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महाफैसला: अतीक अहमद की मौत के बाद गुंडागर्दी के 712 मामले 14 घंटे में खत्म, पुलिस कमिश्नर कोर्ट ने की महासुनवाई - 712 gunda cases close in Prayagraj - 712 GUNDA CASES CLOSE IN PRAYAGRAJ

माफिया अतीक अहमद की मौत के बाद प्रयागराज में गुंडागर्दी के 712 मामले 14 घंटे में खत्म कर दिए गए हैं. यह महासुनवाई की पुलिस कमिश्नर कोर्ट ने. चलिए जानते हैं इस बारे में.

Atiq Ahmed
Atiq Ahmed (photo credit: etv bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 12, 2024, 11:06 AM IST

प्रयागराजः प्रयागराज में पुलिस आयुक्त न्यायालय ने 14 घंटे से ज्यादा समय तक कार्यवाई करते हुए 712 सालों पुराने केसों को निस्तारित कर रिकॉर्ड कायम कर दिया है. शनिवार की सुबह से लेकर रात तक चली कोर्ट की कार्यवाई के दौरान 2008 से लेकर 2022 तक पुराने गुंडा एक्ट के मामलों को निस्तारित कर दिया.इस दौरान वादकारियों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं ने ऑनलाइन सुनवाई के दौरान जिरह करते हुए हाईकोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए गुंडा एक्ट के सैंकड़ो वादों को निस्तारित करवा दिया. इस मेगा कोर्ट की कार्यवाई के दौरान उन वादों को निस्तारित किया गया है जिसमें वादियों के ऊपर एक मुक़दमें दर्ज थे और उसी के चलते गुंडा एक्ट का केस चल रहा था.

प्रयागराज में शनिवार को पुलिस आयुक्त रमित शर्मा की न्यायालय की कार्यवाई आम दिनों के मुकाबले जल्दी शुरू कर दी गयी और सालों पुराने गुंडा एक्ट की फाइलों को निस्तारित करने की कार्यवाई शुरू की गयी. इस दौरान सालों पुराने गुंडा एक्ट के लंबित मुकदमों की निशुल्क पैरवी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं द्वारा जनहित ने निःस्वार्थ रूप से इन केसों की जिरह बिना कोई शुल्क लिए हुए पुलिस आयुक्त की कोर्ट में प्रभावी पैरवी की गयी.शनिवार को पहली बार पुलिस आयुक्त की कोर्ट 14 घण्टे से ज्यादा समय तक चली और रिकॉर्ड मामलों की सुनवाई करते हुए 712 गुंडा एक्ट के मामलों को निस्तारित किया गया.

सुप्रीम कोर्ट के वकीलों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की जिरह
शनिवार को सुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये ऑनलाइन जुड़े सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं स्मिता दीक्षित और करण मल्होत्रा ने प्रभावी तरीके से जिरह की.इस दौरान उन्होंने दूसरे न्यायालय के अलावा इलाहाबाद हाईकोर्ट के भी उन फैसलों का हवाला दिया जिसमें कोर्ट ने एक मुक़दमें पर गुंडा एक्ट किये जाने की कार्यवाई को गलत बताते हुए उसे वापस करने का आदेश दिया था.जिसके बाद पुलिस आयुक्त कोर्ट में मौजूद अभियोजन अधिकारी आनंद गुप्ता ने भी सरकार के हाल ही जारी उस आदेश का हवाला दिया जिसमें एक केस दर्ज होने पर की गयी गुंडा एक्ट की कार्यवाई को वापस करने का निर्देश दिया गया था.पुलिस आयुक्त रमित शर्मा की कोर्ट ने एक मामले के बावजूद गुंडा एक्ट की नोटिस जारी किये जाने वाले 712 गुंडा एक्ट के मामलों को निस्तारित करते हुए गुंडा एक्ट की नोटिस वापसी का आदेश दिया है.हालांकि इन 712 मामलों में वही मुक़दमें शामिल हैं जिसमें आरोपियों पर गुंडा एक्ट की नोटिस जारी होने के बाद कोई दूसरा केस दर्ज नहीं हुआ है और लम्बे समय से उनका गुंडा एक्ट का केस चल रहा है.

जिले में लंबित थे 3853 गुंडा एक्ट के मामले
प्रयागराज में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद जिले भर के 3 हजार 8 सौ 53 गुण्डा एक्ट के मामले प्रशासनिक अफसरों के यहां से ट्रांसफर होकर पुलिस आयुक्त न्यायालय में पहुँचे.3853 लंबित मुकदमों में साल 2008 से लेकर 2022 तक के मामले लंबित थे. हजारों लंबित इन मुकदमों के निस्तारण के लिए पिछले महीने से पुलिस आयुक्त ने अभियान शुरू किया.जिसके तहत लंबित वादों को निपटाने के लिए उन्होंने अपनी कोर्ट सप्ताह में दो से बढ़ाकर तीन दिन कर दी.सोमवार और गुरुवार के अलावा शनिवार को भी लंबित मुकमदों की सुनवाई शुरू कर दी.पिछले शनिवार को इसी अभियान के तहत 107 वादों का निस्तारण किया गया था.11 मई शनिवार को पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार कोर्ट जल्दी सुबह बैठ गयी और सालों से लंबित मुकदमों की सुनवाई शुरू कर दी.सुबह से लेकर रात तक 14 घंटे से ज्यादा समय तक चली कोर्ट की कार्यवाई के दौरान 712 गुंडा एक्ट के मामलों को निस्तारित किया गया.

पुलिस कमिश्नरी सिस्टम में कायम हुआ रिकॉर्ड
शनिवार को जिस तरह से प्रयागराज के पुलिस आयुक्त न्यायालय ने एक दिन में महाअदालत लगाकर 14 घण्टे से ज्यादा समय तक कोर्ट की कार्यवाई करते हुए 712 सालों पुराने मामलों को निस्तारित किया.यह अपने आप में एक रिकॉर्ड बन गया है. अभी तक प्रदेश के किसी भी पुलिस आयुक्त की कोर्ट में एक दिन में गुंडा एक्ट के इतने मामलों को निस्तारित नहीं किया गया है. इसी के साथ यह पहला मौका है जब किसी भी पुलिस आयुक्त की कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के वकीलों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये ऑनलाइन बहस की हो.बहरहाल पुलिस आयुक्त की न्यायालय में एक साथ 718 गुंडा एक्ट के मामलों को निस्तारित किये जाने से उन तमाम वादकारियों को राहत मिल गयी है जो वकील का खर्च न दे पाने की वजह से सालों से परेशान थे और उनके केस लटके हुए थे.

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