सीतामढ़ी:बचपन बचाओ आंदोलन को गुप्त सूचना प्राप्त हुई कि सीतामढ़ी जिला के परिहार प्रखंड अंतर्गत नरंगा दक्षणी पंचायत के एक गांव में दो नाबालिग लड़कियों की शादी तय की गई है. टीम को पता चला कि नाबालिग लड़की का 2 मई को गांव में बाल विवाह सम्पन्न करवाया जाना है. जिसके बाद मामले की जानकारी अनुमंडल पदाधिकारी सह बाल विवाह निषेध पदाधिकारी को दी गई.
सीतामढ़ी में बाल विवाह: प्रखंड विकास पदाधिकारी के निर्देशन में बेला थाना के नरंगा ओपी की पुलिस और बचपन बचाओ आंदोलन की संयुक्त टीम गांव में बाल विवाह रुकवाने गई. गांव में बाल विवाह रुकवाने गई टीम को विरोध का सामना करना पड़ा. नाबालिग लड़की के पिता और स्थानीय वार्ड सदस्य के पति के द्वारा भीड़ एकत्रित कर ली गई. बच्ची के उम्र से संबंधित कोई भी प्रमाण नहीं देकर सहयोग नहीं किया गया और बचपन बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ता के साथ गाली गलौज किया गया.
बचपन बचाओ की टीम पर हमला: बाल विवाह रुकवाने गांव में आने पर जान से मारने की धमकी संयुक्त रूप से बाल विवाह रोकथाम में बाधा पहुंचाने वाले लोगों के द्वारा दी गई, लेकिन पुलिस एवं बचपन बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ता द्वारा बाल विवाह निषेध कानून की जानकारी देने के बावजूद भी एक 15 वर्ष की नाबालिग लड़की का टीम के वापस आने के बाद रात्रि को बाल विवाह करवा दिया गया. जिसके बाद 2 मई को संजीव कुमार अनुमंडल पदाधिकारी सह बाल विवाह निषेध पदाधिकारी सदर अनुमंडल एवं डीएसपी सह नोडल विशेष किशोर पुलिस इकाई मो नजीब अनवर के निर्देश पर दूसरी नाबालिग बालिका का विवाह रुकवाा गया.
लड़के को पुलिस ने किया गिरफ्तार: नाबालिग लड़की को मुक्त करवाने बेला थाना के बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी पंकज कुमार, बचपन बचाओ आंदोलन के सहायक प्रोजेक्ट अधिकारी मुकुंद कुमार चौधरी , शिव शंकर ठाकुर, बेला थाना की प्रशिक्षु पुलिस अवर निरीक्षक प्रियंका कुमारी , चाइल्ड हेल्पलाइन सीतामढ़ी टीम की रेखा कुमारी और बेला थाना के पुलिस बल गांव पहुंचे और बाल विवाह करवाई गई.