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छत्तीसगढ़ के आत्मानंद स्कूलों में शिक्षकों की कमी बरकरार, जानिए आखिर क्यों लटकी है शिक्षकों की भर्ती ? - Atmanand School

कोरबा के आत्मानंद स्कूल शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं. आधा परीक्षा सत्र गुजरने को आया है, लेकिन शिक्षकों की कमी की वजह से बच्चों की पढ़ाई लटकी हुई है. वहीं सितंबर 2023 में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के लिए शिक्षकों की संविदा भर्ती प्रक्रिया शुरु की गई, जो अब तक अटकी हुई है. इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है.

Shortage of teachers in Atmanand School of KORBA
आत्मानंद स्कूलों में शिक्षकों की कमी (ETV Bharat Chhattisgarh)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 12, 2024, 6:58 PM IST

कोरबा : जिले के स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की कमी बनी हुई है. शैक्षणिक सत्र के 4 महीने गुजर गए हैं, लेकिन अब तक शिक्षकों की कमी को दूर नहीं किया जा सका है. इससे शैक्षणिक सत्र में पढ़ाई प्रभावित हो रही है.

जिले में शिक्षकों की कमी बरकरार : कोरबा जिला प्रशासन की ओर से पिछले साल सितंबर में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के लिए शिक्षकों की संविदा आधार पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी. उम्मीदवारों से विभिन्न विषयों के व्याख्याता, शिक्षक, सहायक शिक्षक, प्रधान पाठक सहित ग्रंथपाल के कुल 134 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मंगाए गए थे. हजारों की तादाद में उमीदवारों ने आवेदन भी किया था, लेकिन भर्ती प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी.

बच्चों की पढ़ाई हो रही प्रभावित :सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में भौतिकी, जीव विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, रसायन, अंग्रेजी, गणित, संस्कृत, हिन्दी सहित अन्य विषयों के व्याख्याता और शिक्षकों की कमी है. इससे जिन विद्यालयों में इन शिक्षकों की कमी है, वहां इन विषयों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है.

कोरबा में है 54 आत्मानंद स्कूल :जिले के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में केंद्रीय शिक्षा बोर्ड की शिक्षा नीति को पहुंचाने के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने स्वामी आत्मानंद स्कूलों की शुरूआत की थी. इन स्कूलों में एडमिशन का क्रेज आज भी बना हुआ है. अकेले कोरबा जिले में 12 अंग्रेजी और 42 हिंदी माध्यम आत्मानंद स्कूल हैं. लेकिन इन स्कूलों में विभिन्न विषयों के व्याख्याता शिक्षक, सकायक शिक्षक, प्रधान पाठक के साथ ही ग्रंथपाल के पद खाली पड़े हैं. सरकारी अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की कमी की वजह से अध्यापन का कार्य पिछड़ रहा है.

"आत्मानंद स्कूलों की भर्ती प्रक्रिया पिछले सेशन में शुरू हुई थी. यह मेरे कार्यकाल का मामला नहीं है, इसलिए फिलहाल इसकी ज्यादा जानकारी नहीं है. संविदा आधार पर भर्ती की जाती है. यह भर्ती क्यों नहीं हो सकी, स्कूल स्तर पर इसकी जानकारी ली जाएगी. स्कूलों में अध्ययन-अध्यापन कार्य प्रभावित न हो, इसके लिए इंतजाम किए जाएंगे." - टीपी उपाध्याय,जिला शिक्षा अधिकारी, कोरबा

मिडिल स्कूलों के लिए 96 शिक्षकों के पद की स्वीकृति :जिला प्रशासन ने शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए मिडिल स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति की बात कही है. जिला खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफ) के जरिए मिडिल स्कूलों के लिए 96 शिक्षकों के पदों की स्वीकृति प्रदान की गई है. इससे माध्यमिक विद्यालयों में, जहां तीन से कम शिक्षक थे, वहां न्यूनतम तीन शिक्षक होंगे. मिडिल स्कूलों में शिक्षकों की पर्याप्त व्यवस्था से विद्यार्थियों को लाभ मिलने की बात कलेक्टर ने कही है. जिले में लगभग 518 मिडिल स्कूल संचालित हैं.

आत्मानंद स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती लंबित : शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया शाला प्रबंधन समिति के माध्यम से की जाएगी. सबसे पहले ग्राम पंचायत स्तर पर योग्य शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी. योग्य अभ्यर्थी नहीं मिलने पर विकासखंड स्तर पर, फिर जिला स्तर पर अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी. शिक्षा सत्र के शुरुआत के साथ ही हाई और हायर सेकंडरी स्कूलों में विषय विशेषज्ञ 118 शिक्षकों की नियुक्ति भी जारी है. लेकिन आत्मानंद स्कूलों में 134 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया लंबित है. उस पर किसी तरह का कोई फैसला नहीं हुआ है.

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