जयपुर:नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की ओर से जेईई मेन 2025 जनवरी सेशन का रिजल्ट जारी किया गया है. इसमें देश के 14 छात्रों ने 100 परसेंटाइल प्राप्त की है. इनमें जयपुर के मालवीय नगर निवासी आयुष सिंघल भी शामिल हैं. आयुष ने फिजिक्स में 100 में से 100, जबकि केमिस्ट्री में 99.98 और मैथ्स में 99.99 स्कोर प्राप्त किया. आयुष ने बताया कि उन्होंने बीते 3 साल से किसी फंक्शन को अटेंड नहीं किया, स्ट्रेस दूर करने के लिए अपने दादा-दादी से बात की, भाई के साथ खेले. उन्होंने सलाह दी कि जो छात्र विफल रह गए हैं, वे निराश ना हो बल्कि, बेहतर तैयारी करके अप्रैल के अटेंप्ट में पार्टिसिपेट करें.
शुरू से थी साइंस में रुचि, 11 से 12 घंटे की पढ़ाई :जेईई मेंस में 100 परसेंटाइल प्राप्त करने वाले जयपुर के टॉपर आयुष सिंघल से ईटीवी भारत ने उनकी सफल जर्नी के बारे में बात की. उन्होंने बताया कि उन्हें शुरू से ही साइंस में रुचि थी, इसलिए उन्होंने साइंस मैथ्स को चुना और आगे इंटरेस्ट आता गया तो पढ़ते चले गए. उनके अनुसार अकेले पढ़ने से बेहतर फ्रेंड्स के साथ पढ़ना होता है. फ्रेंड्स के साथ डिस्कशन से डाउट क्लियर करने में काफी हेल्प मिलती है. उन्होंने अपनी दिनचर्या के बारे में बताया कि कि वो करीब 11 से 12 घंटे पढ़ाई करते थे. सुबह उठकर केमिस्ट्री पढ़ते थे, क्योंकि उसे याद करना होता था, फिर मैथ्स और फिजिक्स की प्रैक्टिस करते थे.
जेईई मेन में आयुष ने 100 परसेंटाइल प्राप्त किया. (ETV Bharat Jaipur) पढ़ें: JEE MAIN 2025: गाइडलाइन को ठीक से पढ़कर नहीं पहुंचे कैंडिडेट, कपड़ों पर मैटेलिक चेन या बटन वाले हुए परेशान
तनाव दूर करने के लिए दादा-दादी से करते हैं बात :उन्होंने बताया कि अपना तनाव दूर करने के लिए वो रात को अपने बड़े भाई के साथ खेलते थे. कभी-कभी बाहर बैडमिंटन खेलने भी चले जाया करते थे. सुबह वॉक पर भी निकला करते थे. उन्हें अपने दादा-दादी से भी काफी मदद मिली. जब भी स्ट्रेस फील होता था, तो उनके घर जाकर उनसे बात करते थे. उससे उन्हें बहुत अच्छा लगता था.
डिप्रेशन के बजाय अप्रैल अटेम्प्ट की करें तैयारी :अपने जूनियर्स को मैसेज देते हुए आयुष ने कहा कि रात को सोते समय अगले दिन का शेड्यूल सेट कर लें. फिर उस शेड्यूल के अकॉर्डिंग चलने और निर्धारित सिलेबस को पूरा करने के लिए जी जान लगा दें. जो छात्र इस बार सफल नहीं हो सके हैं, उन्हें मैसेज देते हुए आयुष ने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ कि डिप्रेशन में जाएं. आगे और प्रेक्टिस करके अप्रैल अटेम्प्ट में पार्टिसिपेट करें. उन्होंने बताया कि अभी मेन्स ही क्लियर किया है, आगे उनका भी पूरा फोकस एडवांस पर है.
परिजनों के साथ केक काटकर सफलता का जश्न मनाते हुए (ETV Bharat Jaipur) यह भी पढ़ें: कोचिंग फैकल्टी पिता ने पढ़ाया मैथ्स, बेटा अर्णव बन गया JEE MAIN टॉपर, बोले- नहीं दिया था कोई टारगेट
3 साल से किसी फंक्शन को नहीं किया अटेंड :वहीं, आयुष के पिता राजीव सिंघल ने बताया कि आयुष की उपलब्धि में उनका कोई खास गाइडेंस नहीं रहा, बल्कि निजी इंस्टिट्यूट के टीचर्स की विशेष गाइडेंस रही. बतौर परिजन उनका रोल सिर्फ इतना था कि उन्होंने खाने- पीने का विशेष ध्यान रखा और डेली रूटीन ठीक रखने में मदद की. वहीं, आयुष की माता अनीता सिंघल ने बताया कि बीते 3 साल से आयुष ने कोई फैमिली प्रोग्राम तक अटेंड नहीं किया. किसी प्रोग्राम में जाने के लिए यदि आयुष को कहते थे तो वो सिर्फ ये कह कर टाल देते थे कि सिर्फ खाने के लिए वो अपने 2 घंटे खराब नहीं कर सकते.
माला पहना कर आयुष का स्वागत करते शिक्षक (ETV Bharat Jaipur) जेईई मेंस स्पीड और एफिशिएंसी का गेम :आयुष के मेंटर और जेईई विशेषज्ञ आशीष अरोड़ा ने बताया कि आयुष शुरू से शार्प रहे और सबसे खास बात ये थी कि बहुत कम बच्चे ऐसे होते हैं जो डेडीकेशन के साथ चीजों को फॉलो करते हैं और ईमानदारी से मेहनत करते हैं. वो ईमानदारी आयुष और उनके पेरेंट्स में देखने को मिली. सबसे ज्यादा जरूरी होता है हाई स्पीड पर काम करना. स्पीड में जब बच्चे काम करते हैं, तो गलतियां ज्यादा होती हैं. उन्होंने बताया कि जेईई मेन्स एग्जाम का नेचर भी ऐसा ही है कि इसमें स्पीड और एफिशिएंसी बनाने की कोशिश में गलतियां होती चली जाती हैं. साथ में इस बात का सभी बच्चों को ध्यान रखना चाहिए कि जहां-जहां गलतियां हो रही है, उसे कंपाइल करते चलें और बार-बार देखते चलें. आगे जेईई एडवांस है जो स्पीड का नहीं बल्कि इंटेलेक्चुअल आईक्यू का गेम है. आयुष ने अपने आप को स्पीड पर प्रूव किया है. अब इंटेलेक्चुअल आईक्यू पर भी खुद को प्रूफ करना है और इस पर उनका फोकस है.