जौनपुरः जिले की एमपी में एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश शरद त्रिपाठी ने मंगलवार को 10 मई 2020 को नमामि गंगे योजना के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल के अपरहण व रंगदारी मांगने के आरोप में बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह को दोषी करार देते हुए जेल भेज दिया था. पूर्व सांसद को कोर्ट ने बुधवार को 7 साल की सजा भी सुना दी. पुलिस की लिखापढ़ी में बाहुबली धनंजय सिंह की क्राइम हिस्ट्री काफी लंबी चौड़ी रही है. धनंजय सिंह पर कुल 43 केस दर्ज थे जिनमें से 22 मुकदमों में उन्हें निर्दोष करार दिया गया. पहली बार उन्हें किसी मुकदमे में दोषी साबित किया गया है.
पहली पत्नी की मौत, दूसरी से तलाक और फ्रांस में तीसरी शादी:धनंजय सिंह ने जून, 2017 में तेलंगाना की रहने वाली श्रीकला रेड्डी से फ्रांस के पेरिस में शादी की. श्रीकला रेड्डी तेलंगाना की बड़ी बिजनेस फैमिली से ताल्लुक रखती हैं. वह उनकी तीसरी पत्नी हैं. इससे पहले 2013 में दिल्ली स्थित सांसद निवास में उनकी दूसरी पत्नी जागृति सिंह पर अपनी नौकरानी की बेरहमी से पिटाई का आरोप लगा था. इस मामले के बाद धनजंय सिंह का उनसे तलाक हो गया था. वहीं, उनकी पहली पत्नी की संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी.
छात्र राजनीति से की शुरुआतःजौनपुर जिले के बनसफा में सामान्य परिवार में जन्मे धनंजय ने जौनपुर के टीडी कॉलेज से छात्र राजनीति की शुरुआत की थी. इसके बाद लखनऊ विश्विद्यालय में मंडल कमीशन का विरोध कर धनंजय ने अपनी छात्र राजनीति को धार दी थी. लखनऊ विश्विद्यालय में ही बाहुबली अभय सिंह के संपर्क में धनंजय आए और फिर हत्या, सरकारी ठेकों से वसूली, रंगदारी जैसे मुकदमों में नाम आने की वजह से धनंजय सुर्खियों में रहे. 1998 तक धनंजय का नाम लखनऊ से लेकर पूर्वांचल तक जरायम जगत में सुर्खियों में आ चुका था और उन पर पुलिस की ओर से 50 हजार का इनाम घोषित हो चुका था. अक्टूबर 1998 में पुलिस के मुताबिक 50 हजार का इनामी धनंजय सिंह तीन अन्य बदमाशों के साथ भदोही-मिर्जापुर रोड पर स्थित एक पेट्रोल पंप पर डकैती डालने आए थे. पुलिस ने दावा किया था कि मुठभेड़ में धनंजय सहित चारों बदमाश मारे गए थे. हालांकि बाद में पता चला कि धनंजय जिंदा थे और भूमिगत हो गए थे. 1999 में इस फर्जी मुठभेड़ का खुलासा हुआ तो मानवाधिकार आयोग ने जांच शुरू करा दी. इस मामले में 34 पुलिसकर्मियों पर मुकदमे दर्ज हुए थे.
जिगरी दोस्त बने जानी दुश्मनः2002 आते-आते धनंजय सिंह और उनके बाहुबली जिगरी दोस्त अभय सिंह के संबंधो में खटास आने लगी. नतीजा यह निकला कि अक्टूबर 2002 में वाराणसी के नदेसर के टकसाल टाकीज से निकल रहे धनंजय सिंह के काफिले पर फायरिंग शुरू हो गई. स्थानीय लोगों के मुताबिक दोनों तरफ से जमकर गोलियां चली थीं. इस गोलीबारी में धनंजय के गनर सहित चार लोग घायल हुए थे. प्रकरण को लेकर धनंजय ने कैंट थाने में अभय सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था.
चार बार चुनाव भी हारेःबाहुबली धनंजय सिंह एक बार नही बल्कि चार विधानसभा चुनाव में मल्हनी सीट से चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि वह जीत नहीं पाए लेकिन भाजपा प्रत्याशी की जमानत जरूर जब्त करवा चुके हैं. इन चुनावों में उन्होने सपा प्रत्याशी को कड़ी टक्कर देकर दूसरे स्थान पर रहे. इतना ही नही 2004 लोकसभा चुनाव में धनंजय सिंह कांग्रेस-लोजपा गठबंधन से मैदान में उतरकर भाजपा प्रत्याशी तत्कालीन गृहराज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद की हार का कारण बन चुके है.