर बनारसी लाल कसौंधन निवासी ग्राम मायंग ने दर्ज कराई थी. जिसके अनुसार 25 फरवरी 2021 को सुबह आठ बजे पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू, उनके भाई मोनू सिंह, सिंटू जेसीबी लेकर बनारसी लाल के घर में घुस गए. असलहे दिखाकर बनारसीलाल और उनके बेटे अनिल को मारा पीटा. बनारसी लाल के अनुसार, जब उनके बेटे व भतीजे डर के मारे भग गए तो इन लोगों ने उनके मकान की दीवार व गेट जेसीबी व हाथ से गिरा दिया था. वैभव पांडे ने बताया कि विवेचना के दौरान मोनू की नामजदगी गलत पाई गई. जबकि सोनू, सिंटू व जेसीबी चालक अमेठी निवासी रुक्सार पर मुकदमा चला. अभियोजन के 9 गवाह परीक्षित हुए थे. जिनके आधार पर तीनों को मजिस्ट्रेट योगेश यादव ने 6 जुलाई 2023 को सजा सुनाने के बाद जमानत पर रिहा कर दिया था. इसी आदेश के विरुद्ध अपील दायर की गई थी, जो निरस्त हुई और सजा बहाल हुई.
मेनका गांधी की हार के सूत्रधार रहे बाहुबली पूर्व विधायक सोनू सिंह जेल से रिहा, इस मामले में मिली थी सजा - Former MLA Chandrabhadra Singh - FORMER MLA CHANDRABHADRA SINGH
सुलतानपुर के बाहुबली पूर्व विधायक चंद्रभद्र उर्फ सोनू सिंह हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद जेल से रिहा हो गए हैं. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे न्याय पर भरोसा था.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Jun 24, 2024, 8:57 PM IST
इसके बाद सोनू सिंह के अधिवक्ता रूद्र प्रताप सिंह मदन ने समर्पण के लिए अवसर मांगा, जिसे विशेष जज एकता वर्मा ने निरस्त कर गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. सूर्य प्रकाश उर्फ अंशु व सोनू सिंह ने अधिवक्ता के माध्यम से 10 जून को समर्पण कर दिया था. इसके बाद उच्च न्यायालय से 20 जून को जमानत का आदेश पारित हुआ था.
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