बदायूं : कुंवर गांव थाना क्षेत्र के ग्राम भैंसामई के जंगल में 13 फरवरी को मुकद्दम उर्फ बांके का शव मिला था. जिसकी गर्दन काटकर हत्या कर दी गई थी. हत्यारों ने बांके का सिर धड़ से अलग कर दिया था. इस संबंध में बांके के भाई राजपाल द्वारा गांव के ही चार लोगों को नामजद करते हुए मुकदमा दर्ज कराया गया था. पुलिस ने मामले की जब जांच पड़ताल शुरू की तो उसमें नामजदगी सही नहीं पाई गई. इसके बाद पुलिस तथा एसओजी की टीमों का मामले के खुलासे के लिए गठन किया गया. जिसका सनसनीखेज खुलासा बुधवार को पुलिस ने किया है.
पुलिस की थ्योरी के अनुसार मुकद्दम उर्फ बांके बिहारी (55) की गोटिया थाना कुंवरगांव क्षेत्र का निवासी था. 13 फरवरी को बांके की हत्या गर्दन काटकर की गई थी. जांच पड़ताल में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. बांके के गांव में गुलफाम नाम के व्यक्ति की हत्या वर्ष 1998 में हुई थी. जिसमें गांव के कुछ लोग जेल गए थे. इस घटना में बांके जेल नहीं गया था, लेकिन गुलफाम के परिजनों को हमेशा से यह शक था कि गुलफाम की हत्या का बांके ने ही कराई थी. इस वजह से दोनों परिवारों के बीच मनमुटाव था. गुलफाम के भाई हाकिम की पास के ही गांव के फाजिल से दोस्ती थी. फाजिल आपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति है. इसे बांके ने ही एक बार भैंस चोरी के मामले में नामजद भी किया था. इसी रंजिश के आधार पर हाकिम ने बांके की हत्या के लिए फाजिल को दो लाख रुपये की सुपारी देना तय किया. इसके बाद फाजिल ने अपने एक साथी जाबिर तथा महिला मित्र पूजा के साथ मिलकर बांके की हत्या की योजना बना डाली. बांके को पूजा द्वारा फर्जी सिम के माध्यम से ट्यूबवेल पर बुलाया गया तथा उसे शराब पिलाई गई. इसके बाद तीनों ने मिलकर छूरे से उसकी गर्दन काटकर निर्मम हत्या कर दी.